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*सामान्य और सेक्सुअल दोनों तरह के हेल्थ का दुश्मन है कब्ज*

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      दिव्यांशी मिश्रा, भोपाल

   आजकल गलत आहार, विचार, विहार युक्त जीवनशैली के कारण हर तीसरा व्यक्ति कब्ज की गिरफ्त में है. पेट का रोग तमाम रोगों का घर सावित होता है. कब्ज़ न सिर्फ़ सामान्य बल्कि सेक्सुअल हेल्थ का भी दुश्मन बनता है.

   अगर इलाज़ नहीं कराया जाये तो मल आंतो में चिपक कर सड़ता है. आंतो में इन्फेक्शन हो जाता है. आँव या मवाद बनने लगती है. आंतें खुश्क़ और बेजान हो जाती हैं और फिर रोग लाइलाज हो जाता है.

हेल्दी शरीर के लिए जरूरी है भोजन का सही पाचन और नियमित मल त्याग। नियमित मल त्याग से ही पाचन तंत्र स्वस्थ होता है। सम्भव है कि भोजन में अधिक वसा और फाइबर की कमी के कारण कब्ज हो जाए। रोजाना बोवेल मूवमेंट जरूरी है।

     असामान्य इंटेस्टिनल हैबिट खराब स्वास्थ्य का कारण बन सकती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि कब्ज दूर करना स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। 

      गैस्ट्रोइनटेस्टिनल ट्रैक्ट में मौजूद टोक्सिंस अर्थराइटिस और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकते हैं। कब्ज दूर होने यानी मल त्याग से टोक्सिंस हट जाते हैं। इससे व्यक्ति फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस करता है।

     प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। कब्ज दूर होने पर स्किन चमकदार बन जाती है और हेयर हेल्थ को भी मजबूती मिलती है।

यहां पेश हैं कब्ज दूर करने के 5 घरेलू उपाय :

    *1. नमक पानी :*

फ़ूड एन्ड न्यूट्रिशन जर्नल के अनुसार, नमक कब्ज दूर करने में मदद करता है। आज भी गांवों में पेट की सफाई के लिए समुद्री नमक का प्रयोग करते हैं।

खारा पानी, विशेष रूप से समुद्री नमक के साथ रेचक के रूप में कार्य करता है।

     यह मिश्रण आंत की गतिविधियों को उत्तेजित करता है। बेहतर मल त्याग और कब्ज से राहत का अनुभव कर सकती हैं। खोए हुए सोडियम की पूर्ति करता है। सोडियम एक आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट है जो विभिन्न शारीरिक कार्यों में मदद करता है।

     दो चम्मच सी साल्ट या गुलाबी नमक को गुनगुने पानी में मिलाकर खाली पेट पीने से लाभ होता है। यह कुछ ही मिनटों में बोवेल मूवमेंट को उत्तेजित कर सकता है। यह दिन में दो बार किया जा सकता है।

*2. नींबू पानी और शहद :*

नींबू और शहद दोनों पेट को साफ़ करने में मदद कर सकते हैं। नींबू और शहद दोनों में लैक्सेटिव यानी रेचक गुण होते हैं। ताजा नींबू का 1 टेबल स्पून रस, एक चम्मच शहद और एक चुटकी नमक लें। इन तीनों को गर्म

     नींबू और शहद दोनों पेट को साफ़ करने में मदद कर सकते हैं। नींबू और शहद दोनों में लैक्सेटिव यानी रेचक गुण होते हैं। ताजा नींबू का 1 टेबल स्पून रस, एक चम्मच शहद और एक चुटकी नमक लें। इन तीनों को गर्म पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।

*3. हर्बल चाय :*

हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, कुछ हर्बल चाय से पाचन स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद मिल सकती है। रेचक जड़ी-बूटियां जैसे कि साइलियम, एलोवेरा और मार्शमैलो रूट कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं।   

     भारतीय आयुर्वेद जर्नल के अनुसार, इसबगोल की भूसी में अपने आकार से 6 गुना अधिक फैलने का गुण होता है। यदि इसे पानी के साथ मिक्स कर पीया जाता है, तो यह आंत में फ़ैल जाता है और बोवेल मूवमेन्ट को सक्रिय कर देता है।

*4. जूस और स्मूदी :*

फल और सब्जियों का जूस कोलन की अच्छी तरह सफाई करता है। सेब, नींबू और एलोवेरा से बने जूस कोलन की सफाई में मदद कर सकते हैं। इनमें मौजूद पोषक तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

     पालक का फाइबर आंत की सफाई अच्छी तरह करता है। चिया सीड कब्ज दूर करने के साथ-साथ फाइबर और प्रोटीन के पोषण को बढ़ावा देता है।कद्दू के बीज कब्ज दूर करने के साथ-साथ ब्लड शुगर को स्थिर करने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

     एवोकैडो मलाईदार एवोकैडो स्किन हेल्थ के साथ-साथ पाचन तंत्र के लिए भी लाभदायक है। इन सभी की जूस और स्मूदी पेट की सफाई अच्छी तरह करते हैं।

*5. मछली का तेल :*

मछली के तेल को सप्लीमेंट के रूप में भी लिया जा सकता है। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो कोलन की सफाई के लिए प्रभावी होता है।

    ओमेगा-3 हेम्प सीड आयल, फिश आयल और अलसी सहित कई तेलों में मौजूद होता है। ओमेगा-3 तेल कब्ज दूर करने में मदद करते हैं, क्योंकि वे आंतों की दीवारों को चिकनाई देते हैं।

      ऐसा आहार जिसमें मछली, एवोकाडो, हेम्प प्रोडक्ट और अलसी शामिल हो, ओमेगा-3 के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

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