अग्नि आलोक

 सामयिक….साहिब कुछ बात तो है राहुल गांधी में भी  …..?

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सुसंस्कृति परिहार

भारत जोड़ो अभियान यात्रा के लम्बे सफ़र में पैरों में छाले के बावजूद जिस ज़िंदादिली और जुनून के साथ राहुल गांधी और उनके 119साथी चल रहे हैं वा इस यात्रा में उन्हें मिल रहा अपार समर्थन कम से कम ये तो रेखांकित कर ही रहा है कि लोग गांधी परिवार के इस तरह दीवाने हैं कि उनके दर्शन और स्नेह के भागीदार बनने में गौरव महसूस कर रहे हैं। खासतौर से महिलाओं का उमड़ता प्रेम तो बेहद आश्चर्यजनक है जिन्होंने उनकी दादी इंदिरा गांधी को देखा था वे राहुल को देखकर क्या सोच कर अपरिमित नेह लुटा रहे हैं यह बहुत महत्वपूर्ण है। बच्चों का प्रेम भी राहुल की थकान को मुस्कान में बदल रहा है।

 दूसरी ओर कांग्रेस के अंदर खुद  एक धारा आज भी इस परिवार के त्याग बलिदान और पिछले कामों को महत्त्वपूर्ण मानते हुए उन्हीं हाथों में कांग्रेस का अध्यक्ष पद सौंपना चाहती है जबकि राहुल, प्रियंका गांधी ये जिम्मेदारी किसी दूसरे को सौंपने व्यग्र हैं। सोनिया गांधी कई बार सन्यास लेने की बात कर चुकी हैं। लेकिन कांग्रेसियों का दिल है कि मानता ही नहीं। जी 23 के विरोध के बावजूद भी यह स्थिति नहीं बदली जिसका खामियाजा भी कांग्रेस भुगत रही है। बहरहाल इस बार कांग्रेस पार्टी में चुनाव की तैयारी हो रही है वह स्वागतेय है। कांग्रेस को अपना नया नेता चुनना ही होगा।एक परिवार के अवदान पर टिककर कांग्रेस के लोग मेहनत से बचते रहे हैं। वक्त की आवाज है कि जो वास्तविक कांग्रेसी है उन सबको जो जहां है डटकर मेहनत करनी होगी। राहुल गांधी का सहारा ही पर्याप्त नहीं होगा ।

इसी व्यवहार से कांग्रेस कमज़ोर हुई है उन्हें इस बात को मानना होगा। आज सबको राहुल गांधी जैसा निडर,कर्मठ , जुझारू और सहनशील बनने की ज़रूरत है।संघ के पेंट में आग लगा कर अपने सिद्धांतों से जो भटक रहे हैं वह गलत है गांधी के रास्ते चलते हुए हृदय परिवर्तन की बात होनी चाहिए।बैर भाव को भारत जोड़ो का हिस्सा ना बनाएं।याद कीजिए आजकल भारत जोड़ो यात्रा से सरकार के सीने पर सांप लोट रहा है। राहुल के विरुद्ध जितनी ऊल-जलूल बातें भाजपा के मंत्री,आई टी सेल,मोदी मीडिया कर रहा है उससे उनकी महत्ता का पता चल रहा है।पप्पू राहुल आज उनके सर चढ़ बोल रहा है।यह यात्रा की सफलता को दर्शाता है।

भारत जोड़ो यात्रा से घबराई भाजपा, कांग्रेस विधायक तोड़ो अभियान में लगी है।वह ये बताना चाह रही है तुम भले रण जीत लो सरकार हम बनाएंगे। जनता की लूट की राशि इस खरीद फरोख्त में ख़र्च हो रही है कांग्रेस इस बात की फ्रिक्र किए बगैर चुपचाप अपनी राह पर चल रही है यह बड़ी बात है।इसकी प्रशंसा होनी चाहिए। कांग्रेस की दूसरी पंक्ति जिस तेजी से इस यात्रा के दौरान देखने में आ रही है उससे यह लग रहा है कि आने वाला कल कांग्रेस में युवाओं का होगा जो देश के हालात को बदतर हालात में लाने वालों को बख़ूबी पहचान चुकी है।आम आदमी पार्टी भले ही संघ की बी टीम हो किन्तु शाह मोदी की विधायकों की खरीद-फरोख्त के विरुद्ध जिस तरह खुलकर मुकाबला कर रही है उससे कुछ रास्ता तो आगे निकलना चाहिए।

बहरहाल, राहुल गांधी की यह यात्रा एक नए इतिहास लिखने की ओर अग्रसर है जब तमाम राष्ट्रीय चैनल इस यात्रा पर लगभग मौन है गोदी मीडिया रोज नया इल्ज़ाम लगा, राहुल को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश में है संतोष का विषय है यही झूठा प्रचार कांग्रेस की बुलंद आवाज़ बनता जा रहा है। उस पर दिए जा रहे जवाब मोदी की नींव हिला रहे हैं। लोग आशंकित भी है सूत्र बताते हैं इस यात्रा में सरकार बड़े बबाल की तैयारी में  है जब राहुल 21दिन राजस्थान में होंगे तभी इसे क्रियान्वित करने की कोशिश करेंगे तथा इल्ज़ाम राजस्थान सरकार पर मढ़ेंगे।दंगा फैलाने और राजस्थान सरकार को बदनाम करने के इनके दो प्रयास पहले किए जा चुके हैं। जिसमें ये असफल रहे हैं। राजस्थान की कांग्रेस सरकार तोड़ने के प्रयास भी सफल नहीं हो पाए। इसलिए हर हाल में राजस्थान इनकी आंखों की किरकिरी बना हुआ।

इसलिए इस यात्रा की सुरक्षा एक गंभीर समस्या बनेगा। मुसीबतों से बचपन से जूझते आ रहे राहुल बहुत साहसी हैं इसलिए अपने पिता की मृत्यु भूमि तमिलनाडु से यात्रा का शुभारंभ करते हैं । मृत्यु से वे लेशमात्र भयभीत नहीं है। खुलकर सबसे मिलते हैं  अब हम सबका ये दायित्व हो जाता है कि सुरक्षा के प्रति जन जन सतर्क रहे।स्वागत में उमड़ रही भारी भीड़ के बीच केरला सरकार की व्यवस्था काबिले तारीफ़ है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में जहां भाजपा सरकार हैं कैसी सुरक्षा दे पाती हैं यह सवाल जरुर उठेगा ।उम्मीद है , राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा देश वासियों के अपरिमित स्नेह और  दुलार के बीच अपने उद्देश्य में निश्चित कामयाब होगी। उनके साथ चल रहे 250 सामाजिक संगठन के जाने-माने लोग जो स्वेच्छा से इस महत्वपूर्ण यात्रा में कदम मिलाकर चल रहे हैं उनकी हिफाजत भी बहुत ज़रूरी है।ये सब राष्ट्र हितैषी जन हैं जो देश के अंदर हो रहे बिखराव के जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अंत में एक बार फिर भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी को देखकर कहा जा सकता है इस देश में कुछ बात तो है बकौल इकबाल कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। आमीन।

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