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डेंगू : भ्रामक बातों से बचें, मत पियें बकरी का दूध

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    डॉ. नेहा, दिल्ली 

भारत में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को डेंगू के प्रति अधिक सचेत हो जाना चाहिए। डेंगू होने पर शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं, जैसे की अधिक बुखार, थकान, आदि। 

     डेंगू होने के कुछ दिनों बाद प्लेटलेट्स का काउंट तेजी से गिरना शुरू हो जाता है। प्लेटलेट्स का गिरता काउंट शरीर को कई नकारात्मक नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में समय रहते प्लेटलेट्स के गिरते काउंट को कंट्रोल करना जरूरी है। जिसके लिए मेडिकल केयर बहुत जरुरी है।

   बहुत से लोग सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करते हुए प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे आजमाना शुरू कर देते हैं। खास करके डेंगू में बकरी का दूध पीने की सलाह दी जाती है और जैसे ही डेंगू के मामले बढ़ते हैं, बकरी के दूध का दाम आसमान छूने लगता है। 

      केवल सुनी सुनाई बातों पर भरोसा करना उचित नहीं है। डेंगू जैसी गंभीर बीमारी में किसी भी घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

*डेंगू में क्यों निषिद्ध है बकरी का दूध?*

     डेंगू एक प्रकार का संक्रमण है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। संक्रमित मच्छर डेंगू वायरस को शरीर में इंजेक्ट करते हैं, जिसकी वजह से डेंगू फीवर का सामना करना पड़ता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, शरीर के संक्रमित होने से पाचन क्रिया बेहद कमजोर हो जाती है। ठीक उसी प्रकार डेंगू की स्थिति में भी पाचन क्रिया पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस स्थिति में बकरी का दूध पीना उचित नहीं है।

      बकरी के दूध को पचना कठिन होता है और क्योंकि पाचन क्रिया कमजोर और संवेदनशील होती है ऐसे में इन पर जोर डालने की वजह से डायरिया अपच और पाचन संबंधी तमाम अन्य प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। 

      आज के समय में बहुत कम लोगों के पास बकरी है, आपको बताएं की बकरी के दूध पर फौरन हानिकारक बैक्टीरिया ग्रो होना शुरू हो जाते है। जब तक आप इसे मार्केट से खरीद कर घर लाते हैं और इसे पीते हैं, तब तक इस पर काफी ज्यादा अनहेल्दी बैक्टीरिया का ग्रोथ हो चुका होता है।

     इस प्रकार यह डेंगू की स्थिति में आपके पाचन क्रिया में अन्य हानिकारक बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ा देता है, जिसकी वजह से स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है। बकरी के दूध के अनपाश्चराइज्ड होने और कोई फूड बोर्न इलनेस न हो इसलिए डॉक्टर डेंगू में बकरी का दूध न देने की एडवाइज देते हैं।

*डेंगू फीवर से हेल्दी रिकवरी के लिए कुछ खास डाइट टिप्स :*

    डेंगू फीवर से जल्द से जल्द रिकवर करने के लिए हेल्दी एवं हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में आपका पाचन स्वास्थ्य बेहद संवेदनशील होता है, इसलिए अपने खान-पान के प्रति विशेष रूप से सचेत रहें। 

     हल्का और सादा भोजन करें, जो पूरी तरह से सुपाच्य हो। इसके अलावा प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ लें। विशेष रूप से विटामिन के की मात्रा को बनाए रखें, यह ब्लड में थिकनेस लता है ताकि प्लेटलेट्स कम होने से इंटरनल ब्लीडिंग न हो।

*1. हाइड्रेटिंग फ्लूइड :*

डेंगू की स्थिति में अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। साथ ही कोकोनट वॉटर, अदरक की चाय, वेजिटेबल सूप, आदि को अपनी डाइट में शामिल करें।

*2. सुपाच्य फलों का सेवन :*

पोटेशियम से भरपूर केले का सेवन आपके पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसके अलावा पपीता, तरबूज, अनार जैसे फलों का सेवन करें, इनमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो डेंगू में आपको एक हेल्दी प्लेटलेट काउंट मेंटेन करने में मदद करेंगे। इसके साथ ही आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करेंगे।

