मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक दलित युवक को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। उसकी मां को निर्वस्त्र कर घुमाया। क्योंकि उसकी बहन ने 2019 में चार लोगों पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा किया था। आरोपी लड़की और उसके परिजनों को डरा धमकाकर मुकदमा वापस लेने का दबाव डाल रहे थे। पीड़िता का परिवार जब नहीं माना तो उसके भाई की पीट-पीटकर हत्या कर दी और मां को नंगा कर घुमाया।
मध्य प्रदेश में यह कोई पहली घटना नहीं है। बलात्कार, दलित उत्पीड़न और आदिवासी के सिर पर पेशाब कर देना शिवराज के राज में आम बात हो गयी है। घटना के बाद शासन के मंत्री और प्रशासन के अधिकारी सरकारी शब्दावली में जवाब देते है-“गुनहगारों को बख्शा नहीं जायेगा, आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, कानून अपना काम करेगा।”
लेकिन मध्य प्रदेश में कानून काम नहीं कर रहा है। अपराधी और जातिवादी गुंडे सरेआम महिलाओं, दलितों और कमजोरों की हत्या और मान-मर्दन करने में लगे हैं। और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘मामा’ बने घूम रहे हैं।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में भाजपा पदाधिकारी द्वारा एक आदिवासी के सिर पर पेशाब करने का अमानवीय कृत्य हो या सागर जिले में दलित महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने की अमानुषिक घटना यह साबित करने के लिए काफी है कि शासन-प्रशासन पर शिवराज सिंह चौहान ने अपना नियंत्रण खो दिया है। या दलितों-आदिवासियों के साथ आपराधिक कृत्य को वो अपराध नहीं मानते हैं।
सागर की घटना में एक महिला निर्वस्त्र नहीं हुई है। बल्कि इस घटना ने शिवराज सिंह चौहान सरकार को निर्वस्त्र कर देश के सामने खड़ा कर दिया है। भाजपा के शासन में मानवाधिकार और कानून के राज की बात करना तो नादानी है। लेकिन सवाल यह है कि क्या किसी महिला की इज्जत सरेआम नीलाम करने वालों पर भी राज्य और कानून कार्रवाई नहीं करेगा? क्या राज्य इतना नपुंसक हो गया है कि कोई भी दबंग, गुंडा या अपराधी किसी भी महिला को निर्वस्त्र करने से भी नहीं डरता। या कोई जातीय श्रेष्ठता के दंभ में किसी आदिवासी के सिर पर पेशाब करने से भी नहीं डरता। क्या राज्य की पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी मृतप्राय हो गयी है?
ढेर सारे सवाल हैं। लेकिन शिवराज के राज में यह कोई पहली घटना नहीं है। शिवराज सिंह चौहान की सरकार जनता के सामने इतनी बार नंगा होकर सामने आ गयी है कि अब नंगई ही उसकी पहचान बन गयी है। शायद मध्य प्रदेश सरकार और स्वयं शिवराज सिंह चौहान को नंगा होने में शर्म नहीं आती है।
पुलिस का कहना है कि मध्य प्रदेश के सागर जिले में 2019 में एक लड़की ने यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। आरोपियों की तरफ से केस वापस लेने का दबाव था। लेकिन लड़की और उसके परिवार के लोग सहमत नहीं थे। डराने-धमकाने के बाद भी जब आरोपी अपने एडेंडे में सफल नहीं हुए तो सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर लड़की के भाई की हत्या कर दी। शिकायतकर्ता लड़की को भी पीटा और जब उसकी मां ने हमलावरों से अपने बेटे को बचाने की कोशिश की तो उसे नग्न कर दिया गया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उइके ने बताया कि नौ लोगों पर हत्या का आरोप लगाया गया है और तीन पर कड़े अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
18 वर्षीय पीड़िता की बहन ने आरोप लगाया कि कुछ लोग उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे और इसी के चलते उन पर हमला हुआ।
महिला का कहना है कि उसके बेटे को भीड़ पीट रही थी। देखा नहीं गया तो बचाने गयी। लेकिन उसे बचा नहीं सकी। उन लोगों ने हमें बेपर्दा कर दिया। मुझे निर्वस्त्र कर दिया गया। फिर पुलिस आई और मुझे एक तौलिया दिया गया। मैं तौलिया में तब तक खड़ी रही जब तक कि उन्होंने मुझे साड़ी नहीं दे दी।
घटना के बाद अब यहां एक बार फिर शिवराज का राज बोलने लगा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उइके कहते हैं कि एफआईआर में कपड़े उतारने के आरोप का कोई जिक्र नहीं है।
महिला को बेपर्दा करने के बाद अब सागर पुलिस घटना पर पर्दा डालने में लगी है। गुंडों की भीड़ ने पीड़िता के घर कोई सामान साबूत नहीं छोड़ा है। यहा तक कि पक्की छत भी टूट गयी है। महिला ने रोते हुए कहा कि घर का सामान तोड़ने के बाद वे अन्य दो बेटों की तलाश में दूसरे घर में गए।
पीड़िता की चाची ने कहा कि भीड़ उनके घर में भी घुस आई और उनके पति और बच्चों को धमकाया। उन्होंने हमारा फ्रिज भी चेक किया।
घटना के बाद गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और भारी पुलिस बल तैनात है। जिला कलेक्टर द्वारा सरकारी योजनाओं के तहत मदद का आश्वासन देने और गिरफ्तारी की सूचना देने के बाद पीड़ित परिवार ने उसका अंतिम संस्कार किया।
2019 में पीड़िता की बहन ने चार लोगों के खिलाफ धमकी देने और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। पुलिस ने कहा कि मामले में चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस घटना से चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सरकार से आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की। विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा सरकार की आलोचना की।
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासी उत्पीड़न बेरोकटोक जारी है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में दलितों के खिलाफ अपराध की दर सबसे अधिक है और “भाजपा ने मध्य प्रदेश को दलित उत्पीड़न की प्रयोगशाला बना दिया है।”
राज्य कांग्रेस प्रमुख कमल नाथ ने पीड़ित परिवार के लिए वित्तीय सहायता की मांग की और दावा किया कि आरोपियों के भाजपा से संबंध थे।