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*मेफटाल स्पास पीरियड पेनकिलर : अनसूनी नहीं करें आईपीसी की चेतावनी*

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        डॉ. गीता शर्मा 

पीरियड क्रैम्प अधिक होने लगता है तो दवा लेनी पड़ती है. मेफ्टाल स्पास एक सामान्य पेन किलर है। यह पीरियड क्रैम्प से राहत पाने के लिए लिया जाता है। यदि आप भी अपने पीरियड क्रैम्प को मैनेज करने के लिए इस दवा पर निर्भर हैं, तो आपके लिए यहां एक सेफ्टी एलर्ट है। भारतीय फार्माकोपिया आयोग : Indian Pharmacopoeia Commission (IPC) ने एडवाइजरी जारी की है कि इसके सेवन से शरीर में कई गंभीर प्रतिक्रिया होने का खतरा बना रहता है। इसके कई साइड इफेक्ट होते हैं।

    आईपीसी ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि इस गोली में मेफैनामिक एसिड एक्टिव इंग्रीडीएंट के रूप में होता है। यह एलर्जी का कारण बन सकता है। यह खबर उन कई महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है, जो पीरियड क्रैम्प से राहत पाने के लिए इस ओवर-द-काउंटर गोली का उपयोग करती हैं.

       मेफ्टाल स्पास भारतीय घरों में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। यह पीरियड क्रैम्प के अलावा, मध्यम दर्द, सूजन, बुखार और दांत दर्द के लिए भी इस्तेमाल की जाती है। इन समस्याओं के लिए दवा का सेवन अक्सर बिना प्रिस्क्रिप्शन के किया जाता है।

    भारत सरकार ने चेतावनी जारी की है, जिसमें डॉक्टर और रोगियों को मेफ्टाल स्पास के किसी भी नकारात्मक प्रभाव से सावधान रहने के लिए सचेत किया गया है।

*क्या हो सकते हैं मेफ्टाल स्पास लेने के स्वास्थ्य जोखिम?*

    नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा मेफ्टाल स्पास में एक कम्पोनेंट मेफैनामिक एसिड होता है, जो गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया का कारण बन सकता है। इसे ड्रग रिएक्शन विद इओसिनोफिलिया और सिस्टमिक सिम्पटम सिंड्रोम कहा जाता है।

     यह एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया है। भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) ने 30 नवंबर, 2023 को दवा के प्रति सुरक्षा चेतावनी जारी की थी।

हेल्थ एक्सपर्ट और रोगियों से इस संदिग्ध दवा के दुष्प्रभावों की संभावना पर बारीकी से नजर रखने का आग्रह किया गया है। उन्होंने रिपोर्टिंग फॉर्म भी जारी किए हैं, जिनकी मदद से उपभोक्ता मेफ्टाल स्पास सहित किसी भी दवा के दुष्प्रभाव को देखते हुए रिपोर्ट कर सकते हैं।

*क्या है फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम (PVPI)?*

       फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (PVPI) सभी दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों पर डेटा एकत्र करने के लिए आईपीसी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दायरे में संचालित होता है।

    यह सभी रोग के लिए दवाओं की सुरक्षा और प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए रोगियों के हित में काम करता है।

*क्या है दवा निर्माता कंपनी का पक्ष?*

     ब्लू क्रॉस लैबोरेट्रीज़ मेफ्टाल और मेफ्टाल-स्पास बनाती है। ये ऐसे ब्रांड हैं, जिन पर भारत में दर्द, बुखार और ऐंठन के इलाज के लिए डॉक्टर भरोसा करते हैं। इनमें सक्रिय घटक के रूप में मेफेनैमिक एसिड होता है।

     मेफ्टाल और मेफ्टाल-स्पास के रूप में मेफेनैमिक एसिड भारत के अलावा मेफ्टाल संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जापान आदि देशों में चार दशकों से अधिक समय से उपयोग किया जाता रहा है।

    ब्लू क्रॉस लैबोरेट्रीज़ की ओर से जारी प्रपत्र में कहा गया है कि आईपीसी अलर्ट में बताये गये एडीआर यानी ड्रेस सिंड्रोम एक बहुत ही दुर्लभ रोग है। किसी भी दवा को निर्धारित करते समय डॉक्टर एडीआर के जोखिम को कम करने के लिए रोगी के इतिहास और अन्य व्यक्तिगत कारकों को ध्यान में रखते हैं।

*आखिर क्या है ड्रेस सिंड्रोम?*

      ड्रेस सिंड्रोम का मतलब इओसिनोफिलिया और सिस्टमिक सिम्पटम के साथ दवा की प्रतिक्रिया है। इसे कुछ दवाओं के प्रति गंभीर और संभावित जीवन-घातक होने जैसी प्रतिक्रिया के रूप में बताया जाता है। ड्रेस सिंड्रोम के क्लिनिकल सिम्पटम दवा शुरू करने के 2-8 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं।

      द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एस्थेटिक डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इसके कारण आम तौर पर स्किन रैशेज, बुखार, सूजन और इओसिनोफिल्स जैसे वाइट ब्लड सेल्स में वृद्धि द्वारा वर्गीकृत किया जाता है।

*ड्रेस सिंड्रोम के लक्षण :*

     कभी-कभी दवा के प्रति असामान्य मल्टीसिस्टम प्रतिक्रिया के रूप में ड्रेस सिंड्रोम को बताया जाता है। यह इस तथ्य की ओर संकेत करता है कि बीमारी कई लक्षणों के साथ प्रकट हो सकती है। इसके लक्षण अलग भी दिख सकते हैं। वे आम तौर पर कुछ दिनों बाद दिखाई देते हैं।

     आमतौर पर दवा शुरू होने के दो से छह सप्ताह बाद। कुछ लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग भी हो सकते हैं।

      ड्रेस सिंड्रोम के कारण बहुत अधिक इओसिनोफिलिया की उपस्थिति हो सकती है। यह एक प्रकार के व्हाइट ब्लड सेल्स है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में शामिल होती है।

    ड्रेस सिंड्रोम से प्रभावित मरीज़ आमतौर पर तेज़ बुखार से प्रभावित होते हैं।

    ड्रेस सिंड्रोम के कारण स्किन पर दाने, खुजली और रेड रैशेज भी हो सकते हैं। यह आमतौर पर चेहरे पर शुरू होता है। यह पूरे शरीर में फैल जाता है।

एटिपिकल लिम्फोसाइटोसिस  लिम्फोसाइट्स एक प्रकार के व्हाइट ब्लड सेल्स हैं। यह आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण से शुरू होता है।

    ड्रेस सिंड्रोम के कारण लिम्फ नोड्स में सूजन भी हो सकती है। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।

     ड्रेस सिंड्रोम कई लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। यह लीवर, फेफड़ों और अन्य की सूजन जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।

     यदि आपको दवा लेने के बाद किसी तरह की कोई भी प्रतिक्रिया दिखाई देती है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही, डॉक्टर की सलाह के बिना मेफ्टाल स्पा का सेवन करने से बचें।

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