Site icon अग्नि आलोक

थाइराइड : गृहचिकित्सा से करें कंट्रोल

Share

डॉ. प्रिया

      _हाइपोथायरायडिज्म आजकल महिलाओं को काफी अधिक हो रहा है। ज्यादातर महिलाएं ही इससे ग्रस्त होती हैं। इसके संकेत या लक्षण बताने से पहले हम आपको बता देते हैं कि आखिरकार हाइपोथायरायडिज्म है क्या? दरअसल हाइपोथयरायडिज्म में थायरॉड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन करने में विफल हो जाती है।_

       यह ज्यादातर मध्यम आयु के पुरुष और महिलाओं को ही होता है, लेकिन इन दिनों युवा महिलाओं को ही इस समस्या का सामना करते देखा गया है। इसलिए यह काफी जरूरी है कि आप इसके लक्षणों के बारे में अच्छे से जान लें।

*हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण*

      1. थकान और कमजोरी

कई महिलाएं हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित होती हैं जिस वजह से उनके अंदर थकान और कमजोरी आ जाती है। अगर आप भी ज्यादा कमजोर या फिर थकी हुई महसूस करती हैं तो ऐसे में आप पर्याप्त नींद लें और फिर ब्लड टेस्ट के लिए जाएं।

   2. अचानक वजन बढ़ना

        क्या आपका वजन अचानक से बढ़ गया है? क्या वर्कआउट या डाइटिंग करने के बावजूद भी आपका वजन कम नहीं हो रहा है? इस विकार से आपका मेटाबोलिक स्तर कम हो जात

3. अनियमित पीरियड्स

     अगर आपको दर्दनाक और अनियमित पीरियड्स हो रहे हैं तो ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क करें। अगर हाइपोथायरायडिज्म अनियमित पीरियड्स का कारण नहीं है तो आपको इसके पीछे छिपे कारणों को जानना काफी जरूरी है। इसका इलाज करना काफी जरूरी होता है।

4. सूखे बाल और हेयरफॉल

      हार्मोनल परिवर्तन के कारण हमारे शरीर में काफी बदलाव आ जाते हैं। इससे बालों की ग्रोथ भी प्रभावित होती हैं, जिस कारण बाल रूखे और बेजान हो कर झड़ने लगते हैं।

  5. मांसपेशियों में ऐठन और शरीर में लगातार दर्द

      थायरॉयड ग्रंथि से हार्मोन के उत्पादन से मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। मांसपेशियां काफी कमजोर हो जाती हैं। जिस कारण मांसपेशियों में ऐठन और कमजोरी होती है।

6. कब्ज

    हाइपोथायरायडिज्म के दौरान हमारे हार्मोन्स में काफी बदलाव आते हैं। यह बदलाव ज्यादातर खाना पचाने में आते हैं, इसलिए खाना पचाने में काफी परेशानी होती है और कब्ज की समस्या होती है।

7. डिप्रेशन

      हर समय थका हुआ महसूस करने से इंसान डिप्रेशन की ओर बढ़ता चला जाता है। थायरॉयड के कारण निकलने वाले कई हार्मोन आपका तनाव बढ़ा देते हैं। इसलिए हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित इंसान का मानसिक स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है।

    8. चिड़चिडापन

        जब आपका शरीर सही ढंग से काम नहीं करता है तो ऐेसे में आप चिड़चिड़ा जरूर महसूस करने लगते हैं। हमारा शरीर हमारे दिमाग के साथ सहयोग नहीं कर पाता है, जिस कारण हम चिड़चिड़े हो जाते हैं

   9. याद्दाश्त खोना

       हार्मोन की कमी से हमारे शरीर में कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं। हार्मोन के कम स्तर से हमारा मस्तिष्क सही ढंग से काम नहीं कर पाता है, जिस कारण हम कई बातों को भूल भी जाते हैं।

     10. रूखी और बेजान त्वचा

         हाइपोथायरायड से पीड़ित लोगों का पसीने का स्तर लगातार गिरता रहता है। यह आपकी त्वचा को सुस्त और पैची बनाता है।

*हाइपर थाइराइड के लक्षण*

     अप्रत्याशित रूप से वज़न घटना, 

दिल की धड़कन का बढ़ना या अनियमित होना, 

      पसीना आना, और चिड़चिड़ापन शामिल हैं, हालांकि बुजुर्गों में अक्‍सर कोई लक्षण प्रकट नहीं होते.

*हाइपोथायरायडिज्म से होने वाली जटिलताएं* 

      Heart problems दिल की बीमारीInfertility या बांझपनजॉइंट पेनमोटापागर्भवती महिलाओं में ये समस्या होने वाली शिशु के विकास को बाधित कर सकती है। प्रेगनेंसी के पहले  महीनो में बच्चे को अपनी माँ से ही थायराइड हॉर्मोन प्राप्त होता है और यदि माँ को ये समस्या है तो बेबी के mental development में दिक्कत आ सकती है।

      यदि थायराइड हॉर्मोन का लेवल बहुत ही कम हो जाता है तो व्यक्ति को hypothyroidism का सबसे

गंभीर रूप मायक्सेडेमा (myxedema) हो सकता है।

       इस कंडीशन में इंसान कोमा में जा सकता है या उसके शरीर का तापमान बहुत नीचे गिर सकता है, जिससे मौत भी हो सकती है।

*हाइपरथायरायडिज्म की वजह से होने वाली जटिलताएं*

      हाइपरथायरायडिज्म होने पर इसका उचित इलाज करना बेहद ज़रूरी है। ऐसा न करने पर गंभीर और जानलेवा समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

