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डेजी शाह:सलमान का पहला ऑफर रिजेक्ट किया, फिर बनीं जय हो की हीरोइन

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बैकडांसर के तौर पर करियर की शुरुआत करके एक्ट्रेस बनने वाली डेजी शाह की है।

डेजी कहती हैं, मैं पिछले 11 सालों से इस इंडस्ट्री का हिस्सा हूं। लोगों को लगता है कि शुरुआत से ही मैं इस मुकाम पर थी, लेकिन ऐसा नहीं है। कई लोगों को पता भी नहीं है कि मैंने एक्ट्रेस बनने के बारे में कभी सोचा ही नहीं था।

करियर की शुरुआत में मैं डांस ग्रुप में क्राउड का हिस्सा थी। फिर डांसर, असिस्टेंट कोरियोग्राफर और मॉडलिंग के बाद बतौर एक्ट्रेस काम करना शुरू किया।

इस सफर की हर सीढ़ियों को मैंने परिवार के सपोर्ट और खुद की मेहनत के साथ पूरा किया है। कोई ऐसा नहीं था जिसने आसानी से ये स्टारडम मुझे गिफ्ट कर दिया हो। इस सफलता के लिए मैंने बहुत मेहनत की है।

एक नजर उनके करियर के सफर पर…

बतौर एक्ट्रेस डेजी शाह पिछले 12 साल से इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। उन्होंने 2011 की कन्नड़ फिल्म बॉडीगार्ड से एक्टिंग करियर की शुरुआत की। हालांकि, उन्हें बड़ी पहचान सलमान खान की फिल्म जय हो से मिली थी। वो रेस-3 और हेट स्टोरी-3 जैसी फिल्मों का भी हिस्सा रही हैं। फिलहाल वो फियर फैक्टर: खतरों के खिलाड़ी के 13वें सीजन में बतौर कंटेस्टेंट नजर आ रही हैं।

शो खतरों के खिलाड़ी के एक एपिसोड में स्टंट करतीं डेजी शाह।

मेरा जन्म मुंबई के एक गुजराती परिवार में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई मैंने मुंबई के डोंबिवली में की, फिर पापा के काम की वजह से हमें मलाड शिफ्ट होना पड़ा। बचपन सामान्य ही बीता। पापा मुझे बेटी कम, बेटा ज्यादा मानते थे। यही वजह है कि मैंने खुद को लड़कों से कम नहीं आंका।

हमेशा से मेरा रुझान डांस की तरफ था। कॉलेज के दिनों से ही मैं डांस ग्रुप से जुड़ गई थी। शुरुआत में सिर्फ क्राउड में दिखती थी। जब ज्यादा काम के ऑफर मिलने लगे तो मैंने सोचा कि घर की जिम्मेदारी सिर्फ पापा ही क्यों उठाएं। मैंने उनसे इस बारे में बात की। मैंने उनको कहा कि मुझे काम मिल रहा है और आर्थिक रूप से मैं उनकी मदद करना चाहती थी। काफी समझाने के बाद उन्होंने मुझे काम करने की परमिशन दे दी।

ऐसा भी दौर था कि बिना सोए मैंने 15 दिन लगातार शूट किया था। इन दिनों काम की ललक ऐसी थी कि मुझे याद है कि मैंने शायद एक भी छुट्टी नहीं ली थी।

2007 में हार्ट अटैक की वजह से पापा की मौत हो गई। इसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। सिर्फ मैं ही अकेली कमाने वाली बची। पापा के चले जाने के बाद मैं और समझदार हो गई और सभी जिम्मेदारियों को बखूबी सभांला।

मेरी पहली कमाई सिर्फ 300 रुपए थी। इसे मैंने मां को ही दे दिया था। आज भी जो कुछ कमाती हूं, वो मां को ही दे देती हूं। जब जरूरत पड़ती है, तो उन्हीं से मांगती हूं।

जब मैं बैकग्राउंड डांसर का काम कर रही थी, तभी गणेश आचार्य ने मुझे देखा। मेरे डांस से इंप्रेस हो कर उन्होंने मुझे अपने डांसिंग ग्रुप में शामिल कर लिया। कुछ समय यहां काम करने के बाद मैं असिस्टेंट कोरियोग्राफर बन गई। फिर मैंने मॉडलिंग में भी हाथ आजमाया। प्रिंट ऐड में भी काम किया।

एक्टिंग के सफर की बात करूं तो मैंने कभी एक्ट्रेस बनने के बारे में सोचा नहीं था। ना ही कोई प्लान था। मॉडलिंग करने के दौरान मुझे फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। काम और पैसों की जरूरत मुझे थी ही इसलिए इसी फील्ड में आ गई। मैंने किसी काम को कभी मना नहीं किया है।

सलमान ने पहले मुझे हिंदी वर्जन की बॉडीगार्ड ऑफर की थी। मुझे करीना कपूर की बेस्ट फ्रेंड का रोल ऑफर हुआ था, लेकिन कुछ काम की वजह से मैंने मना कर दिया था। हालांकि, इस बात का अफसोस है कि मैंने सलमान को ना किया। इसके बाद उन्होंने मुझे फिल्म जय हो ऑफर की।

सलमान खान मेरे मेंटर हैं। वो हमेशा मेरे लिए मौजूद रहते हैं। जब किसी मुसीबत में फंस जाती हूं, तब मैं उन्हीं के पास जाती हूं। खुद को लकी मानती हूं कि मेरे लाइफ में सलमान खान हैं, जिन्होंने मुझे उंगली पकड़कर रास्ता दिखाया है। जब मेरी जिंदगी में कोई मुसीबत आने वाली होती है, तो मुझे पहले से ही सतर्क कर देते हैं। खुद काे खुशकिस्मत मानती हूं कि वो मेरी जिंदगी में हैं। कुछ प्रोजेक्ट्स को साइन करने से पहले मैं उनकी राय लेना जरूरी समझती हूं।

इंडस्ट्री से जुड़े मुझे 24 साल हो गए हैं। खुद को लकी मानती हूं कि इतने सालों के बाद भी मुझे कास्टिंग काउच का सामना नहीं करना पड़ा। वजह ये भी है कि वो (सलमान खान) मेरी जिंदगी में हैं, जो मुसीबत आने से पहले ही मुझे उसके बारे में सतर्क कर देते हैं।

जो लोग कहते हैं कि वो कास्टिंग काउच के विक्टिम हैं, इस पर मुझे लगता है कि सहमति के बिना ये सारी चीजें हो ही नहीं सकतीं। ये सामने वाले की चॉइस पर निर्भर करता है कि वो इस सिचुएशन से निकलता चाहता है या हार मानना चाहता है। किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं कर सकता।

इतने लंबे करियर में मुझे भी बहुत बार रिजेक्शन मिला है। रिजेक्शन तो इस सफर का हिस्सा है। जब कभी निराश होती हूं तो खुद को मोटिवेट करती हूं कि अगर 300 रुपए से लेकर मैंने आज ये मुकाम हासिल किया है तो आने वाले समय में भगवान ने मेरे लिए कुछ अच्छा ही सोचा होगा।

अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की बात करूं तो इस हफ्ते एक-दो फिल्म की अनाउंसमेंट होने वाली है। फिल्म मिस्ट्री ऑफ द टैटू का पोस्ट प्रोडक्शन का काम लगभग हो चुका है। ये भी जल्द ही रिलीज हो जाएगी।

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