Site icon अग्नि आलोक

ब्राह्मणवाद

Share

उन्हें कभी नहीं सताता पराजय का बोध
वे हमेशा विजेताओं की जय बोलते हैं
अखंड होता है उनका विश्वास
कि विजेता आएंगे जरूर
विजेताओं की प्रतीक्षा में
वे करते रहते हैं प्रशस्तियां गाने का अभ्यास
उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं
कि विजेता कौन हैं
कहां से आ रहे हैं वे जाएंगे किधर
उन्होंने जिनको जीता
क्या बीता उन पर
वे कभी नहीं देखेंगे
विजेताओं का इतिहास
उनके इरादे उनकी योजनाएं
उनके विचार
वे बस देखेंगे विजेताओं के
चमकते हथियार
बढ़ते हुए काफिले
उन्माद की पताकाएं
और जय जयकार में शामिल हो जाएंगे
विजेता भले ही उनके घर लूटने आ रहे हों
वे खड़े हो जाएंगे स्वागत में
पूरे उत्साह से लगाएंगे
विजेताओं के पक्ष में नारे
उन्हें बस चाहिए
जीतने वाले के पक्ष में होने का सुखद
अहसास !

Exit mobile version