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बाल कविता,,अच्छी बच्ची,,,

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 ,,,,,,, मुनेश त्यागी 

करती हूँ सबको नमस्ते सुबह उठकर
टूथब्रश करके जाती हूं नहाने,

कपड़े पहन कर करती हूं नाश्ता
ले जाती हूं स्कूल में मां के हाथ का बना लन्च,

करती हूं सबको नमस्ते स्कूल में जाकर
स्कूल में सुनती हूँ टीचर को ध्यान से,

खाली पीरियड में जाती हूँ लाइब्रेरी
खेलती हूँ सबके साथ खेल के मैदान में,

खेलती हूँ दूसरों के साथ भी
अपनी पारी खत्म होने के बाद,

नही मचाती हूँ बस में हल्ला
सीट शेयर कर लेती हूँ दूसरों के साथ,

घर आकर सो जाती हूँ खाना खाने के बाद
फिर करती हूँ अपना होम वर्क,

पीती हूँ चाय मम्मी के साथ
खेलती हूँ शाम को पापा के साथ,

खाती हूँ खाना रात में सबके साथ
देखती हूँ फिर एक अच्छा सा सीरियल,

सुनाती हूँ ABCD,,,, 1234,,,, सोने से पहले,
सुनती हूँ सोने से पहले मम्मी पापा से कहानी,

सो जाती हूं फिर करके
सबको गुड नाईट और शब्बाखैर

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