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मत करो उसकी शिद्दत से की गयी मेहनत नज़रंदाज़

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टीम इंडिया में ज़रूर जगह डिज़र्व करता है सरफ़राज़

#सरफ़राज़_ख़ान…! वही जिसने डॉन ब्रैडमैन तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया लेकिन बीसीसीआई ने उसके सब्र को ठोकर मार दिया। न्यूज़ीलैंड और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ होने वाली टी-20, वनडे और टेस्ट सीरीज के लिये ढेर सारी टीम चुनी लेकिन किसी में सरफ़राज़ को शामिल नहीं किया। सरफ़राज़ के नाम 43 फ़र्स्ट क्लास पारियों में 2,928 रन हो गये हैं। वहीं ब्रैडमैन ने 22 फ़र्स्ट क्लास मुक़ाबलों में 2,927 रन बनाये थे। कभी-कभी लगता है कि ज़्यादा बेहतर खिलाड़ी होना आपके ख़िलाफ़ चला जाता है। तभी तो मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा के द्वारा आपके अद्भुत खिलाड़ी होने का बयान आता है लेकिन टीम में जगह ना बन पाने का हवाला दिया जाता है। रिकॉर्डतोड़ खिलाड़ी सरफ़राज़ के लिये जगह नहीं बन सकी ? सुनकर बुरा लगता है। 

पूरी दुनिया के फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में जिन बल्लेबाज़ों ने दो हज़ार से ज़्यादा रन बनाये, उनमें 95.14 के एवरेज के साथ डॉन ब्रैडमैन टॉप पर हैं। इस लिस्ट में 81.49 के साथ सरफ़राज़ ख़ान दूसरे स्थान पर आ गये हैं। 2021-22 के सीज़न में 982 रन जड़ने के साथ ही सरफ़राज़ भारतीय क्रिकेट इतिहास के पहले खिलाड़ी बन गये जिन्होंने लगातार 2 रणजी सीज़न में 900 से अधिक रन बना दिये। तमाम गेंदबाज़ों को दिन में तारे दिखा दिए। 2022 के रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल, दलीप ट्रॉफी फ़ाइनल और ईरानी कप में शतक.! 2019 के बाद खेली गई 24 फ़र्स्ट क्लास पारियों में 9 शतक और 5 ताबड़तोड़ अर्धशतक.! यह कोई परी कहानी नहीं चल रही है बल्कि सरफ़राज़ ख़ान ने इसे हक़ीक़त में अंजाम देकर दिखाया है। 

जब भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर बढ़िया पेस अटैक के सामने धाराशायी हो जाता है तो क्रिकेट फैंस को बहुत ग़ुस्सा आता है। हर कोई आलोचना करने पर उतारू हो जाता है। पर क्या किसी ने कभी मुद्दे की जड़ में जाने की कोशिश की ? हक़ीक़त यह है कि जब सरफ़राज़ जैसे खिलाड़ी फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में लगातार वर्षों तक खून-पसीने के बूते प्रदर्शन करके दिखाते हैं तो उन्हें चयनकर्ता लगातार ठुकराते हैं। इससे सिर्फ़ उस खिलाड़ी का ही नहीं, बल्कि बाक़ी दूसरे खिलाड़ियों का भी हौसला टूटता है जो घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके टीम इंडिया में जगह बनाना चाहते हैं। अगर सरफ़राज़ ख़ान किसी दूसरे देश मे खेल रहा होता तो कब का नेशनल टीम में जगह बना चुका होता। इंटरनेशनल क्रिकेट में भी शतकों का अंबार लगा चुका होता। ख़ैर, थोड़ी धुंधली ही सही लेकिन उम्मीद है कि सरफ़राज़ की मेहनत एक दिन ज़रूर रंग लायेगी। उसे टीम इंडिया में जगह दिलायेगी। 

मत करो उसकी शिद्दत से की गयी मेहनत नज़रंदाज़

टीम इंडिया में ज़रूर जगह डिज़र्व करता है सरफ़राज़ 

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