~ आरती शर्मा
प्रेग्नेंसी से बचने और सेफ सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है। यह सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से भी बचाव करता है।
कई महिलाएं पार्टनर के कंडोम का इस्तेमाल करने पर वेजाइनल इन्फेक्शन की शिकायत करती हैं। अब रिसर्च भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि इसके कारण इन्फेक्शन होता है, ख़ासकर फ्लेवर्ड कंडोम से.
*क्या है कंडोम?*
मेल कंडोम एक पतला आवरण वाला होता है, जिसे सुरक्षित यौन संबंध के लिए पेनिस के ऊपर रखा जाता है। इनसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचाने में मदद मिलती है। इससे अवांछित गर्भधारण को रोकने में मदद मिलती है।
इसमें केमिकल लगे होते हैं एक समय में एक से अधिक प्रकार के कंडोम का उपयोग तो कभी नहीं करना चाहिए। कंडोम के फटने का डर bhi बना रहता है।
फ्लेवर्ड कंडोम विशेष रूप से ओरल सेक्स के लिए बनाए जाते हैं। अन्य प्रकार के सेक्स के लिए, दूसरे कंडोम की अपेक्षा फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग अधिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है. कंडोम में उपयोग किए जाने वाले तत्व जलन और संक्रमण का कारण बनते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम के लयूब्रीकेंट में फ्लेवर मिलाया जाता है।
यदि आपके पार्टनर पेनिट्रेटिव सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग कर रहे हैं, तो इसके लिए डॉक्टर मनाही करते हैं।
फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल केवल ओरल सेक्स के लिए किया जाना चाहिए, लेकिन नुकसान तब भी है. दरअसल, फ्लेवर्ड कंडोम में आर्टिफिशियल शुगर भी मौजूद होता है, जो योनि के पीएच स्तर को बाधित कर देता है। यह फंगल और कभी-कभी बैक्टीरियल इन्फेक्शन का भी कारण बनता है।
ये नियमित कंडोम के समान होते हैं, लेकिन लयूब्रीकेंट में पसंदीदा फ्लेवर मिलाए जाते हैं। यह एक सामान्य परिवर्तन है, लेकिन अतिरिक्त स्वाद कंडोम के कार्य को थोड़ा बदल देता है।
*कंडोम-लुब्रिकेंट क्या है?*
सभी लयूब्रीकेंट ओरली निगलने के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं। प्रयोग करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और उपयोग किये जा रहे प्रोडक्ट का लेबल भी पढ़ना चाहिए।
उचित लयूब्रीकेंट का उपयोग करना जरूरी है। तेल आधारित लयूब्रीकेंट लेटेक्स कंडोम के साथ अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं। ये आम तौर पर मुंह में डालने के लिए भी सुरक्षित नहीं होते हैं।
आयल कंडोम के रबर को कमजोर कर देती है और इसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
*कंडोम, विशेषकर फ्लेवर्ड कंडोम के जोखिम :*
फ्लेवर्ड कंडोम सामान्य कंडोम की तुलना में अधिक जोखिम पैदा करते हैं। इसके एनल या वेजाइनल सेक्स के दौरान टूटने, फटने और फिसलने का डर भी बना रहता है। इससे किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन या आकस्मिक गर्भावस्था की संभावना भी बन सकती है।
एक टूटा हुआ कंडोम आपको और आपके पार्टनर को एसटीआई के जोखिम में ला सकता है।
एसटीआई के कारण हरपीज, गोनोरिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) जैसे जानलेवा रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है।