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नायकों को छीनकर विरासत को साधने की कोशिश कर रही है बीजेपी?

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नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान कर BJP ने कई समीकरण एक साथ साधने की कोशिश की है। ठाकुर को भारत रत्न के ऐलान के साथ ही एक बार फिर उनकी विरासत पर अपनी दावेदारी ठोंकने की जंग भी तेज हुई। सिर्फ कर्पूरी ठाकुर ही नहीं, बल्कि BJP ने पिछले 10 वर्षों में कई उन नायकों की विरासत अपने पाले में करने की कोशिश की है, जिन पर विपक्ष अपना अधिकार जताता रहा है।

सरदार पटेल

जिस तरह जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस नेता थे, उसी तरह सरदार वल्लभ भाई पटेल भी कांग्रेस नेता थे। लेकिन जिस तरह BJP ने सरदार पटेल को अपनाया, उससे उनकी विरासत को लेकर कांग्रेस और BJP में एक तरह से जंग दिखी। इस जंग में BJP कांग्रेस पर भारी पड़ती दिखी। सरदार पटेल ने 1947 से 1950 के बीच कई राजाओं और नवाबों की रियासतों को भारत में मिलाया था। महात्मा गांधी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध भी लगाया था लेकिन जब संघ नेता गोलवलकर उनसे मिले, उसके बाद कुछ शर्तों के साथ प्रतिबंध हटाया गया। BJP लगातार नेहरू और पटेल के बीच के मतभेदों को सामने रखती है। BJP कहती है कि कांग्रेस ने सरदार पटेल का अपमान किया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सम्मान दिया। BJP कांग्रेस पर आरोप लगाती है कि उसने सरदार पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया, साथ ही भारत को एक करने के उनके योगदान को तवज्जो नहीं दी। 2014 में केंद्र की सत्ता में आते ही BJP ने 31 अक्टूबर को नैशनल यूनिटी डे घोषित किया। यह भारत को एक करने के सरदार पटेल के योगदान को सेलिब्रेट करने के लिए किया गया। 2018 में गुजरात में सरदार सरोवर डैम के पास सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू बनाई। साथ ही केवड़िया टाउन, जिसके पास यह स्टैच्यू है, उसका नाम बदलकर एकता नगर किया गया।

भीमराव आंबेडकर

BJP ने 2014 में केंद्र की सत्ता में आते ही अपने नायकों श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीन दयाल उपाध्याय के साथ ही भीमराव आंबेडकर की विरासत पर भी दावा जताना शुरू किया। केंद्र की सत्ता में आते ही दिल्ली के लुटियन जोन में डॉ भीमराव आंबेडकर इंटरनैशनल सेंटर बनाया। पार्टी ने आंबेडकर जयंती पर बड़े-बड़े कार्यक्रम करने शुरू किए। लंदन में पढ़ाई के दौरान 1921-22 में आंबेडकर जिस घर में रहे, उसे खरीदकर वहां आंबेडकर म्यूजियम बनाया गया है। BJP का वैचारिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पहले से ही हिंदुओं को एकजुट करने के लिए एक मंदिर, एक कुआं, एक श्मशान का नारा देकर सामाजिक समरसता अभियान चला रहा था। 2014 में BJP के सत्ता में आने के बाद इसे और तेज किया गया और सिर्फ संघ के स्तर पर ही नहीं, बल्कि पार्टी के स्तर पर भी दलित आउटरीच की कोशिश तेज हुई। आंबेडकर की विरासत पर कांग्रेस और BSP भी अपना दावा करती हैं लेकिन BJP ने आंबेडकर विरासत को लेकर भी इन्हें कड़ी टक्कर दी है। BJP बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के साथ संघ और जनसंघ के पुराने रिश्ते गिनाती है। BJP नेताओं के मुताबिक, आंबेडकर संसद में नहीं पहुंचते अगर जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी उनकी मदद नहीं करते। साथ ही कहते हैं कि कांग्रेस ने जब बाबा साहेब आंबेडकर का संग्रहालय दिल्ली में बनाने की जगह नहीं दी तो संघ नेता गुरु गोलवलकर आंबेडकर से जुड़ा सामान नागपुर ले गए और वहां चिंचौली म्यूजियम में उसे रखा गया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को लेकर BJP और TMC के बीच खींचतान होती रहती है। साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी की जयंती यानी 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। BJP भी संगठन स्तर पर पराक्रम दिवस पर कार्यक्रम करने लगी। जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक BJP नेताजी की जयंती मनाती है। 2022 में नई दिल्‍ली के इंडिया गेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी TMC यह आरोप लगाती है कि BJP यह सब वोट बैंक के लिए कर रही है। लेकिन BJP नेता खुद TMC को घेरते हैं। BJP नेता कहते हैं कि सभी जानते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व ने नेताजी के साथ कैसा व्यवहार किया था और कांग्रेस से अलग होकर बनी तृणमूल कांग्रेस को नेताजी के प्रति सम्मान व्यक्त करने के तरीकों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। BJP नेता इस तथ्य का भी जिक्र करते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ही नेताजी के लापता होने के रहस्यों को उजागर करने के लिए मुखर्जी कमिशन का गठन किया था। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर नेताजी से जुड़ीं फाइलों को सार्वजनिक करने की पहल हुई।

बिरसा मुंडा

आजादी की लड़ाई में आदिवासी समुदाय का अहम योगदान रहा है। आदिवासी नेता बिरसा मुंडा भी उनमें एक थे, जिन्हें बाद में भगवान का दर्जा दिया गया। बिरसा मुंडा अकेले ऐसे आदिवासी नेता हैं, जिनका चित्र संसद में लगा है। झारखंड, बिहार और ओडिशा के एक बड़े हिस्से में इन्हें भगवान बिरसा कहा जाता है। देश के आदिवासी समुदाय के ये एक बड़े आइकॉन हैं और BJP ने बिरसा मुंडा की जयंती पर कई कार्यक्रम करने की शुरुआत की है। पिछले साल 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखंड के खूंटी जिले स्थित उनके पैतृक गांव उलिहातु पहुंचे। इसके साथ ही PM मोदी उलिहातु जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बनें। केंद्र की BJP सरकार ने साल 2021 में 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में घोषित किया था।

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