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पितृ पक्ष की तिथियां और महत्व

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17 सितंबर से पितृ पक्ष आरंभ हो रहा है । हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पितरों को प्रसन्न और संतुष्ट करने वाला पर्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से होती है। इस दिन उन पूर्वजों के सम्मान में श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु हर महीने की पूर्णिमा के दिन हुई थी। पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध या पितृ पक्ष के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में मृतक पूर्वजों को समर्पित एक महत्वपूर्ण अवधि है। माना जाता है कि यह वह समय होता है जब पूर्वजों की आत्माएं प्रसाद और प्रार्थनाओं के प्रति सबसे अधिक ग्रहणशील होती हैं। श्राद्ध पक्ष वास्तव में पितरों को याद करके उनके प्रति श्रद्धा भाव प्रदर्शित करने का अवसर है। पितरों का श्राद्ध करने से जन्म कुंडली में व्याप्त पितृदोष से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिलता है। 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर को प्रातः 11:44 से शुरू हो रही है और इसका समापन 18 सितंबर को  प्रातः 08:04 पर हो रहा है। 
ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 17 सितंबर को होगा और उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद पूर्णिमा का स्नान और दान 18 सितंबर को हो।  
श्राद्ध दिन में 11 बजे के बाद करते हैं, ऐसे में 17 सितंबर को पूर्णिमा तिथि में श्राद्ध हो पाएगा क्योंकि 18 सितंबर को सुबह 08:04 बजे पूर्णिमा तिथि खत्म हो जा रही है।  इस प्रकार पितृ पक्ष का प्रारंभ 17 सितंबर दिन मंगलवार से होगा। 

पितृ पक्ष का महत्व
पितृ पक्ष हिंदुओं के लिए अपने पूर्वजों को सम्मान देने और परिवार की भलाई और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद लेने का समय है। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान अनुष्ठान करने और प्रसाद चढ़ाने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति और मुक्ति मिलती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे अपने वंशजों को खुशी और सफलता का आशीर्वाद देते हैं।

पितृ पक्ष 2024 तिथियां
वर्ष 2024 में पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर को समाप्त होगा। आइए जानते हैं कि इस साल पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां कौन-कौन सी हैं?
17 सितंबर, मंगलवार: पूर्णिमा श्राद्ध
18 सितंबर, बुधवार: प्रतिपदा श्राद्ध
19 सितंबर, गुरुवार: द्वितीया श्राद्ध
20 सितंबर, शुक्रवार: तृतीया श्राद्ध
21 सितंबर, शनिवार: चतुर्थी श्राद्ध, महाभरणी
22 सितंबर, रविवार: पंचमी श्राद्ध
23 सितंबर, सोमवार: षष्ठी श्राद्ध, सप्तमी श्राद्ध
24 सितंबर, मंगलवार: अष्टमी श्राद्ध
25 सितंबर, बुधवार: नवमी श्राद्ध, मातृ नवमी
26 सितंबर, गुरुवार: दशमी श्राद्ध
27 सितंबर, शुक्रवार: एकादशी श्राद्ध
29 सितंबर, रविवार: द्वादशी श्राद्ध, मघा श्राद्ध
30 सितंबर, सोमवार: त्रयोदशी श्राद्ध
1 अक्टूबर, मंगलवार: चतुर्दशी श्राद्ध
2 अक्टूबर, बुधवार: अमावस्या श्राद्ध, सर्व पितृ अमावस्या

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