प्रणव प्रियदर्शी
जो कुछेक क्षेत्र पारंपरिक तौर पर पुरुषों के लिए अघोषित रूप से आरक्षित माने जाते रहे हैं, उनमें चार्टर्ड अकाउंटेंसी भी है। लेकिन यह भी अब ऐसे क्षेत्र के रूप में पहचाना जा रहा है, जहां लड़कियां तेजी से अपना झंडा बुलंद करती जा रही हैं। नंबर और टैलंट दोनों मामलों में। सदी की शुरुआत यानी साल 2000 तक महिला CA की संख्या महज 8% हुआ करती थी, जो 2023 में 30% हो गई। स्टूडेंट बेस में लड़कियों का अनुपात अब 43% है और क्वॉलिफाई करने वाले ऐस्पिरेंट्स में लड़कियों की संख्या रेकॉर्ड 48% पर पहुंच चुकी है। टैलंट के लिहाज से देखें तो 2020 में फाइनल के छह टॉपर्स में से चार लड़कियां थीं। 2021 में सभी टॉपर लड़कियां रहीं। अगले दो साल यानी 2022 और 2023 में लड़कियों ने टॉपर्स लिस्ट में 100% कब्जा बरकरार रखा।
CA के क्षेत्र में इस बदलते रुझान की कई वजहें हैं। सबसे ऊपर है समाज में लड़कियों को लेकर बदलता नजरिया और खुद लड़कियों का अपनी जिंदगी, करियर और समाज को देखने की बदलती सोच। ये नहीं होता तो स्कूल कॉलेजों में सब्जेक्ट और स्ट्रीम सिलेक्शन में जो पॉजिटिव बदलाव आया, वही नहीं आता। साइंस, टेक्नॉलजी और कॉमर्स की ओर लड़कियों का बड़ी संख्या में जाना इस बड़े बदलाव की जमीन तैयार कर रहा है।
दूसरी बात, इंडस्ट्री के ट्रेंड में भी कुछ अहम बदलाव आए हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंसी और वित्तीय क्षेत्र इन दोनों की ग्रोथ के आसार किसी बूढ़ी होती आबादी वाले देश के बजाय भारत जैसी यंग आबादी वाले देश में ज्यादा होते हैं। इस संदर्भ में एक बड़ी बात यह हुई कि ज्यादातर देश अकाउंटिंग का अपना काम आउटसोर्स करने लगे। नतीजा यह कि बर्गर अमेरिका और ब्रिटेन में बिकता है, लेकिन उसकी अकाउंटिंग गुड़गांव या कोलकाता में होती है। इससे नए CA के लिए काम की कमी नहीं रही। आज की तारीख में फ्रेश CA का स्टार्टिंग पैकेज औसतन 12.5 लाख सालाना हो गया है। तीसरी और आखिरी बात यह कि CA के कोर्स भी अफोर्डेबल रेट पर उपलब्ध हैं। औसतन 75 हजार रुपये में पांच साल की पढ़ाई और उसके बाद अच्छा पैकेज एक ऐसा आकर्षण है, जो नई उमर की लड़कियों को भी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाने वाली इस प्रवेश परीक्षा की ओर खींच रहा है।