अभी जब शाहरुख खान अभिनीत फिल्म ‘जवान’ का कोहराम मचा हुआ है तो ध्यान गया इस फ़िल्म के डायरेक्टर एटली कुमार पर। सर्च किया तो जाना कि बेहद कम उम्र में एटली ने 10 साल में चार बड़ी फिल्में दी हैं और अब वे ‘जवान’ लेकर आये हैं। वे समकालीन तमिल सिनेमा ऐसे फिल्म डायरेक्टर हैं जिनकी सभी फिल्में सुपरहिट हुई हैं।
एटली का असली नाम अरुण कुमार है। मदुरई में जन्मे एटली ने 19 साल की उम्र में डायरेक्टर शंकर को दो फिल्मों में असिस्ट किया। शंकर खुद ‘बड़ी’ टाइप की फिल्में बनाते रहे हैं। 2013 में 27 साल के एटली ने अपनी पहली फ़िल्म ‘राजा रानी’ डायरेक्ट की। यह फ़िल्म हिट रही और बढ़िया बिजनेस किया। फिर एटली ने थलपति विजय के साथ ‘थेरी’, ‘मर्सल’ और ‘बिगिल’ फिल्में बनाईं जो अपने समय मे सबसे बड़ी कमाई करनेवाली फिल्में बनीं। अब उनकी पांचवी निर्देशित फ़िल्म ‘जवान’ हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज हुई है जिसने बड़ा बज बना रखा है।
एटली की फ़िल्म मेकिंग मसालेदार है। एक्शन और इमोशन से लबरेज उनकी फिल्मों की खास बात है, सिस्टम से हारा रॉबिनहुड टाइप का नायक या नायिका, अवाम को बुनियादी सामाजिक – राजनीतिक सन्देश देना और स्त्री सशक्तीकरण। कल रिलीज ‘जवान’ में भी बैंक के अरबों रुपये न चुकाकर भागनेवाले लोग, किसानों का कर्ज और आत्महत्या, लचर स्वास्थ्य सुविधाएं, कार्पोरेट संचालित सत्ता के नुकसान, पर्यावरण का नुकसान, आर्मी को निजी कंपनियों से मिले हथियारों की खराबी की समस्या, सिस्टम की पोल खोलनेवालों को फंसाकर जेल में डालने का मुद्दा और वोट की कीमत समझने की अपील जैसी बातें स्त्री सशक्तिकरण के साथ तमाम फिल्मी मसाले डालकर बनाई गई है।
इस मॉस एंटरटेनर डायरेक्टर को चार साल पहले नेटिजन्स द्वारा उनके रंग को लेकर मजाक उड़ाया गया था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर उनकी पत्नी के साथ वाली तस्वीरें डालकर ‘सरकारी नौकरी फायदे’ कैप्शन डालकर रंग का मजाक उड़ाया जाता रहा है। रंग, धर्म, जाति, प्रजाति, जेण्डर, गरीबी, मेहनत के कामों आदि विभिन्न विषयों पर दूसरों का मजाक उड़ाना हमारे यहां बहुत लोग करते हैं। वास्तव में यह समाज जेहनी तौर पर बहुत बीमार है जिसके पास मानवीय होने की आदर्शवादी कामनाओं के अतिरिक्त कुछ नहीं है।
मुमकिन है, अपने टेस्ट के हिसाब से फ़िल्म देखनेवालों को एटली की फिल्में पसंद न आएं पर सिनेमा में कई जॉनर होते हैं। एटली का यह अपना टिपिकल मनोरंजन मसाला और मैसेज वाला जॉनर है। इस स्टाइल से वे मॉस से जुड़ जाते हैं और यही उनकी फिल्मी सफलता का राज है। इस युवा फ़िल्म निर्देशक को बहुत शुभकामनाएं।
Piyush Kumar जी के वॉल से।