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भाजपा के सत्ता और संगठन में भजकलदारम के खेल के चलते हर कोई भाजपा से जुडऩे को बैठा है ?

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भोपाल। (हिन्द न्यूज सर्विस)। यह मानवीय स्वभाव है कि दूसरों की सफेद कमीज देखकर हर किसी को चिढ़ होती है, यह स्थिति इन दिनों भाजपा में भी दिखाई दे रही है यहां जबसे इस प्रदेश में जबसे इस प्रदेश की सत्ता की कमान शिवराज के हाथों आई है तबसे लेकर आज तक इस प्रदेश में ऊपर से नीचे तक बह रही भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाकर भाजपा के नेता ही नहीं बल्कि राज्य के कई अधिकारी मालामाल हो गए हैं भाजपा नेताओं की तो शिवराज के शासनकाल के चलते यह स्थिति हो गई है कि जिन भाजपा कार्यकर्ताओं की हैसियत शिवराज सरकार के आने के पूर्व टूटी साइकिल तक खरीदने तक की नहीं थी आज वह आलीशान भवनों और लग्जरी वाहनों में फर्राटे भरते नजर आ रहे हैं, यही नहीं शिवराज के शासन की कार्यशैली की तरह भाजपा संगठन की कार्यशैली के बारे में पूर्व में कई खबरें सुर्खियों में रही हैं जिनमें भाजपा नेताओं ने पैसे देकर संगठन में पद प्राप्त किये हैं ऐसे एक नहीं अनेकों मामले शिवराज के शासनकाल में संगठन को लेकर सुर्खियों में रहे हैं, यही सब वह कारण हैं जिसकी वजह से कहीं शिवराज सिंह मोदी का नाम लेकर भाजपा में नेताओं के आने की बात कहते हैं तो कहीं संगठन के मुखिया वीडी शर्मा बुरहानपुर में यह बयान देते हैं कि लोग भाजपा में आने को बेताब हैं, यह सभी जानते हैं कि जब सत्ता परिवर्तन होता है तो सत्ता के दलाल और सत्ता का लाभ लेने वाले लोग हजारों की संख्या में दल-बदल करते हैं लेकिन इस समय जो लोग दल बदल कर रहे हैं वह भाजपा के शिवराज के शासनकाल की कार्यशैली को देखकर माला-माल हुए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की हैसियत देखकर लालायित हैं यही वजह है कि लोग भाजपा में आने को बेताब हैं ऐसे लोगों के आने से भाजपा के कार्यकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी तो होती ही है तो वहीं भाजपा के नेताओं द्वारा दूसरे दलों से आयातित लोगों को लाने से भाजपा के पुराने कार्यकर्ता जो दरी व झण्डे उठा रहे जो भाजपा को इस स्थिति में लाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं इससे उनके मन में असंतोष तो पनप ही रहा है तो वहीं लोग यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि भाजपा अपने दल का कांग्रेसीकरण करने की तैयारी में लगी हुई है, शायद भाजपा के लोगों का यह कृत्य कांग्रेसमुक्त भारत करने की रणनीति तो नहीं है? ०

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