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लोकतंत्र बना अर्थ तंत्र या गुंडा तंत्र

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पंचायत चुनाव एवं नगरी निकाय में सब खुलकर सामने आ गया।**शराब बांटने में कोई किसी से पीछे नहीं रहा **

*श्रीराम सेन सिलवानी*

हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर विश्वास रखने वाले लोग पूरे विश्व के अंदर सबसे बड़ा संविधान को मानने वाले लोग इसके बाद भी त्रिस्तरीय पंचायती राज में जो चुनाव में देखने को नजर आया वह कभी नहीं देखा गया साड़ी ब्लाउज पायजेब आदि वितरित करके लोगों ने चुनाव जीता अब लोग पैसे के दम पर सत्ता की कुर्सी पर पहुंचने वाले हैं जहां एक और सभ्य समाज की दुहाई देने वाले देश के बड़े-बड़े दिग्गजों बड़े बड़े अर्थशास्त्री बड़े-बड़े विद्वान आर एस एस के बड़े-बड़े रिसर्च कर्ता इस बात को तय नहीं कर पा रहे कि हम हिंदुस्तान को किस दिशा की ओर ले जाएंगे जहां आए दिन लूट भ्रष्टाचार गुंडागर्दी महिलाओं के साथ अन्याय अत्याचार हो रहा है वही कहते हैं इस देश में नारी को नंबर एक पर पूजा की जाती है और उसी नारी के अंदर कितना बड़ा दुराचार कितना बड़ा खिलवाड़ किया इस चुनाव में देखा गया है ।

वह कभी देखने को नहीं मिला जहां महिलाएं चुनाव लड़ रही थी शायद उन महिलाओं को तो पता ही नहीं है कि हमारे पतियों ने एक वोट खरीदने में 10,000 से 5000 कई किस्म की तस्वीरें चांदी पत्र मढ़ कर जनता को भेंट की गई अब पता नहीं उंट किस करवट बैठता है।

चौराहे चौराहे पर पान की दुकानों में चर्चा करते हुए पाए गए लोगों ने कहा कि बड़ी बड़ी बिल्डिंग वालों ने पैसा लिया है यह सबसे शर्मनाक घटना पैसा किसी ने नहीं छोड़ा उस पैसे में मैं स्वयं शामिल हूं। अभी सभी प्रत्याशियों की किस्मत मशीन के अंदर के थे वह भी उस मशीन के अंदर के जिस देश के अंदर वह मशीनों की शुरुआत हुई थी वहां इस समय बैलेट पेपर से चुनाव कराए जा रहे हैं और हमारे हिंदुस्तान में अब आधा बैलेट पेपर आधा मशीन से चुनाव हो रहा है आखिर इसका जिम्मेदार कौन ……..,?

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