अग्नि आलोक

*पुलिस गोली चालन से किसान आंदोलन कुचला नहीं जा सकता*-डॉ सुनीलम*

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*किसानो की मांगे अध्यादेश लाकर तत्काल पूरा करे सरकार*

*सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने, गोली चालन के दोषी पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, शहीद शुभकरण सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपए की मुआवजा राशि देने की मांग*

  किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने खनौरी बॉर्डर (पंजाब-हरियाणा बॉर्डर) पर चल रहे शांतिपूर्ण किसान आंदोलन पर हरियाणा पुलिस द्वारा 21 वर्षीय युवा किसान  शुभकरण सिंह के सिर पर गोली मारकर हत्या किए जाने को हरियाणा सरकार द्वारा केंद्र सरकार के संरक्षण में की गई कायराना कार्यवाही बतलाते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराने, गोली चालन के दोषी पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, शहीद शुभकरण सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपए की मुआवजा राशि देने की मांग की है।

डॉ सुनीलम ने कहा है कि देश का किसान मुलतापी और मंदसौर के पुलिस गोलीचलनो से नहीं डरा तो खनौरी में हुए गोली चालन से डरने वाला नहीं है।

डॉ सुनीलम ने आशा व्यक्त की है कि किसान आने वाले चुनाव में बुलेट का जवाब बैलेट से देगा।

डॉ सुनीलम ने केंद्र सरकार से पुलिस दमन का रास्ता छोड़कर  किसानों को एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने, किसानों की संपूर्ण कर्जा मुक्ति हेतु तत्काल

अध्यादेश लाकर किसानो की मांगों को स्वीकार करने की अपील की है । 

डॉ सुनीलम ने  केंद्र सरकार से आंदोलनकारियों कर

पुलिस गोलीचालन पर कानूनी प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

   उन्होंने शहीद शुभकरण सिंह के परिवारजनों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है ।

डॉ सुनीलम ने देश के किसान ,नागरिक एवं जनसंगठनों से शहीद किसान को सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने और किसान आंदोलन को तेज करने का संकल्प लेने की अपील की है।

कौन था शुभकरण सिंह? किसान आंदोलन में खनौरी बॉर्डर पर हुई मौत

किसान आंदोलन में एक नौजवान शुभकरण सिंह की मौत की खबर सामने आई है। इस मामले पर अब राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस घटना की निंदा की है।

किसान आंदोलन में बठिंडा के एक नौजवान शुभकरण सिंह की मौत की खबर सामने आई है। वह पंजाब के संगरूर में खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने गोली लगने की खबर से इनकार किया है, लेकिन इसे लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस घटना की निंदा की है। आइए जानते हैं कि शुभकरण सिंह कौन था।

कौन था नौजवान शुभकरण सिंह? 

जानकारी के अनुसार, शुभकरण सिंह की उम्र 23 साल थी। वह बठिंडा जिले के गांव वलो का निवासी था। कहा जा रहा है कि वह तीन दिन पहले ही किसान आंदोलन में शामिल हुआ था। शुभकरण दो बहनों का इकलौता भाई था। वह करीब 3 एकड़ जमीन का मालिक था। उसके निधन की सूचना से गांव में मातम पसर गया। राजिंदरा अस्पताल, पटियाला में मृतक के शव को रखा गया है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस घटना को हृदयविदारक बताते हुए शुभकरण सिंह के परिवार के प्रति संवेदनाएं जताई हैं।

हरियाणा पुलिस ने किया मौत से इनकार

आपको बता दें कि हरियाणा पुलिस ने किसी की मौत से इनकार किया है। पुलिस के अनुसार, आज किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है। यह महज एक अफवाह है। दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मियों और एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है।

पुलिस ने कहा- किसानों ने किया हमला

आपको बता दें कि किसान लगातार शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को पुलिस और किसान खनौरी बॉर्डर पर आमने-सामने हो गए। हरियाणा पुलिस के पोस्ट के अनुसार, दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियो ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर पुलिस का चारों तरफ से घेराव किया। पुलिस का कहना है कि किसानों ने पथराव किया। साथ ही लाठी, गंडासे का इस्तेमाल करते हुए पुलिसकर्मियों पर किया हमला। इस हमले में लगभग 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

 किसान आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों और सरकार के बीच एमएसपी समेत कई मुद्दों पर चार दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि अब तक कोई हल नहीं निकल सका है। प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली कूच को दो दिन के लिए स्थगित कर दिया है।

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