Site icon अग्नि आलोक

क्या सुप्रीम कोर्ट में लं‎बित मामलों को देखते हुए गोयल ने दिया इस्तीफा

Share

18 नवंबर 2022 को भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव पद से इस्तीफा देकर, 24 घंटे के अंदर केंद्रीय चुनाव आयुक्त बनने वाले, चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व इस्तीफा दे दिया है। शनिवार को उन्होंने इस्तीफा दिया, राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा तुरंत मंजूर कर लिया। चुनाव आयुक्त के रूप में जैसे उनकी ताबड़तोड़ नियुक्ति हुई थी। वैसे ही उनका इस्तीफा मंजूर हुआ है। जिसके कारण देश में कई तरह के कयास उनके इस्तीफा पर लगने लगे हैं । केंद्रीय चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक का था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अगले साल सेवानिवृत हो जाएंगे। उसके बाद गोयल 2027 तक मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर पदोन्नत होने वाले थे।

केंद्रीय चुनाव आयोग में गोयल को मिलाकर केवल दो चुनाव आयुक्त थे। एक पद पहले ही अनूप चंद पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद से खाली पड़ा हुआ था। गोयल का इस्तीफा मंजूर हो जाने के बाद अब केंद्रीय चुनाव आयोग में केवल राजीव कुमार ही आयुक्त रह गए हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव एक ही चुनाव आयुक्त करा पाएंगे? इसको लेकर राजनीतिक एवं प्रशासनिक हलकों में तरह-तरह की बातें शुरू हो गई हैं। केंद्रीय चुनाव आयुक्त बनने के लिए गोयल वीआरएस लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा का पद छोड़ा था। अब केंद्रीय चुनाव आयुक्त का पद,यदि उन्होंने छोड़ा है। तो अब स्तीफे के कारणों को लेकर चर्चा हो रही है।

क्या चुनाव के पहले कोई बड़ा खेला होने जा रहा है। 18 नवंबर 2022 को उन्होंने केंद्रीय सचिव के पद से स्तीफा दिया था। 24 घंटे के अंदर उनकी फाइल क्लियर हुई थी। उन्हें 24 घंटे के अंदर चुनाव आयुक्त बना दिया गया था। उनकी नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की थी। उस समय गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव होने थे। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की अप्रत्याशित जीत हुई। वहीं हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा था। उसके बाद पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए। तेलंगाना को छोड़कर शेष सभी 4 राज्यों में भाजपा को अप्रत्याशित रूप से जीत हासिल हुई थी। उसके बाद से चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर देश में एक नई तरह की बहस शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट में एडीआर द्वारा गोयल की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। याचिका अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सरकार ने केंद्रीय चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए जो नया कानून बनाया है।

उसको भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस पर अभी फैसला आना बाकी है। सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर मामला लंबित है। सुप्रीम कोर्ट में लं‎बित मामलों को ध्यान में रखते हुए क्या गोयल ने इस्तीफा दिया है। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित किए थे। उसकी गड़बड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लंबित है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा द्वारा पोर्टल में और चुनाव परिणाम में जिस तरह के अलग-अलग आंकड़े हैं। उसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों द्वारा ईंवीएम एवं बीवीपेट की कार्य प्रणाली को लेकर जो आंदोलन प्रदर्शन किया जा रहे हैं।

आंदोलन के दौरान डेमो मशीन द्वारा ईवीएम मशीन की गड़बड़ियों को लेकर जो प्रदर्शन किए गए हैं। जिस तरह के आरोप केंद्रीय चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे हैं। गोयल ने क्या उस दबाव में आकर इस्तीफा दिया है? एक बात यह भी कही जा रही है, गोयल केंद्रीय चुनाव आयोग के पद से इस्तीफा देकर,वह लोकसभा का चुनाव भी भाजपा कि टिकिट पर लड़ सकते हैं। उन्होंने इस्तीफा दिया। राष्ट्रपति द्वारा तुरंत उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। एक आशंका यह भी व्यक्त की जा रही है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले गोयल ने सभी राज्यों का दौरा किया। बैलेट से चुनाव कराने की मांग, चुनाव आयोग में पांच राज्यों के चुनाव के समय जो शिकायतें की गई थी। उनकी सुनवाई नहीं करने तथा सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग से संबंधित मामलों की सुनवाई से वह अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे थे? सरकार का जिस तरह से दबाव चुनाव आयोग पर है। क्या उससे घबराकर उन्होंने इस्तीफा दिया है।

2024 का लोकसभा चुनाव केवल एक सदस्यीय मुख्य चुनाव आयुक्त करा पाएंगे। इसे भी सरकार की एक रणनीति के रूप में देखा जाने लगा है। भारतीय जनता पार्टी ने 400 प्लस का लक्ष्य रखा है। ऐसी स्थिति में एक ही चुनाव आयुक्त के निर्देशन में जब लोकसभा का चुनाव होगा। तभी लक्ष्य को प्राप्त करना, भाजपा के लिए आसान होगा। इस तरह की बातें भी चर्चाओं में हैं। जिस तरह प्रधानमंत्री ने अरुण गोयल की नियुक्ति चुनाव आयुक्त के रूप में की थी। तब यह माना गया था, कि वह उनके सबसे विश्वसनीय अधिकारी हैं। उनके इस्तीफा देने से सभी को आश्चर्य हो रहा है। उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया है, इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया है। लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना जारी होने मे कुछ ही दिन शेष हैं। गोयल के इस्तीफे के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में अटकलों का बाजार जरूर गर्म है। यह कहा जा रहा है ‎कि चुनाव के पूर्व और पश्चात बड़ा खेला होना तय है।

Exit mobile version