~ नीलम ज्योति
व्रत के दौरान कुछ लोग कब्ज, अपच, सिर दर्द और चक्कर आने जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं।
वातावरण में ह्यूमिडिटी बढ़ने से एपिटाइट का लो होना, ब्लोटिंग, एसिडिटी और अपच का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से बचने के लिए साप्ताहिक उपवास एक बेहतरीन तरीका है।
फास्टिंग का चलन दिनों दिन बढ़ रहा है। कुछ आस्था के मद्देनज़र, तो कुछ वज़न कम करने के लिए भी उपवास की मदद ले रहे हैं। उपवास के दौरान गलतियां स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का कारण बन जाती है।
फाइबर की मात्रा का सेवन न करने से कब्ज व ब्लोटिंग की शिकायत बढ़ जाती है।
सावन के सोमवार का व्रत फलाहार और निर्जला दोनों तरह से रखा जाता है। आहार का सही चयन न करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होता है। निर्जला व्रत करने से शरीर में डिहाइड्रेशन और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा फाइबर की मात्रा का सेवन न करने से कब्ज व ब्लोटिंग की शिकायत बढ़ जाती है। आहार में फल, ड्राई फ्रूट्स और दही व छाछ को अवश्य शामिल करें। इसके अलावा वे लोग जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है, उसे व्रत करने से बचना चाहिए। इसके अलावा व्रत के दौरान कुछ गलतियां करने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
*1 कब्ज :*
व्रत में फाइबर रिच डाइट न लेने से शरीर में कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। आहार में कार्ब्स की अधिक मात्रा इरिटेबल बावल सिंड्रोम का कारण बनने लगती है। कब्ज के कारण भूख कम लगती है और ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है। ऐसे में साल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर से भरपूर आहार लेना आवश्यक है।
*2 सिरदर्द :*
डिहाइड्रेशन और लो ब्लड प्रेशर व्रत के दौरान सिरदर्द की समस्या को बढ़ा देते है। इस दौरान बार बार कॉफी और चाय का सेवन सिरदर्द का कारण साबित होता है। साल 2010 की रिसर्च के अनुसार फास्टिंग के दौरान हेल्दी मील्स न लेने से सिर के बीचों बीच माइल्ड दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। इसके लिए वॉटर इनटेक को बढ़ाएं।
*3 एसिडिटी :*
खाली पेट रहने से पेट में एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। इससे अपच का सामना करना पड़ता है और खाना निगलने में भी तकलीफ बढ़ जाती है। पेट में एसिड बढ़ने से मुंह में खट्टास रहती है। मांसपेशियों का कार्य सुचारू रूप से न हो पाने के कारण एसिड रिफ्लक्स की समस्या बढ़ जाती है। देर तक कुछ न खाने के बाद एकदम मील्स लेने से एसिडिटी बढ़ने लगती है। इसके चलते सीने में भी जलन रहती है। इससे राहत पाने के लिए व्रत में हेल्दी और हल्का आहार लें।
*4 ज्यादा भूख :*
लंबे वक्त तक कुछ न खाने के बाद एक साथ बहुत सी एंप्टी कैलोरी इनटेक बढ़ने से शरीर में कैलोरी स्टोरज़ बढ़ने लगता है। इससे वेटगेन का सामना करना पड़ता है और एपिटाइट बढ़ जाता है। बार बार लगने वाली भूख शरीर में मोटापे की समस्या को भी बढ़ा देता है।
उपवास के दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं ये फास्टिंग मिस्टेक्स :
*1. ओवरईटिंग :*
व्रत खोलने के तुरंत बाद मिर्च मसाले और तेल में बने आहार की जगह फलों का सेवन करें। इससे पाचन को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा खाने का पूरी तरह से चबा चबाकर खाएं। दरअसल, आहार में प्रोटीन और फाइबर की उच्च मात्रा शरीर को ब्लोटिंग और एसिडिटी से बचाने में भी मदद करते हैं। इसके अलावा ज्यादा कैलोरी इनटेक से भी बचा जा सकता है।
*2. पानी न पीना :*
कुछ लोग निर्जला व्रत करते हैं, जिससे शरीर को डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है। इलेक्ट्रोलाइट्स असंतुलन बढ़ने से पाचनतंत्र में गड़बड़ी, सिरदर्द, मसल्स क्रैप्स और भूख न लगने की समस्या बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए वॉटर इनटेक बढ़ाने के अलावा आहार में हाइड्रेटिंग फूड्स को शामिल करना चाहिए.
*3. शारीरिक सक्रियता की कमी :*
व्रत के दौरान शरीर को एक्टिव रखना भी ज़रूरी है। वे लोग जो फास्टिंग के दौरान दिनभर आराम करते है उससे वेटगेन और एसिडिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है। डाइजेशन को बूस्ट करने के लिए फास्टिंग के दौरान हल्की फुल्की एक्सरसाइज़ को अपने रूटीन में अवश्य शामिल करे। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर भी बनी रहता है।
*4. एंप्टी कैलोरी का इनटेक बढ़ाना :*
पौष्टिक भोजन की जगह अधिक कैलोरीज युक्त आहार के सेवन से शरीर में एसिडिटी और ब्लोटिंग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हेल्दी विकल्पों को चुनें और छोटी मील्स लें। कॉफी और चाय को कोकोनट वॉटर से रिप्लेस करें। इसके अलावा शुगर से भरपूर मिठाइयों की जगह नेचुरल शुगर युक्त फलों का सेवल कर सकते हैं। कैलोरी इनटेक बढ़ाने से एसिडिटी के अलावा वेटगेन की समस्या भी बढ़ जाती है।