सुसंस्कृति परिहार पता नहीं कैसा अजीबोगरीब संग साथ है कोरोना जी और हमारे साहिब जी का ? हमारे साहिब जी ने उसे बहुरुपिया और धूर्त कहा था।बेशक उसके बहुरंगी रुप और उसके शिकार करने के तौर तरीके दोनों में तकरीबन एक जैसे हैं। आजकल कोरोना अफ्रीका के खतरनाक वेरियंट के साथ है तो साहिब जी अपनी लुभावनी बातें और झुकने की नई अदा के साथ दस्तक देने पहुंच गए हैं ।साहब अपने विशेष यान से आते जाते हैं तो कोरोना जी भी वाया एयर ही पहुंचते हैं। आजकल साहिब जी की नज़र युवाओं पर है वे उन्हें रोजगार देने अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाकर दे रहे हैं कोराना जी बहुत ख़ुश हैं इस ख़बर से ,अब बड़ी आबादी वाले प्रदेश में पहुंचना आसान हो जाएगा।वरना दिल्ली, मुंबई, कोलकाता,चैन्नई से आते आते पस्त हो जाते थे। फिर इस बार हमारी नज़र भी युवाओं , किशोर किशोरियों पर ही है।ना रहेंगे पढ़ाकू तो कैसे होगी बेरोजगारी। ये हमारा संग साथ बहुत मज़बूत है भले अंबानी साथ छोड़ दें हम नहीं छोड़ेंगे। जैसे साहिब जी गद्दी नहीं छोड़ेंगे।सत्ता छोड़ने के लिए नहीं होती। वैसे ही हमारा भी लक्ष्य साफ़ है जब तक जीवन है बहुरूप धारण कर अपना काम करते रहेंगे। आखिर वैक्सीन और आॅक्सीजन प्लांटों और नये बनने वाले मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों का क्या होगा ?मास्क और सेनेटाइजर बेचने और बनाने वाले लोग बेरोज़गार हो जायेंगे। हमें ये जानकर अचानक सदमा बैठ गया कि भारत में सौ करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग गई। लेकिन हम साहिब से कम नहीं नये रुप में फिर आ गए हैं देश में ।हमारा काम प्रारंभ हो चुका है। वैक्सीन के दोनों डोज़ लेने वालों पर भी हमारा असर हुआ है।शादी विवाह,चुनावी भीड़ भाड़ और पर्यटन पर जाने वाले हमारा भरपूर सहयोग कर रहे हैं। थोड़ी निराशा उस वक्त हुई जब साहिब जी की भोपाल और जेवर में वी आई पी से लेकर आम आदमियों की कुर्सियों को हमने खाली देखा। उन्हें अभी अपनी बोली बानी में और मिठास की ज़रूरत तो है ही।साथ ही राकेश टिकैत की तरह टसुए भी बहाने होंगे ।देखना ,रोता धोता चेहरा कितनी भीड़ बढ़ाता है जार जार रोइए बस अब एक चारा बचा है।मैं कहे देता हूं भीड़ नहीं तो मैं भी निराश होकर किसी और तरफ रुख कर लूंगा। आजकल ममता और प्रियंका दीदी के जलवे हैं। वैसे बहुत दिनों से महिला साहिबा का देश को इंतजार है।फिर भी मुझे उम्मीद है हमारा साथ बना रहेगा ।क्योंकि हम दोनों भाई बंद हैं और इन छोटे मोटे शत्रुओं से निपटना आता है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि हमारे बहुरुप देखकर गिरगिट भी तंग आकर लापता हैं।अब तो सिर्फ एक रंग है चाहे ओ वाय सी , तृणमूल,बसपा या आम आदमी पार्टी हो हमारे ही अनुशाषी संगठन हैं । कांग्रेस के लोगों का भारी अवदान तो ऐतिहासिक रहा ही है। आजकल लोगों में हम दोनों के बहुरुपिए और धूर्त स्वरुप की बड़ी चर्चाएं हैं। कुछ विरोधी देशद्रोही तत्व इसे पहचान लिए है और लोगों को सावधान करने में लग गए हैं।स्कूल, कालेज बंद कर रहे हैं। कहीं अभी से लाक डाऊन ना हो जाए नहीं तो किए कराए पर पानी फिर जाएगा। साहिब जी हमारा साथ कायम रहे, आपको मुनाफा भरपूर हो ताकि चुनाव का खर्च आदि निकल सके ।तब तक तो शांत रहिए।प्रचार भी हो जाएगा , बिक्री भी हो जाएगी और गंगा मैया एक बार फिर शववाहिनी कहलाएगी गुजरात जैसे नरसंहार की ज़रूरत भी नहीं होगी।