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शोषक सत्ता जनित हत्याएँ हैं दिल्ली में छात्रों की मौतें 

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       प्रस्तुति : पूजा ‘पूजा’

     दिल्ली स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान में  जल जमाव के कारण कई छात्रों की जान जा चुकी है।

      27 जुलाई को भारी बारिश के कारण कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में हुए जल जमाव की वजह से कुछ छात्रों की मौत हो गयी है। शुरू में मरने वाले छात्रों की संख्या तीन बतायी जा रही थी लेकिन यह उससे कहीं ज़्यादा है। इस मसले पर बड़ी संख्या में छात्र एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। दिशा छात्र संगठन के साथी भी वहाॅं सक्रियता से छात्रों के इस संघर्ष में खड़े हैं।

       असल में जल जमाव की समस्या इस क्षेत्र में हमेशा से होती रही है। इस समस्या  को हल करने हेतु कुछ ही दिन पहले शिकायत दर्ज की गई थी। इससे पहले भी बिजली से करेंट लगने से एक छात्र की मौत हो गई थी। यह स्थिति दिल्ली में रह रहे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की है! 

      दिल्ली जोकि देश की राजधानी है उसमें बुनियादी ढांचागत व्यवस्था का यह हाल है तो पटना, इलाहाबाद और अन्य जगहों पर दड़बे नुमा कमरों में रह कर, हजारों की संख्या में घुटन भरे कमरों में बैठ कर तैयारी करने वाले छात्रों की स्थिति कितनी दयनीय और ख़तरनाक होगी,  इसका आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है। 

      एक अदद नौकरी की तलाश में देश के अलग-अलग हिस्सों में बेहद दयनीय स्थिति में सालों तैयारी करते हुए छात्रों की आधी ज़िंदगी गुजर जाती है और बदले में ना तो कहीं रोज़गार की गारंटी मिलती है और ना ही सम्मानजनक जीवन।

      उल्टे सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण आज छात्र अपनी जानें गवा रहे हैं। ज्यादातर कोचिंग से लेकर छात्रों के रिहायशी इलाकों में सुरक्षा के कोई इंतज़ाम नहीं होते हैं। आख़िर किसी बिल्डिंग के बेसमेंट में कोचिंग चलाने की इजाज़त कौन देता है? बिना सरकार और नगर निगम की इजाज़त के यह संभव नहीं। लेकिन दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम ने इस घटना की जिम्मेदारी तक नहीं ली। 

     इसके उल्ट जो छात्र अपने दोस्तों के इंसाफ़ के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, प्रशासन ने उनके उपर ही लाठीचार्ज किया और डिटेन कर उनके साथ मारपीट की। 

     यह साफ़ है कि इन मासूम छात्रों की भयावह हत्याओं की ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार, भाजपा के मौजूदा सांसद, दिल्ली सरकार, मौजूदा विधायक, एमसीडी और कोचिंग माफियाओं की है, जो छात्रों की ज़िंदगी से खेल रहे हैं। 

     सिर्फ़ दिल्ली नहीं बल्कि पूरे देश के छात्रों का यही हाल है! आज इन हत्याओं के सिलसिले को रोकने के लिए छात्रों को बड़ी संख्या में एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। कोचिंग माफिया, सरकार, पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ हमें आवाज़ उठानी होगी वरना कल को हमारी बारी भी आ सकती है। 

     क) पुलिस और प्रशासन घटना की सटीक जानकारी दें और छात्रों के सामने स्थिति को स्पष्ट करे।

   ख) राव आईएएस कोचिंग के निदेशक को तुरन्त गिरफ़्तार किया जाना चाहिए क्योंकि वही इस घटना के लिए ज़िम्मेदार हैं। 

    उनके कोचिंग सेंटर (अधिकांश कोचिंग सेंटरों की तरह) केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हैं जिनमें अग्नि सुरक्षा, बिल्डिंग कोड, उचित विद्युतीकरण, वेंटिलेशन, प्राथमिक चिकित्सा किट, चिकित्सा सहायता, सीसीटीवी कैमरे और ‘फायर एंड बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट’ जैसे बुनियादी सुरक्षा उपायों को अनिवार्य किया गया है। इस लापरवाही की वजह से इस प्रकार की घटना हुई है। 

    ग) इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की जानी चाहिए।

   घ) छात्रों के रिहायशी क्षेत्रों की जांच होनी चाहिए‌ और छात्रों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

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