सनत जैन
विश्व हिंदू परिषद ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है, कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के नाम पर कई जालसाज ठगी का धंधा कर रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद ने लोगों को ऐसे गोरखधंधा करने वालों से आगाह किया है। विहिप ने कहा है, कि साइबर अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया पर संदेश भेजकर, मंदिर के नाम पर जो ठगी की जा रही है, उससे बचें। दरअसल सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के पास एक मैसेज भेजा जा रहा है। इस संदेश के साथ ही क्यूआर कोड भी होता है। इसको स्कैन करके लोगों से दान राशि मांगी जा रही है। फर्जी तरीके से चलाए जा रहे इस कैंपेन से ठगों के खाते में रोजाना लाखों रुपए पहुंच रहे हैं। इस तरह की शिकायत विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने करते हुए, सरकार से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने दिल्ली के गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख को भी इस आशय का पत्र भेजकर, इस तरह की ठगी करने वालों पर लगाम लगाने की मांग की है।
इतिहास गवाह है कि भगवान राम के नाम पर ठगी करने का धंधा कोई नया नहीं है। हजारों वर्षों से यह धंधा चला आ रहा है। लोगों की आस्था को देखते हुए फर्जी साधु-संत और ठग हमेशा से भगवान राम के नाम का उपयोग ठगी करने के लिए करते रहे हैं। जो आज भी कर रहे हैं। भगवान राम की कृपा से लोगों का व्यापार, कारोबार और राजनीति उनके नाम पर हजारों वर्ष से होती आ रही है। अब इसमें भाजपा से जुड़े हुए अनुवांशिक संगठन और हिंदू संगठन के लोग भी भगवान राम के नाम पर इस तरह की लूट में शामिल हैं। जो सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
अब घर बैठे लाखों और करोड़ों रुपए की ठगी की जा रही है। जब से राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ है। उसके बाद से ही राम के नाम पर चंदा एकत्रित किया जा रहा है। जिस नाम से चंदा एकत्रित किया जा रहा है, उस चंदा को संस्था मे नहीं भेजकर लोग अपने पास रख लेते हैं। पिछले कुछ महिनों में जिस तरीके से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और राम मंदिर निर्माण को लेकर जो प्रचार-प्रसार हुआ और लगातार हो रहा है। उसका असर पूरे देश में पड़ा है। हर आदमी को पता है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। राम मंदिर के निर्माण और अन्य कार्यों के लिए लोग खुलकर चंदा दे रहे हैं। राम के नाम पर अब, साइबर ठगी के भी कई द्वार खुल गए हैं। इसको नियंत्रित कर पाना शायद सरकार के लिए भी संभव न हो। लोगों की भावनाओं को किस तरीके से प्रभावित किया जाता है। किस तरह से उनकी आस्था का इस्तेमाल ठगी के लिए किया जाता है।
इसको ठगी करने वाले बहुत बेहतर ढंग से जानते हैं। राम मंदिर का निर्माण जब से शुरू हुआ है। उसके बाद से ही बड़े-बड़े आरोप चंदे को लेकर लग रहे हैं। चंदे का कोई हिसाब किताब कभी भी विश्व हिंदू परिषद ने भक्तों को नहीं दिया। विश्व हिंदू परिषद भी चंदे को लेकर तरह-तरह के आरोप लगाते रहे। राम मंदिर निर्माण के लिए जो जमीन खरीदी गई थी, उसमें भी करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आई।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी दस्तावेजों के साथ कई आरोप लगाए थे। लेकिन उन पर अभी तक कोई जांच नहीं की गई। अभी घोटाले में हजारों नए लोग भी शामिल हो गए हैं। जिसके कारण विश्व हिंदू परिषद की चिंता बढ़ गई है। भगवान राम के बारे में कहा जाता है, कि राम नाम की लूट है। लूट सके तो लूट। इस लूट में शामिल होने के लिए राम का नाम ही पर्याप्त है। राम सभी के हैं। राम का नाम लेने से सभी को लाभ प्राप्त होता है। भगवान राम का नाम लेने से वैतरणी पार हो जाती है। राम के नाम पर ठगी तो बहुत छोटी सी बात है। बहरहाल देश के 140 करोड भक्तों तथा विदेशों में करोड़ों राम भक्तों की संख्या को देखते हुए, ठगों ने भी ठगी करने के नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं।
साइबर ठगी के माध्यम से ठगी का पहिया तेजी के साथ घूम रहा है। भारत में जिस तरह की आस्था राम के प्रति जगाई गई है, उसके बाद रातों-रात, राम का नाम लेकर करोड़पति और लखपति बना जा सकता है। टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में जिस तरह से भगवान राम का गुणगान किया जा रहा है, उससे भक्तों की राम के प्रति निष्ठा और आस्था और भी बढ़ी है। निश्चित रूप से ठगों के लिए यह सबसे सुनहरा मौका है, जिसका लाभ वह उठा रहे हैं।