अग्नि आलोक

मंत्रिमंडल गठन – शब्द अलग हैं, पर भाव यही

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-प्रकाश हिन्दुस्तानी 

नमो : तुम्हारे लिए राज्य मंत्री का पद रखा है प्रफुल्ल, आ जाओ।

प्रफुल्ल पटेल : मैं केबिनेट मंत्री रहा हूँ, मुझे केबिनेट में जगह दो। इससे कम के पद पर, राज्य मंत्री की शपथ नहीं लूंगा।

नमो :  मत लो। एनसीपी अजित पवार गुट का एक ही तो आदमी जीता है रायगढ़ से लोक सभा में। राज्यमंत्री का पद वाजिब से ज्यादा है। राज्यसभा में भी भिजवाने में मदद की थी। और अभी मुम्बई के वर्ली का 35000 फ़ीट का वीजे हाउस ईडी से छुड़वाया तो है 180 करोड़ का। बढ़ लो। आगे जाओ भैया।

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स्मृति ईरानी :  मैं भी उम्मीद से थी कि फिर मंत्री बनूंगी।

नमो : 2014 की बात अलग थी। राहुल से हारी थी, पर फिर भी राज्य सभा भेजा। मंत्री बनाया।2019 में राहुल को हराया था, इसलिए बना दिया। दोनों बार मोदी की सरकार थी, इस बार एनडीए की सरकार है। लोग नाम धरेंगे। और फिर तू हारी भी तो किससे है? राहुल के पीए से। मेरी उम्मीदवार थी, मंत्री थी, फिर भी तू जितने वोटों से हारी उतने वोट से मैं भी कॉंग्रेस को नहीं हरा पाया। कलमुँ…दूर हट जा!

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वीडी शर्मा : शाब, में तो 29 आउट ऑफ 29 लाया। मुझे भी बनाओ। गुजरात वाले पाटिल को बना रहे हो, जिन्होंने आपकी और शाह साब की नाक कटवा दी। गुजरात मे ही सभी सीटें नहीं जीत पाए।

नमो : तू पंडित क्यों है रे? जगे नहीं है। मामा से अच्छा तालमेल रखा, अब मोहन से माया रख। बाकी बाद में देखेंगे….

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कंगना :  मेरा ध्यान रखो, अवॉर्ड विनर एक्ट्रेस हूँ, स्मृति दीदी से ज्यादा युवा, एनर्जटिक, मुंहफट और बदमिजाज़ हूं. थप्पड़ खाकर आई हूं…

नमो : तू तो लेट हो गई। 2014 में आती तो स्मृति वाली जगह मिल जाती। अच्छी जीती है, पर अभी तो रुक!

*मंत्रिमंडल गठन – पार्ट टू :शब्द अलग है, पर भाव वही :

नमो : अनुराग, हिमाचल से नड्डा जी का नंबर है इस बार। तुम ज़रा किक्रेट पर ध्यान दो, देखो तो जय (शाह) कितना कूट रहा है वहां।

अनुराग ठाकुर : जी जी जी सर, मुझे लगा था कि फिर सेवा करूंगा। कांग्रेस में मजे करते आये सिंधिया यहां भी पांच साल मजे लेंगे और मैं…पांचवी बार लोकसभा में आया हूं तो आशा थी। कोई बात नहीं सर, मुझे वहां संगठन में भेज दो। मैं अब खेल समझ चुका हूँ!

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रविशंकर प्रसाद : इतनी बार बीजेपी और गुजरात सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में खड़ा हुआ, उसका ये सिला मिला है! लोकसभा चुनाव के हरल्ले पंजाब के दलबदलू रवनीत बिट्टू को मंत्री पद और मेरे को एल्ले! ये अच्छी बात नहीं।

नमो : ये एनडीए है, मोदी सरकार नहीं! समझो, जैसे पलटू राम की टीम को एडजस्ट करना है बिहार से वैसे ही पंजाब का ध्यान रखना है। वो कांग्रेस में था तो था। अब तो भाजपाई है ना। कहा तो था सबकी बात, सबकी सरकार।

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राजीव प्रताप रूढ़ी : मैं बिहार से सारन से तीसरी बार जीता। फिर अब तो मौका दो। जॉर्ज कुरियन जैसों को मंत्री बना रहे हैं आप, जो न लोकसभा में हैं न राज्यसभा में! मेरा कसूर क्या है?

नमो : कुरियन ईसाई है। अल्पसंख्यक है। केरल का है। केरल में पांव नहीं फैलाएं क्या? अल्पसंख्यक विरोधी इमेज नहीं तोड़ें क्या? नागपुर वालों का कित्ता लिहाज करूं, लोग मुस्लिम विरोधी तो पहले ही बोल रहे हैं। मीडियावाले नासमिटे कह रहे हैं कि कोई मुस्लिम नहीं है टीम में। मौका आने दो, देखेंगे। अब देखो, गांधीनगर लोक सभा सीट पर पूरी मेहनत करते थे अमित भाई, और पूरे छह चुनाव में उनका टिकट कटता रहा। बेचारे दरी- फट्टा उठाते रहे, माइक टेस्ट करते रहे। कभी अटलजी, कभी आडवाणी, उपचुनाव हो तो भी दूसरा। धीरज रखा ना उन्होंने। अभी लिट्टी चोखा खाओ, बाद में कढ़ी फाफड़ा मैं खिलाऊंगा में! समझे।

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राजीव चंद्रशेखर : सर, मेरा गुनाह क्या है जो मंत्री नहीं बनाया? आपके लिए, सरकार के लिए, पार्टी के लिए क्या नहीं किया? यहां तक कि अर्नब गोस्वामी से मिलकर रिपब्लिक टीवी  भी खोला। आपने कहा शशि थरूर को लोक सभा जीतने नहीं देना, मैं खड़ा हुआ। टक्कर दी। पंद्रह सोलह हजार से हारा तो क्या? 

नमो : समझ गया कि तुम एल मुरुगन की बात कर रहे हो। वो हारे पर फिर भी मंत्री। मेरे लिए केरल भी इम्पार्टेंट है और तमिलनाडु भी। केरल से कुरियन आ चुके। तुम्हारा नंबर बाद में आएगा। …..

नमो : सुन लो कान खोलकर। अब इस बारे में कोई बात नहीं करूंगा। बहुत काम हैं। लिट्टी चोखा खाना है, हैदराबादी बिरियानी भी चखना है। तब तक तुम लोग कढ़ी फाफड़ा खाओ। मजे करो।

यह विषय अब खत्म।

-प्रकाश हिन्दुस्तानी 

*भूल चूक लेनी देनी

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