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*दमन और बर्बरता का एक युग रहा है भूपेश बघेल के पाँच वर्षों का शासन*

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*राज्य को खोखला करने में कोई कमी नहीं छोड़ी भूपेश बघेल ने*

*विधानसभा चुनाव के परिणाम में जनता राज्य से बेदखल करेगी बघेल सरकार*

*विजया पाठक,*

भूपेश बघेल के शासन को छत्‍तीसगढ़ की जनता याद रखेगी। इतिहास में ऐसे शासक को शायद की प्रदेश की जनता देख पायेगी। छत्तीसगढ़ में भूपेश और उसकी चांडाल चौकड़ी की भय-भ्रष्टाचार-दमन-अत्याचार की सरकार ने प्रदेश में जो वातावरण निर्मित किया उससे प्रदेश की छबि को ही धूमिल कर दिया है। वैसे कहा भी जाने लगा है कि प्रदेश में कांग्रेस की उलटी गिनती शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होना है। चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी भले ही चुनाव प्रचार में खूब पसीने बहा रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि इस विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल और उनकी सरकार को जनता सरकार से बेदखल करने का मन बना चुकी है। जनता के मन में यह जो परिवर्तन आया है उसका कारण है कि बीते पांच वर्ष में भूपेश बघेल ने राज्य के अंदर जो भ्रष्टाचार की गंध मचाई है उससे प्रदेश की जनता में जबरदस्त गुस्सा है। जनता के गुस्से का यह गुबार आने वाली 03 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के परिणाम के साथ सामने आयेगा। सूत्रों की मानें तो बघेल को इस बात के संकेत भी प्राप्त हो गये हैं कि यह चुनाव उनके लिये अंतिम चुनाव है। इसके बाद उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद पर बैठने का अवसर नहीं मिलेगा। प्रदेश की जनता को भूपेश बघेल के कुशासन और हिटलरशाही से छुटकारा मिलने वाला है। छत्‍तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने पांच साल पूरे कर लिये हैं। इन पांच सालों में पूरे राज्‍य में आतंक और भय का वातावरण बना रहा। क्‍या पत्रकार, क्‍या अधिकारी और क्‍या आम जनता, सबके सब खौफ के साये में रहे। क्‍योंकि प्रदेश में अपराधियों का बोलबाला रहा। अपराधियों को पुलिस का खुला संरक्षण मिला। इन पांच सालों में बलात्‍कार, हत्‍याएं, लूटपाट, धमकी, चाकूबाजी की घटनायें निरंतर होती रही हैं। अधिकारी और नेताओं में पैसों की भूख बढ़ती गई जिससे भय का वातावरण बना रहा। किसी भी थाने में गए तो एक-दो लाख थानेदार ने मांगे, थानेदार की शिकायत एसपी से की तो वहां सुनवाई नहीं हु‍ई और एसपी की शिकायत डीजीपी से की तो वहां भी सुनवाई नहीं हुई। मतलब आम जनता की कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब 2023 के चुनाव में कांगेस जो वादे कर रही है वह खोखले साबित होंगे। सरकार कर्ज में डूबी है। उसे किसी भी घोषणा का पूरा करना संभव नहीं है। हम देख सकते हैं कि पहले शराबबंदी की घोषणा हुई थी। भूपेश सरकार आने के बाद सरकार के माध्‍यम से दो हजार करोड़ का घोटाला हो गया। शराब घोटाले में कई अधिकारी और नेता जेल में हैं और कई जमानत पर हैं। हाल ही में कांग्रेस ने किसानों को हर माह 3100 रू. देने का वादा किया है। हम पूछते हैं 3100 रूपये कहां से दिये जायेंगे। इससे पहले बोनस के रूपये भी नहीं दिये गए हैं। सरकार ने किसानों को छला, कर्मचारियों को धोखा दिया। अब छत्‍तीसगढ़ की जनता कांग्रेस की झूठी राजनीति को समझ चुकी है। हालात बद से बदतर हो गए हैं। छत्‍तीसगढ़ की सड़कों में गढ्डे हैं, पीने का पानी नहीं है, बिजली बिल के नाम पर जनता को धोखा दिया गया है। नरवा, गुरवा, वारी योजनायें अखबारों के विज्ञापन तक दिखाई देती हैं। गोबर के नाम पर 1300 करोड़ का घोटाला हुआ। धान परिवहन के नाम पर पांच हजारों करोड़ का घोटाला हुआ, कोयला परिवहन के नाम पर पांच हजार करोड़ का घोटाला हुआ। बघेल सरकार की पहचान घोटालों की सरकार हो गई है। सूत्रों के अनुसार छत्‍तीसगढ़ में कांगेस का सूफड़ा साफ हो रहा है। भूपेश के इर्द-गिर्द के कई अधिकारी गिरफ्तार हो चुके हैं। और जल्‍द ही 100 से अधिक अधिकारियों और भूपेश बघेल की भी गिरफ्तार होने की संभावना है। अब जनता 2023 के चुनाव में सरकार से हिसाब मांगने वाली है। पिछले पांच साल में भूपेश बघेल के जो भी काले कारनामें किये हैं उनका हिसाब चुकता करना होगा। इसके अलावा भय-भ्रष्‍टाचार-अत्‍याचार का जो साम्राज्‍य खड़ा किया है उसके ढहने का समय भी आ चुका है। कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश और उसकी चांडाल चौकड़ी की भय-भ्रष्टाचार-दमन-अत्याचार की सरकार का अंत होने वाला है।