*3. पके हुए सब्जियों का सेवन :*

गाजर, कद्दू, हरी सब्जियां जैसे की पालक, केल आदि को स्टीम करके अपनी डाइट में शामिल करें। इस स्टीम किए गए खाद्य पदार्थों को पचाना आसान होता है, साथ ही साथ उनके पोषक तत्वों की गुणवत्ता भी पूरी तरह से मौजूद होती है।

      यह सब्जियां आपको कई महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स प्रदान करेंगी, जिससे कि आपका प्लेटलेट काउंट मेंटेन रहेगा। साथ ही साथ आपके शरीर को एनर्जी मिलेगी।

*4. हेल्दी फैट लें :*

एवोकाडो नट्स और सीड्स में हेल्दी फैट सहित कई महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। सीमित मात्रा में इनका सेवन करें इससे आपके शरीर को कई लाभ मिलेंगे।

*5. लीन प्रोटीन :*

उबले हुए अंडे, टोफू, स्टीम कर के अच्छी तरह से कुक किए हुए चिकन और फिश जैसे लीन प्रोटीन को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। इन्हे डेंगू में पचाना आसान रहेगा, साथ ही साथ इनमें मौजूद पोषक तत्व आपकी बॉडी को रिकवर करने में मदद करेंगे।

*दो खास सूप- रेसिपी :*.

1. ग्रीन वेज सूप

पालक, केल और मेथी के पत्ते से बना यह हरी पत्तेदार सब्जियों वाला सूप, आपकी शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कई रूपों में फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेष रूप से इन सब्जियों में विटामिन के की मात्रा पाई जाती है, जो ब्लड क्लॉटिंग के लिए जरूरी है। प्लेटलेट्स कम होने पर ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में विटामिन के की संतुलित मात्रा आपको ब्लीडिंग से बचाती है।

     इसे बनाने के लिए आपको चाहिए: पालक, मेथी के पत्ते, केल, तूर दाल, नमक, एक चुटकी हल्दी, स्वाद के लिए काली मिर्च, कड़ी पत्ता और घी.

     इस पौष्टिक जूस को बनाने के लिए पालक, मेथी के पत्ते और केल को एक साथ अच्छी तरह उबाल लें।

उबालने के बाद इन्हें ब्लेंडिंग जार में डालकर ब्लेंड करें।

    फिर दाल और ब्लेंड किए गए सब्जियों को प्रेशर कुकर में डालें।

इसमें स्वाद अनुसार नमक और काली मिर्च डाल दें, अब इनमें दो से तीन या आवश्यकता अनुसार सिटी आने दें। फिर इन्हे उतार लें।

  दाल में कड़ी पत्ता और घी का तड़का लगाएं।

ध्यान रहे दाल अच्छी तरह से पक गई हो, और आप इसे पूरी तरह मसल पा रही हैं।

आपका सूप बनकर तैयार है, इसे गरमा गर्म सर्व करें।

*2. मोरिंगा सूप :*

मोरिंगा विटामिन सी और आयरन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसका सेवन डेंगू में प्लेटलेट काउंट्स को मेंटेन करने में आपकी सहायता करता है। साथ ही साथ यह डेंगू में नजर आने वाले अन्य लक्षणों को भी नियंत्रित रखता है। इसके साथ ही इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपके ब्लड हेल्थ के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते है। डेंगू में प्लेटलेट्स काउंट मेंटेन रखना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है, क्युकी यह सबसे अधिक परेशान करती है।

    इसे बनाने के लिए आपको चाहिए – कटी हुई मोरिंगा, मसूर की दाल, अदरक का टुकड़ा, नमक, हल्दी, काली मिर्च, घी.

     सबसे पहले मोरिंगा स्टिक को टुकड़ों में काट लें।

फिर प्रेशर कुकर लें, उसमें मोरींगा स्टिक डालें साथ ही मसूर की दाल, अदरक को भी कुकर में डाल दें।

इसके बाद इसमें नमक, हल्दी और अपना सभी पसंदीदा मसाला ऐड करें।

आखिर में 2 कप पानी डालें और कुकर को बंद करें।

माध्यम आंच पर 3 से 4 सिटी आने तक अच्छी तरह पकाएं।

आप चाहें तो इसे प्रेशर कुकर में पकाने की जगह बॉयल भी कर सकते हैं।

जब ये पक जाए तो इसे मैश कर लें, और इसका सूप निकाल लें।

आपका सूप बनकर तैयार है, इसे गरमा गर्म एंजॉय करें।

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