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*एक्जिमा (एटोपिक डरमैटिटिस) : जानकारी और सुझाव*

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       ~ सोनी तिवारी, वाराणसी

   एक्जिमा एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण आपकी त्वचा ड्राई, इची और बम्पी हो जाती है। यह स्थिति आपकी स्किन बैरियर्स के फंक्शन को कमजोर कर देती है, जो आपकी त्वचा में नमी बनाए रखने और त्वचा को बाहरी तत्वों से प्रोटेक्ट करने का कार्य करते हैं।

  एक्जिमा एक प्रकार की स्किन डिजीज है। यह डर्मेटाइटिस का एक प्रकार है। डर्मेटाइटिस के अंतर्गत वह सभी स्थियां आती हैं जो त्वचा में इन्फ्लेमेशन का कारण बनती हैं। मौसम में होने वाले बदलाव के कारण यह समस्या तेजी से ट्रिगर होती है। कई बार तेज खुजली के कारण त्वचा से खून आने की स्थिति भी देखने को मिलती है।

    एक्जिमा की स्थिति में त्वचा संबंधित अन्य संक्रमणों का खतरा भी बढ़ जाता है। यह समस्या हाथ, गर्दन, कोहनी, घुटने, टखने, पैर, चेहरा विशेषकर गला, कान के आसपास की और होंठों को प्रभावित करती है। वहीं कई बार यह निप्पल, स्तन, वल्वा और पेनिस की त्वचा पर भी नजर आ सकती है।

*एक्जिमा का कारण :*

     कैमिकल युक्त पदार्थों का इस्तेमाल 

उत्तेजक पदार्थ जैसे कि साबुन, डिटर्जेंट, शैंपू, कपड़े धोने वाले अन्य तरल पदार्थ, बबल बाथ, इत्यादि एग्जिमा की स्थिति को ट्रिगर कर सकते हैं।

 1. पर्यावरणीय प्रदूषण :

      एनवायरमेंटल फैक्टर्स जैसे कि अधिक ठंडे, शुष्क और नमी वाले मौसम में एक्जिमा ट्रिगर हो सकता है। इसके अलावा धूल, गंदगी, फफूंद और पालतू जानवर के पर भी इस स्थिति को बढ़ावा देते हैं।

2. कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी :

     फूड एलर्जी जैसे कि गाय का दूध, मूंगफली, गेहूं का आटा, सोया, अंडा इत्यादि जैसे खाद्य पदार्थों के कारण कुछ लोगों में साइड इफेक्ट के तौर पर एग्जिमा की स्थिति देखने को मिलती है।

3. सिंथेटिक कपड़े :

फैब्रिक एलर्जी जैसे कि ऊनी कपड़े या सिंथेटिक कपड़ों के कारण भी कुछ लोगों में एग्जिमा ट्रिगर हो सकता है।

4. हार्मोनल बदलाव :

प्रेगनेंसी, मेंस्ट्रुएशन, मेनोपॉज के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण भी अक्सर महिलाओं में स्किन इन्फेक्शन जैसे कि एक्जिमा की स्थिति देखने को मिलती है।

5. स्किन केयर प्रोडक्ट :

जरूरत से ज्यादा मेकअप का इस्तेमाल और गलत स्किन केयर प्रोडक्ट के इस्तेमाल से भी एग्जिमा हो सकता है।

6. मानसिक तनाव :

आपका मानसिक स्वास्थ्य जैसे कि भावनात्मक चिंता, तनाव एंग्जाइटी, डिप्रेशन इत्यादि जैसी स्थितियां एग्जिमा को ट्रिगर कर सकती हैं।

7. फैमिली हिस्ट्री :

यदि आपके परिवार में या आपके माता-पिता को एग्जिमा और डर्मेटाइटिस की शिकायत रह चुकी है, तो ऐसे में आपको भी यह समस्या परेशान कर सकती है। यह स्थिति जेनेटिकली भी ट्रांसफर हो सकती है।

*एक्जिमा के लक्षण :*

~सूखी और फटी हुई त्वचा.

~त्वचा पर लगातार खुजली होना.

~छोटे और उभरे हुए बम्प्स नजर आना.

~त्वचा के ऊपर उभर आए दानों का रिसना और पपड़ी बनना.

~त्वचा का सामान्य से मोटा महसूस होना.

~आंखों के आसपास की त्वचा का काला पड़ना.

~खुजली करने पर त्वचा की ऊपरी परत का आसानी से निकल आना.

~त्वचा का सूजना और उन पर दाने निकलना (दानों की रंगत आपकी त्वचा के रंग के आधार पर अलग-अलग हो सकती है).

*एक्जिमा का निदान :*

     यदि आपको एग्जिमा के लक्षण नजर आ रहे हैं और यह दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, तो आपको हेल्थ केयर एक्सपर्ट से मिलने की आवश्यकता है। एग्जिमा से पीड़ित ज्यादातर लोगों में अन्य प्रकार के भी स्किन इन्फेक्शन का खतरा होता है।

     ऐसे में डॉक्टर इसे डायग्नोज करने के लिए कुछ स्किन टेस्ट करवाते हैं और त्वचा संबंधित कुछ सवाल पूछ सकते हैं। वे आपकी त्वचा की स्थिति को मापने के बाद समस्या के लिए प्रभावी ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं।

   उपचार :

1. मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें :

       यदि आपकी स्किन ड्राई है तो पूरे दिन में चार से पांच बार एक्जिमा की स्थिति में माइल्ड और सेंसिटिव स्किन मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें। नहाने के बाद हल्की गीली त्वचा पर मॉइश्चराइजर अप्लाई करने से मदद मिलेगी।

  2. मेडिकेशन :

     एक्जिमा की स्थिति में डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मेडिकेशन को स्किप न करें। कई ऐसे टॉपिकल मेडिकेशन होते हैं जिन्हें नियमित रूप से अपनी त्वचा पर अप्लाई करना बेहद जरूरी है, जब तक की स्थिति में सुधार देखने को न मिले। खासकर टॉपिकल स्टेरॉइड के इस्तेमाल से राहत मिलती है।

3. एंटी इन्फ्लेमेटरी मेडिसिन :

   एक्जिमा की स्थिति में त्वचा पर अत्यधिक खुजली और सूजन का एहसास होता है। ऐसे में डॉक्टर द्वारा सुझाए गए ओरल मेडिसिन जैसे कि एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाइयां एंटीहिस्टामाइन और कॉर्टिकोस्टेरॉइड लेने से स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है।

4. लाइट थेरेपी :

    कई बार एग्जिमा की स्थिति में डॉक्टर लाइट थेरेपी की सलाह देते हैं। यह आपकी त्वचा के अपीयरेंस को इंप्रूव करता है और त्वचा पर नजर आने वाले ब्लैमिशेज को भी हटाने में मदद करता है।

5. ट्रिगर्स से बचाव करें :

   हर व्यक्ति में एक्जिमा ट्रिगर अलग-अलग हो सकता है, ऐसे में अपने ट्रिगर्स को पहचाने और उन्हें पूरी तरह से अवॉइड करने की कोशिश करें। ऐसा न करने से एक्जिमा के लक्षण बार-बार ट्रिगर हो सकते हैं।

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