शशिकांत गुप्ते
पूर्व में सामान्यज्ञान में वृद्धि के लिए एकदूसरे को पहेलियां पूछतें थे। पहेलियों का जवाब जानने के लिए कहा जाता था,पहेली बूझाओ? तात्कालिक समय में पहेलियां बूझना सामान्यज्ञान में वृद्धि के साथ मनोरंजन का खेल भी होता था।
कंप्यूटर की खोज के बाद मानव सामान्यज्ञान के लिए मशीन पर अवलंबित हो गया। कंप्यूटर का साधन के रूप में उपयोग करने के बजाए उसे साध्य समझा जा रहा है। यंत्र (Device) मतलब साधन की मदद से कंप्यूटर में सारी जानकारियां भरी जाती है। सामान्यज्ञान के प्रश्नों को उनके उत्तर सहित भरा जाता है।
बाजारवाद के कारण कंप्यूटर में भरे हुए सामान्यज्ञान के प्रश्नों की क़ीमत असामान्य हो जाती है। इक्कीसवीं सदी में लोकप्रियता के आधार पर सदी के नायक का खिताब प्राप्त अभिनेता लोगों को कंप्यूटर की मदद से चंद सामान्यज्ञान के प्रश्नों को पूछ कर करोड़पति बनाने का खेल खेलता है।
हरएक क्षेत्र में साधन को साध्य समझने की मानसिकता किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के बजाए,जुनून में बदल गई।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए बुद्धि का उपयोग होता है। जुनून का शाब्दिक अर्थ उन्माद होता है।
यही स्थिति इनदिनों राजनीति में स्पष्ट दिखाई दे रही है।
चुनाव जीतने को साध्य समझने की भूल कमोबेश तानाशाही प्रवृत्ति का द्योतक है।
मुख्य मुद्दा है सट्टे का खेल और खेलों में सट्टा?
क्रिकेट और टैनिस जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर खेल पर करोडों अरबों का सट्टा लगता है।
क्रिकेट के खेल पर मैच फिक्सिंग का आरोप भी लगता है?
यह आरोप सिर्फ आरोप ही है या हक़ीक़त है यह जाँच का विषय है? इनदिनों किसी भी संवेदनशील विषय पर बोलना,लिखने के लिए सावधानी बरतना ही समझदारी है।
यदि उक्त आरोप में जरा भी सच्चाई है तो,मैच जीतने का श्रेय किसी है? खिलाड़ियों में विद्यमान Game की निपुणता को या Gambling को?
इनदिनों ऐसा ही कुछ राजनीति में भी हो रहा है। राजनीतिशास्त्र (Political science) शास्त्र मतलब विज्ञान को भी साधन की जगह साध्य समझा जा रहा है।
राजनीति में चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही उम्मीदवारों के चयन से लेकर,चुनाव के प्रचार और चुनाव जीतने का तरीका बाजारवाद की तर्ज पर हो रहा है।
चुनाव के दौरान सट्टा बाजार सक्रिय हो जाता है। इस खेल में जिस उम्मीदवार की कीमत जितनी सस्ती होती है वही उम्मीदवार चुनाव जीतने के योग्य समझा जाता है?
चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण होने पर
Horse-trading नामक खेल शुरू हो जाता है। यह खोज का विषय है, निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सौदे बाजी को Horse की खरीद फरोख्त क्यों कहा जाता है?
इसीलिए कहा गया है कि,सट्टे का खेल और खेलों में सट्टा बहुत ही मनोरंजक खेल है। खेल को खेल की भावनाओं से समझना चाहिए।
शशिकांत गुप्ते इंदौर