मुनेश त्यागी
आजकल हमारे समाज में रोज-रोज मुक्ति का गान गया जा रहा है, मुक्ति, मुक्ति और मुक्ति की बातें हो रही हैं। मुक्ति से उनका क्या अभिप्राय है, इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। किसी भी नागरिक को मुख्य रूप से भारतीय नागरिक को मुक्ति मिलने से हमारा आशय है गरीबी, भुखमरी, भ्रष्टाचार, महंगाई, शोषण, अन्याय, उत्पीड़न, असमानता, धर्मांता, अंधविश्वास और श्रृद्धांधता से मुक्ति, यानी इन समस्त समस्याओं से निजात मिले और हमारी सब समस्याओं का समाधान हो। मुक्ति से हमारा यही आशय है।
मुक्ति मिलने से, मोक्ष प्राप्त होने से या इस तथाकथित जीवन मरण से छुटकारा मिलने की मुक्ति से हमारा कोई मतलब नहीं है। मोक्ष प्राप्ति या जीवन मरण की तथाकथित मान्यता, हमारे समाज का सबसे बड़ा अंधविश्वास है, सबसे बड़ी धर्मांधता है और इस संसार में सबसे बड़ा धोखा है। जब इस देश के हर नागरिक को रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुढ़ापे की सुरक्षा का सहारा मिल जाएगा यानी उनकी समस्त बुनियादी समस्याओं का पूर्ण रूप से समाधान हो जाएगा तो उनको तथाकथित भगवान और स्वर्ग नरक की मान्यता से भी छुटकारा मिल जाएगा क्योंकि समस्त किस्म के भगवान और देवी देवता, इस दुनिया में सबसे बड़ा धोखा हैं, सबसे बड़े वहम हैं और वे काल्पनिक कल्पना के अलावा कुछ भी नहीं हैं।
यह मुक्ति पूंजीवादी और सामंती व्यवस्था के इस गठजोड़ में संभव नहीं है। पूरी की पूरी पूंजीवादी व्यवस्था मानवीय शोषण, जुल्म, अन्याय और भेदभाव पर आधारित है, मुनाफा कमाने और किसी भी तरह से सत्ता कब्जाने पर आधारित है। उसका जन समस्याएं सुलझाने में या जन समस्याएं दूर करने में कोई विश्वास नहीं है। यह सिर्फ और सिर्फ मुनाफा और लाभ कमाने पर आधारित है।
पिछले हजारों साल का अनुभव बता रहा है कि लोगों को मुक्ति के नाम पर ठगा गया है, उन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से धोखा दिया गया है और उन्हें लगातार मूर्ख बनाया गया है और कमाल देखिए कि उन्हें इतनी वैज्ञानिक प्रगति के बाद, आज भी ठगा जा रहा है। आज भी उन्हें मंदिर, मस्जिद और चर्च के नाम पर बेवकूफ बनाया जा रहा है और अब तो इस कड़ी में रामराज की मुहिम भी जुड़ गई है।
हमारे देश में मुक्ति से हमारा अभिप्राय है कि सबको मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा मिले, सबको काम और रोजगार मिले, सब को घर मिले, सबको मुफ्त और आधुनिक इलाज मिले और सबको शोषण, अन्याय, भेदभाव, गरीबी, बेरोजगारी, असमानता, तमाम तरह की गैर बराबरी, महंगाई और भ्रष्टाचार से छुटकारा मिले, सबको ऊंच नीच और छोटे-बड़े की मानसिकता और सोच से मुक्ति मिले।
यहां पर यह बात भी ध्यान में रखना जरूरी है कि ऐसी सोच और मानसिकता केवल और केवल समाजवादी क्रांति द्वारा ही अमल में लाई जा सकती है और यह केवल और केवल समाजवादी व्यवस्था में ही मुमकिन है। ऐसा केवल समाजवादी क्रांतिकारी विचारों पर आधारित किसानों और मजदूरों की सरकार और सत्ता में ही संभव है। इस मुक्ति को लाने के लिए किसानों, मजदूरों, नौजवानों, छात्रों, महिलाओं, दलितों, एससी-एसटी, ओबीसी यानी कि मजदूरों और किसानों के वर्ग के लोगों को मिलजुल कर शोषण, अन्याय, अभाव, भुखमरी, गरीबी और भ्रष्टाचार पर आधारित इस वर्तमान पूंजीवादी, सामंती और सांप्रदायिक व्यवस्था के गठजोड़ को बदलना पड़ेगा। इसके स्थान पर क्रांति द्वारा समाजवादी व्यवस्था कायम करनी पड़ेगी।
शोषण, अन्याय और मुनाफे पर टिकी हुई यह वर्तमान लुटेरी पूंजीवादी व्यवस्था, इस काम को नहीं कर सकती। आज किसानों और मजदूरों की सरकार और उनकी सत्ता ही इस काम को भली-भांति कर सकती है। इसलिए हमारा मुख्य काम यही होना चाहिए कि हम, हमारे देश में चल रहे किसानों और मजदूरों के क्रांतिकारी कार्यक्रम और व्यवस्था परिवर्तन के अभियान में विश्वास जाहिर करें, उसमें भागीदारी करें और क्रांति के अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक बनें और जब तक क्रांतिकारी समाजवादी समाज की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक इस संघर्ष को जारी रखें। इस अभियान में शामिल रहें ।
इसके अलावा मुक्ति का और कोई मार्ग नहीं है। धर्म पर आधारित होकर या पूंजीवादी और सामंती व्यवस्था में यकीन करके मुक्ति को नहीं पाया जा सकता। मुक्ति केवल समाजवादी क्रांतिकारी व्यवस्था में ही मिल सकती है। इसलिए हमारे समाज को आज इस सबसे ज्यादा क्रांतिकारी अभियान को मजबूत और सफल बनाने की जरूरत है और समाज और देश में क्रांतिकारी समाज व्यवस्था कायम करने की है।
मुक्ति से हमारा मतलब है,,,,,,
,,,,गरीबी और निरक्षरता से मुक्ति
,,,,,,उच्च नीच के विचार से मुक्ति
,,,,,,,स्वर्ग नरक के विचार से मुक्ति
,,,,,,,अशिक्षा और कूशिक्षा से मुक्ति
,,,,,,भूत प्रेत के अंधविश्वास से मुक्ति
,,,,,,पुनर्जन्म के अंधविश्वास से मुक्ति
,,,,,,,छोटे-बड़े की मानसिकता से मुक्ति
,,,,,,,,,,,देवी देवताओं के झंझट से मुक्ति
,,,,,,,,,,,अत्याचार जुल्मों सितम से मुक्ति
,,,,,,,,,,,जीवन मरण के आगमन से मुक्ति
,,,,,,,,,भाग्य और किस्मत के विचार से मुक्ति
,,,,,,,शोषण भ्रष्टाचार अन्याय महंगाई से मुक्ति
,,,,सांसारिक आवागमन के अंधविश्वास से मुक्ति
,,,,,,,,श्रध्दांधता, धर्मांता और अंधविश्वासों से मुक्ति
,,,,,,,भगवान गॉड अल्लाह खुदा के विचार से मुक्ति
,,,,,,,,,,पिछले जन्म के कर्मों के अंधविश्वास से मुक्ति
,,,,,,,यज्ञ, हवन, नदी, नाले तालाब में नहाने से मुक्ति।