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अमृतकाल में डीजे और लाऊडस्पीकर का आतंक

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बंदूक के बाद सबसे भयानक आविष्कार डीजे का हुआ है. ऐसा हमला करता है कि आप उससे किसी तरह भी नहीं बच सकते. ऐसा लगता है जैसे कोई दिल पर जोर जोर से घूंसे मार रहा है. – हिमांशु कुमार

श्याम मीरा सिंह

देश ‘अमृतकाल’ से गुजर रहा है, जहां डीजे और लाउडस्पीकर ट्रेंड में हैं. कहीं मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं, कहीं मस्जिदों के आगे ही तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जा रहे हैं. रामनवमी हो या गणतंत्र दिवस लाउडस्पीकर चर्चा में रहता है.

एक धर्म विशेष बाहुल्य इलाकों से रैलियां निकाली जाती हैं, फिर भड़कते हैं दंगे, लगाई जाती है आग, राम का घर छूट जाता है, रहमान का जल जाता है. इन सबको खुला समर्थन मिलता है पुलिस और एक खास पार्टी के विधायक और सांसदों का. उसे आवाज मिलती है न्यूज चैनलों के एंकरों और मालिकों से.

अमृतकाल की इन तमाम कहानियों में एक नया सीन जुड़ा है ग्रेटर नोएडा की एक सोसाइटी का. लेकिन इस बार पीड़ित मुसलमान नहीं बल्कि बहुसंख्यक समाज से ही हैं. नोएडा एक्सटेंशन में एक सोसाइटी है, नाम है- ऑक्सफोर्ड स्‍क्वायर सुपर टेक इकोविलेज-3.

रविवार रात करीब 11:30 बजे सोसाइटी में जागरण चल रहा था. जागरण मतलब जहां डीजे पर हिंदू देवी देवताओं के गीत बजाए जा रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर या डीजे बजाने की मनाही है क्योंकि इससे दूसरों की नींद में खलल होती है. बच्चे, बूढ़े, बीमार परेशान होते हैं. पढ़ने वाले भी नहीं पढ़ पाते.

इसी सोसाइटी में न्यूज-18 के पत्रकार सौरभ शर्मा अपनी पत्नी अंकिता शर्मा और एक बच्चे के साथ रहते हैं. रात में तेज आवाज पर बजाए जा रहे डीजे से परेशान सौरभ शर्मा ने 112 नंबर पर फोन करके पुलिस को सूचना दी. सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सौरभ शर्मा भी.

सौरभ ने आयोजकों को डीजे बंद करने के लिए कहा, लेकिन ये बात आयोजकों को इतनी नागवार गुजरी कि वे सौरभ शर्मा को मौके पर ही सबक सिखाने के लिए दौड़ पड़े. आरोप है कि आयोजकों ने उन्हें ‘पाकिस्तानी’ कहते हुए परिवार सहित नंगा घुमाने और मारने की धमकी दी.

वेबसाइट ‘न्यूज़क्लिक’ ने सौरभ शर्मा से उनकी आपबीती के बारे में पूछा. सौरभ ने न्यूज़क्लिक को कहा- रात 11:30 बजे उन्होंने आयोजकों को डीजे की आवाज कम करने के लिए कहा, तो आयोजकों ने कहा कि उन्हें पुलिस ने रात भर डीजे बजाने की अनुमति दी है. जब मैंने पुलिस का अनुमति पत्र दिखाने की बात कही तो वे मुझे पाकिस्तानी कहने लगे.

सौरभ ने बताया- उन्होंने मेरे साथ धक्का-मुक्की की, करीब 40-50 लोग मेरे पीछे भागे और कहने लगे कि ये पाकिस्तानी है इसके पूरे परिवार को मार देते हैं. वे ये भी कह रहे थे कि इसको परिवार समेत सोसाइटी में नंगा घुमाते हैं. सोसाइटी के प्रेजिडेंट और बाकी लोगों की वजह से मेरी जान बची. इस दौरान मेरा बच्चा भी भीड़ में गुम हो गया और करीब 45 मिनट बाद जाकर ढूंढने पर मिला.

ये पूछने पर कि क्या वे हमलावर सोसाइटी के थे या बाहर से आए थे इस सवाल पर सौरभ ने कहा- सोसाइटी में दो सेक्शन हैं- एक हाई राइज और दूसरा लो राइज, मैं लो राइज में रहता हूं और जगराता हाई राइज में हो रहा था, मैं कुछ को पहचानता हूं, लेकिन सभी लोगों को नहीं जानता क्योंकि वे मेरी तरफ के रहने वाले नहीं थे.

सौरभ ने न्यूजक्लिक से आगे कहा- अभी तक कोई FIR दर्ज होने की सूचना मुझे नहीं मिली है, न ही कोई कार्रवाई की गई है. सौरभ और उनकी पत्नी अंकिता शर्मा के अनुसार इस घटनाक्रम के दौरान पुलिस भी मौजूद थी, जब आयोजकों ने उन पर हमला किया तो पुलिस ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया.

