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*आयुर्वेदिक तरीके से पकाएं, डायबिटीज में भी खाएं चावल*

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       ~डॉ. गीता शर्मा 

चावल एक खास सुपरफूड है, और यह कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। पर कई ऐसी स्वास्थ्य स्थितियां हैं, जैसे की थायराइड, डायबिटीज, पीसीओडी, वेट लॉस आदि, जिनमें चावल के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

    परंतु ऐसा नहीं है, कि आप इनमें चावल का सेवन बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं। आजकल हम सभी चावल को पकाने के लिए प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करते हैं, यह तरीका बिल्कुल भी उचित नहीं है।

    यदि आप चावल की असल गुणवत्ता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इन्हें आयुर्वेदिक तरीके से पकाना चाहिए.

    इन्हें पकाने के पारंपरिक और आयुर्वेदिक तरीके के साथ आप इनकी असल पोषण को बरकरार रख सकते हैं।

 *क्यों खास हैं चावल?*

     चावल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, यह शरीर को ऊर्जा प्रदान कर आपको पूरी तरह से एक्टिव रहने में मदद करते हैं। वहीं यह ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, साथ ही चावल में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और बी विटामिन जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इन्हें सेहत के लिए खास बनाते हैं।

     चावल फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो पाचन में मदद करता है और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है।

*चावल पकाने का आयुर्वेद तरीका :*

    आयुर्वेद भोजन को कुछ इस प्रकार पकाने की विधि बताता है, जिसमें खाद्य पदार्थों को पचाना आसान हो जाता है। ताकि आंतों से रक्त में और वहां से शरीर की कोशिकाओं में पोषक तत्वों के अवशोषण को अनुकूलित किया जा सके। आयुर्वेद खाना पकाने से पहले उन्हें भूनकर या पानी की मात्रा बढ़ाकर उनकी पाचनशक्ति बढ़ाने की सलाह देता है।

     सूखा भूनने से अनाज की सतह पर विभिन्न स्टार्च की संरचना बदल जाती है और उनमें से कुछ कैरामेलाइज़ हो जाते हैं, जिससे चावल में स्वाद जुड़ जाता है। भूनने की प्रक्रिया से स्टार्च कम हो जाने के बाद, चावल चिपचिपा नहीं होता है और फूला हुआ रहता है।

अपनी रुचि क

चावल को भूनने के बाद आप इसे लंबे समय तक स्टोर करके रख सकती हैं। 1 भाग चावल लें और 4 भाग में पर्याप्त पानी डालें, 1 चम्मच गाय का घी और स्वादानुसार नमक डालें और चावल को अच्छी तरह पकने तक उबालें। फिर पानी को छान लें, आप इस पानी का उपयोग अन्य आयुर्वेदिक उद्देश्यों के लिए कर सकती हैं, और दाल और सब्जी के साथ चावल का आनंद लें।

डायबिटीज के मरीजों के लिए चावल का पानी एक अच्छा विकल्प है। चित्र अडोबी स्टॉक

नोट:

इस विधि से आपके वजन बढ़ने और अन्य बीमारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। हालांकि, जिस प्रकार किसी भी चीज की अधिकता हानिकारक होती है, ठीक उसी प्रकार चावल के सेवन की मात्रा का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। याद रखें कि इसे हमेशा मध्यम मात्रा में लें और इसमें शुद्ध गाय का घी मिलाना न भूलें। यह आपके चावल में पोषक तत्वों की गुणवत्ता जोड़ेगा।

चावल पकाने के बाद बचे हुए पानी के हैं कई महत्वपूर्ण फायदे

चावल पकाने के बाद बचे हुए पानी को मांड कहते हैं। चावल की तरह इनमें भी पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो शरीर को एनर्जेटिक रहने में मदद करते हैं। इसके साथ ही यह पानी पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद होता है। खास कर यदि आपको कब्ज की समस्या रहती है, तो इसे जरूर पिएं। इससे मल त्याग करने में आसानी होती है।

चावल के पानी में सोडियम की मात्रा बेहद कम होती है, जिसकी वजह से इसका सेवन ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन दोनों ही स्थितियों में कारगर माना जाता है। इतना ही नहीं चावल के पानी के कई अन्य फायदे भी हैं, यह त्वचा एवं बालों की सेहत के लिए भी बेहद कारगर होता है।

आप इन्हें डाइट में शामिल करने के साथ-साथ अपनी त्वचा एवं बालों पर अप्लाई कर सकती हैं। जिससे कि स्किन में प्राकृतिक ग्लो बरकरार रहता है, और बाल सिल्की और मुलायम होते हैं।

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