*2018 से अब तक छत्‍तीसगढ़ की माताओं-बहिनों के 30 हजार तो दिये नहीं, अब किया 15 हजार का झूठा वादा*

छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस ने 2018 में एक घोषणा पत्र जारी किया था। इस घोषणा पत्र में कुल 36 वादों का जिक्र किया गया था। इस घोषणा पत्र में एक प्रमुख वादा था कि प्रदेश की महिलाओं को महतारी सम्मान योजना के तहत सभी माताओं को 500 रु. प्रतिमाह राशि प्रदान की जाएगी। घोषणा पत्र के पेज नंबर 19 में महिला और बाल कल्याण वाले पेज में दूसरे नंबर पर इस बात का उल्लेख किया गया था। लेकिन‍ आज तक इस योजना से एक भी महिला को एक रूपया तक नहीं मिला है। मतलब 2018 से अब तक छत्तीसगढ़ की माता-बहिनों के 30 हजार रूपये नहीं दिये हैं। अब 2023 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस वादा कर रही है कि वह दोबारा सत्‍ता में आने पर प्रत्‍येक साल प्रदेश की महिलाओं को 15 हजार रूपये देगी। अब सवाल उठता है कि आखिर कब तक भूपेश बघेल प्रदेश की माताओं-बहिनों से झूठे वादे कर वोट मांगते रहेंगे। जब उन्‍होंने पुराना वादा ही पूरा नहीं किया तो अब नया वादा कैसे पूरा करेंगे। प्रदेश की जनता भी अब भूपेश बघेल के झूठी घोषणाओं से अवगत होने लगी है। और दोबारा छलावे या विश्‍वास में नहीं आने वाली है। इसके अलावा 2018 में भी कांग्रेस ने एक प्रमुख वादा किया था कि प्रदेश में पूर्ण रूप से शराबबंदी की जायेगी। आज तक शराबबंदी नहीं हुई है। उल्‍टे दो हजार करोड़ का अवैध शराब घोटाला कर दिया है।

*अपनों को हरवाने दी सुपारी*

सूत्रों के अनुसार मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनों को हरवाने के लिए सुपारी दी है। जिसमें प्रमुख नाम हैं- ताम्रध्‍वज साहू, टीएस सिंहदेव, चरणदास महंत और जयसिंह अग्रवाल। दरअसल भूपेश बघेल मानते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस 65 सीटें जीत रही है। यदि इनमें से 4-5 हार भी जाये तो सरकार बनाने में कोई परेशानी नहीं होगी। यह भी सच है कि इन चारों नेताओं से भूपेश बघेल को अपनी कुर्सी का डर भी सता रहा है। यदि ये नेता जीतते हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो भूपेश बघेल की सीएम की कुर्सी खतरे में पड जायेगी।  

*भूपेश बघेल का अधिनायकवाद अब बन चुका है अराजकतावाद*

अधिनायकवाद के अन्तर्गत सरकार लोगों के सार्वजनिक और निजी जीवन के लगभग सभी पहलुओं को नियंत्रित करती है। लेकिन भूपेश बघेल के शासन में नियंत्रण के साथ ही लोगों के जीवन को कुचला गया है। छतीसगढ़ में अधिकांश अधिनायकवादी शासन निरंकुश या तानाशाहों द्वारा शासित होते हैं। लेकिन भूपेश बघेल क्रूर, विचारहीन और सिद्धांतविहीन शासक हैं। अधिनायकवादी शासक आमतौर पर बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं और अपने नागरिकों पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखने में सामान्य स्वतंत्रता से इनकार करते हैं। लेकिन भूपेश बघेल ने  आम जन मानस के जीवित रहने के अधिकार को भी अपने हाथों में लेकर उनको मरने हेतु विवश कर दिया। अगर छतीसगढ़ में भूपेश बघेल या कांग्रेस पुनः सत्ता में आती है तो यह भारत के ग़ुलामी के इतिहास के वही क्रूर, घृणित और रक्त रंजित पन्नों को फिर से जीवित कर देगा।

*पांच सालों में लगाई भ्रष्टाचार की झड़ी*

छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार और कुशासन में डूबा हुआ है। राज्य में हर योजना में घोटाला है। इन्होंने गाय के गोबर को भी नहीं बख्शा और गौ माता (गाय) के नाम पर भ्रष्टाचार किया। गोबर खरीद, राशन वितरण, शराब व्यापार, लोक सेवा आयोग (पीएससी) भर्ती और जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधि उपयोग जैसे अनेक घोटाले किये जिससे राज्य की जनता में आक्रोश है। राज्य में भ्रष्टाचार के जनक भूपेश बघेल और उनके करीबी है जिन्होंने सत्ता में रहने वाली इस पार्टी ने भ्रष्टाचार के नित नए कीर्तिमान स्थापित किए, उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सामने आया ‘महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाला’ कांग्रेस के भ्रष्टाचार की यात्रा की एक नई नजीर बनकर सबके सामने है।

*ईडी ने खोली बघेल की पोल*

भूपेश बघेल के खिलाफ कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि इस ऐप के ‘प्रोमोटर्स’ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नियमित भुगतान किया और अब तक कुल 508 करोड़ रुपये दिए गए हैं। ईडी ने दावा किया था कि फॉरेंसिक विश्लेषण और पैसे का लेन-देन करने वाले एक व्यक्ति के बयान में चौंकाने खुलासे हुए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

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