अंकिता के अनुसार तब रात के 12 बज रहे थे. अंकिता ने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर की है, जिसमें पुलिस की मौजूदगी में रात में गाने बजते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए अंकिता ने लिखा है- अभी भी रात के 1:31 बज रहे हैं और अभी भी तेज आवाज पर जगराता बज रहा है, तहरीर भी दे दी है, पुलिस भी आई थी, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ.

अपने अगले ट्वीट में अंकिता लिखती हैं- रात के 2:33 बज रहे हैं और अभी भी तेज आवाज पर गाने बज रहे हैं. पुलिस बार-बार आई और चली गई, लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा. लोग शराब पिए हुए हैं, नाच रहे हैं और मेरे पति पर हमला भी किया. हम किस तरह की दुनिया में रह रहे हैं। जब जागरण बंद करने के कहा तो कहते हैं- ये मुस्लिम है इसे मारो.

अंकिता का कहना है कि सोसाइटी के लोग उनके पति को मारने के लिए पीछे भागे और ये सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ. ये सब सुबह तक चलता रहा, डीजे का तेज साउंड सुबह के 4 बजे तक सुनाई दे रहा था.

ये कैसी भक्ति है, सभी ने ड्रिंक कर रखी थी और चिल्ला रहे थे. मैंने पुलिस के सामने कहा कि ये ड्रिंक करके क्या जगराता हो रहा है, तो एक लेडी आगे आ गयी और वो मारने को उतारू थी. लेकिन तब ऑक्सफ़ोर्ड स्क्वायर के प्रेजिडेंट केडी सर ने उन्हें रोका. इस दौरान पुलिस पूरी तरह विफल रही.

अंकिता ने ‘भड़ास फॉर मीडिया’ नामक पोर्टल को लिखे अपने एक मेल में ये भी लिखा है- ‘हम दोनों पत्रकार हैं, ये कैसा बर्ताव है पत्रकारों के साथ. अगर पत्रकार जाकर रिक्वेस्ट करे कि आवाज़ काम कर लो, तो उनको कहा- भाग जा तू नास्तिक है, जब हमने कहा कि 10 बजे तो बंद हो जाना चाहिए तो कहा कि तू पाकिस्तानी है मारो इसे ये पाकिस्तानी है.

अंकिता ने आगे लिखा है- ऑर्गनाइजर जयकुमार सोम कहता है कि ‘इसके घर चलो इसकी बीवी के कपड़े फाड़ो, इसके बच्चे को जान से मार दो..’. CCTV देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए क्यूंकि जब ये गए थे मैं घर पर थी और अभी मेंटनेस में जाकर CCTV देखा है. हम सेफ फील नहीं कर रहे हैं.’

‘मेंटनेस टीम वाले सर कहते हैं मेरे को अंदाज़ा था आज कुछ होगा इसीलिए मैंने 11:30 बजे आयोजकों को कहा- डीजे बंद कर दो, रंग में खलल पड़ जाएगी, आज कहना मानो, लेकिन कोई नहीं माना तब मैं घर चला गया’.

न्यूज़क्लिक ने अंकिता शर्मा और उनके पति सौरभ शर्मा के आरोपों पर बिसरख थाना प्रभारी से बात की. उन्होंने हमें बताया- ‘मीडिया में ये सब गलत चल रहा है कि पिटाई हुई है. हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं, उसमें कहीं कोई पिटाई की घटना नजर नहीं आती. सीसीटीवी में आयोजक और उनके बीच में बहस होते हुए नजर आ रही है. अभी हमने पीड़ित (सौरभ शर्मा) की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है, हम जांच कर रहे हैं, अगर उन्हें FIR कॉपी चाहिए तो वे ले सकते हैं.’

पुलिस ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए ये भी कहा है- ‘जागरण आयोजकों के द्वारा भी प्रार्थना पत्र दिया गया है कि उक्त कॉलर (पुलिस को शिकायत करने वाले सौरभ शर्मा) ने शराब के नशे में जागरण में आकर आयोजकों को अपशब्द बोले और अभद्रता की.’

आपको बता दें कि धार्मिक चरमपंथ सिर्फ आम नागरिकों के जीवन को ही प्रभावित नहीं कर रहा बल्कि पुलिस की भी हिम्मत नहीं है कि वो इन मामलों में न्यायपूर्ण हस्तक्षेप कर सके. शहाजहांपुर में 11 अप्रैल, 2022 के दिन ही राम नवमी पर बजाए जा रहे डीजे को बंद करवाया तो विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्त्ताओं ने थाना सदर बाजार को ही घेर लिया और थाने में जय श्री राम के नारे लगाए.

इस संबंध में पत्रकार समीर अब्बास ने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर की है जिसमें देखा जा सकता है किस प्रकार विहिप कार्यकर्ता थाना परिसर में घुस आए हैं. ग्रेटर नोएडा और शाहजहांपुर में पुलिस की लाचारी दिखा रही है कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में एक खास वर्ग और विचारधारा के लोगों में क़ानून का भय नहीं है.

पूरे देश में राम नवमी के दिन हुईं अलग-अलग घटनाएं देश की चिंताजनक स्थिति की तरफ़ इशारा कर रही हैं.

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