अग्नि आलोक

होली पर भाँग-गांजे का वर्चस्व

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 डॉ. प्रिया

     यूँ तो होली का अपना ही एक अलग नशा होता है। उपर से इसमें भांग- गांजे का बेग भी हो जाता है. ऐसे में नशा दुगुना-तिगुना हो जाना स्वाभाविक है। होली के दिन कोई नशा ना करने वाला व्यक्ति भी भाँग का मजा ले ही लेता है। ठंडाई अमूमन भांगयुक्त ही होती है। भाँग के पकोडे और गांजे की चिलम का कश अलग.

      होली में भाग पीने की परंपरा है काफी पुरानी है। भांग, जी हाँ भांग एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर ही नशा छाने लगता है। लेकिन क्या आपको पता है भांग में नशे के अलावा औषिधीये गुणों की प्रचुरता पायी जाती है। पौराणिक काल के कई आयुर्वेदिक किताबों में इसका उल्लेख मिलता है। 

प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में भांग का इस्तेमाल किया जाता रहा है। पौराणिक काल से ही इसका उपयोग सिर्फ नशा करने के लिए नहीं बल्कि सेहत से जुडी समस्याओं को भी दूर रखने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है भांग में आपके सेक्स पावर को दोगुना करने की भी ताकत होती है।

       सबसे विचित्र किन्तु सत्य बात यह है ये नशे जहाँ मर्द की टाइमिंग बढ़ाते हैं वहीं औरत की टाइमिंग घटाते हैं. मतलब भाँग – गांजा सेवन करने के बाद औरत जल्दी उत्तेजित और स्खलित होती है. मर्द का स्खलन-समय बढ़ता है. ऐसे मेँ स्त्री~आर्गेज्म की घटना स्वाभाविक हो जाती है.

        भांग या इसके बीजों (hemp seeds benefits in hindi) में मौजूद पोषक तत्वों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, ओमेगा-3, फाइबर, ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है, जो शरीर के लिए बेहद आवश्यक होते हैं।

       इतना ही नहीं भांग का नशा आपके दिमाग के सेंसेटिव नर्व सिस्टम पर सीधा असर करता है। जिसके परिणाम स्वरुप शरीर का ब्लड फ्लो तेज़ हो जाता है और उत्तेजना (excitement) के स्तर (level ) को बहुत ऊपर ले जाता है।

    भाँग-गाँजे का नशा सीधे आपके दिमाग पर असर करता है। यह आपकी सेंसेटिव नर्व सिस्टम को बढ़ा करके आपके उत्तेजना (excitement) को अलग ही लेवल पर ले जाता है। भांग शरीर के ब्लड फ्लो (blood flow )को भी तेज करता है जो सेंसटिव अंगों को भी ब्लड पहुँचाती है।

      इसका दिमाग पर सीधा असर होने की वजह से सेक्सुअल टाइमिंग (sexual timing ) अपने आप बढ़ जाती है जिससे शीघ्र स्खलन की समस्या समाप्त हो जाती है। इसे पीकर उत्तेजना स्त्री के सिर चढ़कर बोलती है और वह जल्दी स्खलित होती है.

      भांग में कन्नाबिनोइड नाम का एक तत्व भी सेक्सुअल प्रॉब्लम्स को दूर रखने में काफी कारगर है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं की रोज़ाना या धड़ल्ले से भांग का इस्तेमाल किया जाये। सीमित मात्रा में ही भांग का इस्तेमाल सेहत के लिए औषधि साबित होता है अन्यथा यह आपको परशानियों में भी डाल सकता है।

_गांजे संबंधी वैज्ञानिक शोध का सार :_

       कई लोग नशे के रूप में जिसे इस्तेमाल करते हैं गांजा एक ऐसा पदार्थ है। इसे मरिजुआना नाम से विदेशों में जाना जाता है। कई देशों में वैसे तो गांजे पर पाबंदी है, लेकिन कई देशों में फिर भी इसका सेवन अधिक मात्रा में लोगों द्वारा किया जाता है। इसकी खेती तक कई देशों में तो होती है।

      स्वास्थ्य के लिए हालांकि गांजा का सेवन करना हानिकारक होता है। इसके नशे के आदी इसका अधिक सेवन करने वाले लोग हो जाते हैं, लेकिन हाल ही में इस पर रिसर्च कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में की गई, जिसमें पता चला कि सेक्स करने की ताकत में गांजा पीने से बढ़ोतरी होती है।

   इसी तरह का एक नया शोध मेडिकल रिसर्च साइंस में आया है, जो कहता है कि सेक्स लाइफ गांजा पीने से अच्छी होती है। एक आम इंसान इसके सेवन से 20 फीसदी अधिक सेक्स करता है। गांजे का सेवन करना महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है। जो महिलाएं गांजा पीती हैं शोध में कहा गया है कि, हफ्ते के सातों दिन वह सेक्स कर सकती हैं, वहीं रोजाना सेक्स करने से इसका सेवन नहीं करने वाली महिलाएं कतराती हैं।

        इस शोध में 50000 मारिजुआना पीने वाले लोगों पर शोध की गई है। इस स्टडी में अमेरिका के 25 से 45 साल के युवाओं को शामिल किया गया था। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन रिसर्च के द्वारा प्रकाशित शोध में कहा गया है कि मारिजुआना का सेवन सेक्सुअल इंटरकोर्स की क्षमता को बढ़ाता है। जिसके हैरान कर देने वाले परिणाम सामने आए हैं।

     साल भर में कितने बार मारिजुआना का सेवन किया तो पता चला कि जो महिलाएं रोजाना इसका सेवन करती हैं उनमें आम महिलाओं की अपेक्षा अधिक सेक्स पॉवर रहती है। एक अध्यन के अनुसार, गांजे में पाया जाने वाला सक्रिय यौगिक मस्तिष्क से जहरीले प्रोटीन के निष्कासन में हेल्पफुल होता है। 

       शोध के दौरान पाया गया कि टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल और अन्य यौगिक तंत्रिका कोशिकाओं से हानिकारक एम्लाइड बीटा को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इस रिसर्च सर्वे में युवाओं से पूछा गया कि उन्होंने पिछले चार हफ्तों के दौरान कितने बार सेक्स किया।

     साल्क इंस्टीट्यूट फॉर बॉयोलॉजिकल स्टडीज कैलिफोर्निया के एक और में किए गए शोध से पता चला कि तंत्रिका कोशिकाओं में सूजन और एम्लॉइड बीटा एक्यूमुलेशन दोनों में कैनाबाइनॉइड्स प्रभावकारी है।

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