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भगनासा और यौनस्वास्थ्य

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 आरती शर्मा

      _महिलाओं में भगनासा (Clitoris) सबसे अधिक कामोत्तेजक अंग होता है। भग (vulva) के अंदर मूत्र छिद्र से एक इंच ऊपर एक उभार सा होता है, जिसे भगनासा कहा जाता है।_

       भगनासा, पुरुष लिंग यानी पेनिस का अविकसित रूप है। इसमें लिंग की तरह ही खोखले कोष होते हैं।   

      _क्लिटोरिस में करीब 8000 सेंसिटिव नर्व एंडिंग्स होते हैं, लगभग उतने ही जितने कि पुरुष के लिंग में होते हैं।_

 महिलाओं की योनि (vagina) में स्थित क्लिटोरिस पुरुष के शिश्नाग्र (penis) के जैसा ही होता है और यौन उत्तेजना प्राप्त करने में वह उतना ही संवेदनशील होता है।

       सेक्स के दौरान, संभोग से पहले भगनासा को छूने, सहलाने, दबाने या मलने से स्त्री कामातुर हो उठती है।

सेक्स विशेषज्ञ भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि भगनासा का स्पर्श करने से स्त्री बहुत जल्दी ही सेक्स के लिए तैयार हो जाती है।

      क्योंकि सहलाने मात्र से ही क्लिटोरिस, पेनिस की तरह सख्त और उत्तेजित हो जाता है।

      _सेक्स के समय यदि पुरुष अपना पेनिस, स्त्री के क्लिटोरिस पर फिराता है या उससे घर्षण करता है, तो वो कम समय में ही चर्मोत्कर्ष पर पहुंच जाती है और वह सेक्स में पूर्ण संतुष्टि और तृप्ति की अनुभूति करती है।_

   भगनासा को साफ रखना बहुत जरूरी है. ऎसा नहीं होने पर स्त्री की यूटीएस में सड़न पैदा होती है. यह संपर्क में आने वाले पुरुष को भी रोगी बनाती है. भगनासा में ऊँगली, सेक्सटॉय या कोई भी बाहरी चीज घुसेड़ने से उसकी सेंसिटिविटी जाती रहती है. एक दिन किसी भी सेक्स से स्त्री को आनंद मिलना बंद हो जाता है.

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