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सावधान! पीरियड में नॉर्मल नहीं है ब्लड क्लॉट्स

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       डॉ. नेहा, दिल्ली 

पीरियड्स के दौरान अक्सर ब्लड क्लॉट्स नजर आना नॉर्मल नहीं है।  ज्यादातर महिलाएं अपने जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर पीरियड्स में ब्लड क्लॉट्स का अनुभव जरूर करती हैं। 

      हेवी ब्लीडिंग के साथ ब्लड क्लॉट्स आना या हर बार पीरियड्स में क्लॉटिंग होना अच्छा संकेत नहीं है। इसके पीछे कई सामान्य कारणों से लेकर कई गंभीर स्थितियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं।

ये हैं पीरियड्स में क्लॉट्स आने के कारण :

*1. पॉलीप्स और फाइब्रॉएड :* 

पॉलीप्स और फाइब्रॉएड की ग्रोथ ओवरी और उसकी परत में हो सकती है और यह आपके पीरियड्स को सामान्य से ज़्यादा भारी और लंबा बना सकती है। सौम्य फाइब्रॉएड के कई प्रकार हैं, लेकिन सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड होने पर भारी ब्लीडिंग होने और बड़े क्लॉट्स बनने की सबसे अधिक संभावना होती है।

      सर्विक्स और यूट्स की परत में बढ़ने वाले गर्भाशय पॉलीप्स भी भारी थक्के का एक कारक हो सकते हैं। यदि आपको भारी ब्लीडिंग, पीरियड्स के दौरान बड़े ब्लड क्लॉट्स या पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव हो रहा है, तो यह फाइब्रॉएड जैसी गर्भाशय की रुकावट हो सकती है।

*2. बर्थ कंट्रोल के तरीके :*

यदि आपने हाल ही में बर्थ कंट्रोल का कोई नया तरीका शुरू किया है, और पीरियड्स के दौरान बड़े रक्त के थक्के निकल रहे हैं, तो कहीं न कहीं बर्थ कंट्रोल मेथड आपकी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हो सकते है। जन्म नियंत्रण के कुछ तरीके, जैसे कि नॉन-हार्मोनल आईयूडी, कुछ महिलाओं में सामान्य से ज़्यादा हेवी पीरियड्स और थक्के का कारण बन सकती है। 

    अगर आपके पास आईयूडी है और आपको हेवी क्लॉट्स और ब्लीडिंग का अनुभव हो रहा है, तो इन लक्षणों को लेकर डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि पता चल सके कि यह आपके लिए सही गर्भनिरोधक है या नहीं।

*3. कुछ दवाएं :*

गर्भनिरोधक की तरह, कई अन्य ओवर-द-काउंटर और निर्धारित दवाएं हैं, जो ब्लड क्लॉट्स के साथ हेवी ब्लीडिंग में योगदान कर सकती हैं। एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाइयां, हार्मोनल दवाएं (जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन) और एंटीकोआगुलंट्स असामान्य मासिक धर्म प्रवाह और रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं।

     यदि आपको पीरियड्स के दौरान बड़े ब्लड क्लॉट्स निकल रहे हैं, तो आप जो दवाएं ले रहे हैं, उनकी सूची बनाएं और डॉक्टर से उनके संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में चर्चा करें।

*4. गर्भपात :*

प्रेगनेंसी के शुरुआती स्टेज में, यदि मिसकैरेज होता है, तो इसे अक्सर सामान्य से अधिक हेवी ब्लीडिंग और थक्के के रूप में देखा जा सकता है। प्रीमेच्योर डिलीवरी भी सामान्य से अधिक बड़े ब्लड क्लॉट्स को जन्म दे सकती है।

*5. एंडोमेट्रियोसिस :

एंडोमेट्रियोसिस तब होता है जब आपके ओवरी के अंदर सामान्य रूप से विकसित होने वाले टिश्यू यूटरिन कैविटी के बाहर विकसित होते हैं। यह आपके पीरियड्स के दौरान बड़े ब्लड क्लॉट्स और ब्लीडिंग, पेट में दर्द और गंभीर ऐंठन का कारण बन सकता है। यह एक दर्दनाक स्थित है, जिसे डायग्नोज करना और इसका ट्रीटमेंट दोनों ही एक मरीज के लिए मुश्किल हो सकता है।

*7. पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम :

      पीसीओएस, एक सामान्य हार्मोनल असंतुलन है। ओवरीज पर फॉलिकल्स बनते हैं, जो नियमित रूप से अंडे जारी करने में विफल हो जाते हैं, उनके परिणामस्वरूप अनियमित मासिक धर्म होता है।

*बचाव और उपचार :*

    35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में पीरियड्स के दौरान क्लॉट्स आना बेहद सामान्य है। ज्यादातर महिलाओं को उसका अनुभव होता है। इसके अलावा स्मोकिंग आपके ब्लड वेसल्स को डैमेज कर देती है, जिसकी वजह से क्लॉटिंग का खतरा बढ़ जाता है।

      यदि आप नियमित रूप से अधिक स्ट्रेस में रहती हैं, तो इन्फ्लेमेशन के बढ़ने से भी पीरियड्स के दौरान ब्लड में क्लॉट्स आ सकते हैं। खान-पान के प्रति अधिक सचेत रहें, क्योंकि विटामिन बी 12, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी ब्लड क्लॉटिंग का कारण बनती है। 

     वेट मैनेजमेंट भी जरूरी है, क्योंकि अत्यधिक वजन होने से बॉडी में इन्फ्लेमेशन बढ़ता है, जिसकी वजह से क्लॉटिंग हो सकती है।

   नोट : 

क्या आपको लगातार पीरियड्स के दौरान ब्लड क्लॉट्स आ रहे हैं, तो बिना इंतजार किए अपने डॉक्टर से मिले और सलाह लें, क्योंकि इसे सेल्फ ट्रीट करना मुमकिन नहीं है। ऊपर बताए गए कई कारण बेहद गंभीर हैं, जिसे फौरन मेडिकल अटेंशन की आवश्यकता होती है।

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