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महिला पहलवान और न्याय के पहिये की गति

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पुष्पा गुप्ता

  आजतक डॉट इन पर अरविन्द ओझा की खबर के अनुसार, ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि :

     ‘मैं अपना नार्को टेस्ट, पॉलिग्राफी टेस्ट या लाइ डिटेक्टर करवाने के लिये तैयार हूं, लेकिन मेरी शर्त है मेरे साथ विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का भी ये टेस्ट होने चाहिए। अगर दोनों पहलवान अपना  टेस्ट करवाने के लिये तैयार हैं तो प्रेस बुलाकर घोषणा करें और मैं उनको वचन देता हूं कि मैं भी इसके लिये तैयार हूं। मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूं और हमेशा कायम रहने का देशवासियों को वादा करता हूं। रघुकुल रीती सदा चली आयी, प्राण जाये पर वचन न जाई… जयश्रीराम।’ 

   महिला फहलवानों धरना का 30 दिन पूरा होने पर, सुप्रीम कोर्ट के कहने पर एफआईआर के बाद भी गिरफ्तारी से सुरक्षित भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह ने कहा है, ‘मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार, लेकिन पहलवानों का भी हो…’।

        विक्टम विनेश फोगट ने लिखा है, “इंसाफ की हमारी लड़ाई एक महीने पुरानी है फिर भी ऐसा लगता है जैसे जंतर-मंतर पर एक साल हो गए हैं। इसलिए नहीं कि हम गर्मी में फुटपाथ पर सोते हैं, मच्छर काटते हैं, शाम ढलते ही आवारा कुत्तों का साथ मिलता है या रात में साफ शौचालय तक पहुंच नहीं होती है। न्याय के लिए हमारी लड़ाई हमेशा से जारी लगती है क्योंकि न्याय का पहिया बहुत धीमी गति से चल रहा है।

     यह स्थिति तब है जब एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। सच कहूँ तो जनवरी में जब हमने यौन उत्पीड़न और महासंघ में कुप्रबंधन के बारे में बोलने का फैसला किया, तो हमें उम्मीद थी कि हमारी आवाज़ मायने रखेगी।

     थोड़े समय तक हमें ऐसा लगा भी। खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए एक ओवरसाइट समिति का गठन किया था लेकिन अब हम जानते हैं कि यह एक छलावा था। जनवरी में, जब बजरंग (पुनिया), साक्षी (मलिक) और मैंने जंतर मंतर पर विरोध शुरू करने का फैसला किया, तो हमें लगा था कि न्याय मिलने में दो से तीन दिन से ज्यादा नहीं लगेंगे। हमने कभी नहीं सोचा था कि यौन उत्पीड़न के खिलाफ बोलने का अनुकरणीय साहस दिखाने वाली महिला पहलवानों के मान और सम्मान के लिए फिर से विरोध प्रदर्शन करना पड़ेगा। न्याय पाने से पहले पीड़ितों को कितनी बार बोलना पड़ेगा?

अगर आप समझ रहे हैं कि महिला पहलवानों ने नार्को टेस्ट कराने की ब्रज भूषण सिंह की चुनौती के बारे में कुछ नहीं कहा या आपको कुछ नहीं पता चला तो वह इसलिए कि गोदी मिडियावादी हमारे अखबारों ने पहलवानों का साथ लगभग छोड़ दिया है। भाजपा सांसद की तथाकथित चुनौती को जितना प्रचार मिला उतना उसपर दिए गए जवाब को नहीं मिला है।

     आइए, देखें महिला पहलवानों ने क्या कहा है। इस संबंध में सबसे पहले तो यह बता दूं कि द हिन्दू ने इसे पहले पन्ने पर प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसका शीर्षक है, “पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष की चुनौती स्वीकार कर ली”।

      बीबीसी की एक खबर के अनुसार, “पहलवानों की तरफ़ से विनेश का कहना है कि वो नार्को टेस्ट के लिए तैयार हैं”।

      दरअसल, पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के नार्को टेस्ट की मांग भी उठा रहे थे। फिर, बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के नार्को टेस्ट की बात की। उन्होंने कहा कि वो नार्को, पॉलीग्राफ़ी और लाई डिटेक्टर के लिए तैयार हैं। 

     नवोदय टाइम्स की खबर के अनुसार, “केवल विनेश और बजरंग ही नहीं, नाबालिग समेत जितनी भी महिला पहलवानों ने एफआईआर दर्ज करवाई है, वो सभी नार्को टेस्ट के लिए तैयार हैं”। साथ ही पहलवानों ने कहा है कि नार्को टेस्ट का सीधा प्रसारण हो ताकि देश को पता चले कि कौन सच्चा है।

      द हिन्दू ने लिखा है, पहलवानों ने कहा है कि नार्को टेस्ट का सीधा प्रसारण हो ताकि देश को पता चले कि शिकायत करने वाली पहलवानों से क्या पूछा जा रहा है और ब्रज भूषण सिंह से क्या? विनेश फोगट ने कहा, देश को पता होना चाहिए कि लड़कियों को किन सवालों से गुजरना होता है।

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