  अनियमित हार्ट रेट

ह्रदय का फेल होना

गर्भपातऑस्टियोपोरोसिस 

और हड्डियों का टूटना ( hyperthyroidism की वजह से bones से calcium तेजी से ख़त्म होता है)

      Hyperthyroidism के सिम्पटम्स का तेजी से बिगड़ना Thyrotoxic crisis कहलाता है और इसका फ़ौरन इलाज कराना बेहद ज़रूरी है।

     _इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं :_

मूर्छित होना

उलझन होना

जागरूकता में कमी आना

बुखार होना

बेचैनी होना, ओर

नाड़ी का बहुत तेज चलना

*थाइराइड का घरलू इलाज* 

        हल्दी दूध :

 थायराइड को कण्ट्रोल करने के लिए आप रोजाना दूध में हल्दी मिलाकर और उसे पकाकर पिए। अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाये तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करे।

    *लौकी का जूस*:

 रोजाना सुबह खली पेट लौकी का जूस पिने से भी थाइरोइड खत्म करने में मदद मिलती है। जूस पिने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिए नहीं।

    *तुलसी और एलोवेरा*

: दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा रस मिला कर इसका सेवन करना भी इस बीमारी से छुटकारा पाने का उत्तम उपाय है।

    *लाल प्याज*

: प्याज को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले और रात को सोने से पहले थायराइड ग्रंथि के आस पास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज का रस को धोये नहीं।

    *हरा धनिया*

थायराइड का घरेलू ट्रीटमेंट  करने के लिए हरा धनिया पीस कर चटनी बनाये और एक गिलास पानी में एक 1 चम्मच चटनी घोल कर पिए। इस उपाय को जब भी करे ताजी चटनी बना कर ही सेवन करे। ऐसा धनिया ले जिसकी सुगंध अच्छी हो। 

    *काली मिर्च*

: काली मिर्च थायराइड का उपचार में काफी फयदेमंद है। किसी भी तरीके से ले आप काली मिर्च का सेवन करे आप को फायदा करेगी।

     *बादाम और अखरोट*

बादाम और अखरोट में सेलीनीयम तत्व मौजूद होता है जो  थायराइड के इलाज में फायदा करता है। इस के सेवन से गले की सूजन से भी आराम मिलता है। हाइपोथायराइड में ये उपाय जादा फायदा करता है।

      *अश्वगंधा*:

 रात को सोते वक़्त एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ सेवन करे।चावल ब्रैड और अनाज खाएं। ताजे फल और 

   *क्सरसाइज*

 रोजाना आधा घंटा एक्सरसाइज करे, इससे थाइरोइड बढ़ता नही है और कंट्रोल में रहता है।  .

  *निम्बू की पत्तियों का सेवन*

 थाइरोइड को नियमित करता है, इसका सेवन करने से थाइरोक्सिन के अत्यधिक मात्रा में बनने पर रोक लगती है और इसकी पत्तियों की चाय भी बनाकर पी जाती है, आप इसकी चाय या रस पी सकते हैं.

  *अदरक*

अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।

  *दही और दूध का सेवन*

दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं। इसलिए थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। 

   *मुलेठी लें*

थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।

    *गेहूं और ज्वार खाएं*

गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है। थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं और ज्वार का सेवन कर सकते हो।

    *साबुत अनाज*

जौ, पास्ता और ब्रेड़ आदि साबुत अनाज का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता  है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।

   *गाजर और हरी पत्तेदार सब्जियों*

 में विटामिन ए अधिक मात्रा में पाया जाता है।

  *रस*

जूस पीना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। थायराइड के मरीज को रोजाना एक गिलास ताजा मौसमी फलो का जूस पीना चाहिए।

   *काली मिर्च*

थायराइड को ठीक करना चाहते है, तो तुरंत काली मिर्च का सेवन शुरू करे। काली मिर्च का सेवन करने से थायराइड की बीमारी ठीक हो जाती है। काली मिर्च का सेवन आप किसी भी प्रकार से कर सकते है।

    *आयोडीन युक्त पदार्थ लें*

हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि आयोडिन में मौजूद पोषक तत्व थायराइड ग्रंथी की कार्यप्रणाली को ठीक रखता है। इसलिए आयोडीन युक्त पदार्थ ही खाएं।

  *गले को दें ठंडी गर्म सेंक*

थायरइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फायदा मिलता है। इसके लिए आप गर्म पानी को एक बोतल में भर लें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें। ठंडे पानी में एक तौलिया भी भिगों लें।और इसे इस तरह से गर्दन की सिकाई करें।

तीन मिनट गर्म पानी से सिकाई और फिर एक मिनट तक ठंण्डे पानी से सिकाई। एैसा आप तीन बार करें। और चौथी बारी में तीन मिनट ठण्डी और तीन मिनट गर्म पानी की सेंक करें। इस उपाय को आप दिन में कम से कम दो बारी जरूर करें।

इन सभी नुस्खों से आपको जरूर लाभ मिलेगा पर ध्यान रहे समस्या अगर घरेलू आजमाइशों से काबू में न आये तो डॉक्टर से जरुए संपर्क करें।

    *गेहूं और ज्वार*.

   इस का इस्तेमाल

थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने में गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल भी मददगार हो सकता है। गेहूं और ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

    *साबुत अनाज*

जौ, गेंहू और साबुत अनाज से बने पदार्थों का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होती है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।

      (चेतना विकास मिशन)

Exit mobile version