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कालेज में गरबा, मुस्लिम छात्र मुश्किलकात में (भाईचारा बिगाड़ने में लगी भाजपा)

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सुसंस्कृति परिहार
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के एक कालेज में आयोजित गरबा उत्सव मुस्लिम छात्रों के लिए इतना मुश्किलों भरा हो जाएगा यह ना तो कालेज प्रशासन ने सोचा होगा और ना ही इन छात्रों और उनके परिजनों ने।एक बार फिर विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल को यह संयुक्त उत्सव नागवार गुजरा उन्होंने पुलिस को ख़बर दी और शिवराज सिंह की पुलिस तुरंत फुरत गरबा स्थल पहुंची और चार छात्रों को लव जिहाद जैसे मामले की शक्ल में इस घटना को शरीक मानकर चारों छात्रों को थाना गांधीनगर ले  गई।वे अब जेल में हैं।ये जानकर आपको भी हैरानी होगी कि उक्त छात्रों को बाकायदा पास देकर कालेज प्रशासन ने कार्यक्रम में शामिल होने आमंत्रित किया था।वे अपनी मर्जी से यहां नहीं पहुंचे थे। कालेज के आदेश के परिपालन में ये वहां पहुंचे थे ।गरबा उनके गले की फांस बन गया।घटना के बारे में बजरंग दल जिला प्रमुख तनु शर्मा का दावा है कि गांधी नगर इलाके के आॅक्सफोर्ड कालेज के संचालक अक्षांशु तिवारी ने बिना परमिशन के गरबा का आयोजन किया।वहीं वे कहते हैं कि इस आयोजन हेतु सिर्फ 800की परमीशन थी लेकिन मौके पर 25 हजार लोग जमा थे।ये भी कहा गया कि इस आयोजन का पास 150₹ का था जिसे 600₹ में बेचा गया। सबसे बड़ी बात ये कि उपस्थित हिंदूवादी संगठनों ने कालेज संचालक पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर तुरंत कार्रवाई की मांग की।
बताया जाता है इन संगठनों के सदस्यों ने पांच मुस्लिम छात्रों हबीब , वाज़िद, शाहिद अदनान और अय्यूब को गरबा स्थल से पकड़कर पुलिस के हवाले किया। पुलिस अधिकारी बताते हैं कि हंगामें के चलते ए एस पी,सी एस पी ,थाना प्रभारी सहित आसपास से भारी संख्या में पुलिस बल यहां पहुंचा। जिसने तत्काल गरबा आयोजन को बंद कराया । छात्रों को लेकर पुलिस गांधी नगर थाना पहुंची जहां रात्रि दो बजे हिंदू वाली संगठनों की भारी भीड़ मौजूद रहीं।
उधर छात्रों के परिजनों से पुलिस बराबर ये कहती रही कि उनका कोई दोष नहीं वे सुबह घर पहुंच जायेंगे। उन्हें थाने आने से रोका गया क्योंकि यहां मुस्लिम छात्रों के खिलाफ बड़ा जमावड़ा था।सवाल ये है कि कालेज में गरबा का आयोजन क्या गैर कानूनी था यदि था तो सिर्फ कालेज प्रबंधन पर ही कारवाई होनी थी।दूसरी बात यह कि उपद्रव को शांत करने यदि पुलिस ने  जिन छात्रों को हिरासत में लिया था उन्हें सुबह घर भेजना चाहिए था। लेकिन उसे भाजपा सरकार के इशारे पर नया मोड़ दिया गया तथा अल सुबह उन छात्रों का चालान काट कर एस डी एम कोर्ट में मामला भेजा गया उनके ऊपर धारा 188 कायम की गई जिसके मुताबिक जो भी जानबूझकर पब्लिक सर्वेंट के आदेश की अवमानना करता है उसको जेल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।तो माननीय कोर्ट ने सरकार की मंशानुरूप इन्हें जेल भेज दिया। हिंदू वादी संगठन ख़ुश हुए।संचालक की उन्हें अब परवाह नहीं।पढ़ने वाले ये छात्र अब मामले की सुनवाईयों में अपनी ज़िंदगी तबाह कर देंगे।ठीक उसी तरह जब एक मुस्लिम चूड़ी वाले को इन लोगों ने इल्ज़ामात लगाकर जेल भेजकर चैन लिया था और वह पेशी दर बढ़ती पेशी के जाल में उलझा है उसकी कोई सुनवाई आज तक नहीं हो पाई है।
इस वक्त शाहरुख के बेटे आर्यन का भी ख्याल आता  है जिसके पास ना ड्रग्स मिले,ना जांच में ये आया कि वह नशे का आदी हैं लेकिन डेक पर था इसलिए दोषी हो गया।उसके सभी दोस्तों को जमानत दी जा चुकी है लेकिन आर्यन को नहीं मिल रही ।मामला साफ़ है 3000हज़ार करोड़ की ड्रग्स का मामला ठंडे बस्ते में और खान साहिबों पर सितम दर सितम । 
आइए ज़रा मुस्लिमों की मेहरबानियां पर एक नज़र भी डाल लें पिछले जुमे की नमाज़ के बाद कश्मीर में जामा मस्जिद से कश्मीरी मुसलमानों से अपील की गई कि अल्पसंख्यक हिंदुओं की रक्षा उनका नैतिक फ़र्ज है और भी कई मस्जिदों से भी यह अपील की गईं हैं ।बड़ी बात  है कि यह जानकारी किसी मौलाना या मौलवी ने नहीं बल्कि  कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने दी है। खुशबू की तरह इस गंध को फैलाएं क्योंकि जहां जहां भाजपा सरकारें उनके क्षेत्रों में अल्पसंख्यक निशाने पर हैं। उत्तर प्रदेश की तरह मध्यप्रदेश पुलिस को भी आग में झोंकने का काम शुरू हो चुका है। मध्यप्रदेश में भाईचारा आहत ना हो सब मिलकर प्रयास करें ।

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