*हाय रे! चमड़ी की सुंदरता के प्रति दीवानगी…..
~ डॉ. नीलम ज्योति
_चमड़ी की सुंदरता के लिए अगर कोई कह दे की पति के या अपने नवज़ात शिशु के खून से मसाज करो या इनके खून पियो तो शायद इससे भी गुरेज नहीं करेंगी फीमेल्स. अब इनमें पीरिडय ब्लड मास्किंग का चलन पॉप्युलर हो रहा है, जबकि यह खतनाक है~ खुद उनके लिए भी._
वोग की एक रिपोर्ट के अनुसार moonmasking और menstrualmasking के हैशटैग के अंदर ऐसे ब्यूटी हैक्स से जुड़े वीडियोज को करीब 6.4 बिलियन व्यूज मिल चुके हैं।
एक ओर जहां यह कारनामा तमाम नेट ऐप तेजी से वायरल कर रहा है, तो दूसरी ओर मेडिकल साइन्स ने इस तरह के हैक को आजमाने के खतरे बताए हैं।
*क्या है मून मास्किंग या मेन्स्ट्रुअल मास्किंग?*
इस तरह की मास्किंग में लड़कियां अपने पीरियड ब्लड का इस्तेमाल करती हैं। यानी वो मेन्स्ट्रुअल ब्लड को इकट्ठा करती हैं और फिर उसे मास्क की तरह चेहरे पर लगाती हैं।
इसे लेकर कई लड़कियों ने दावा किया कि उन्हें हॉर्मोनल एक्ने में कमी महसूस हुई, तो वहीं कुछ ने इस तरह अपने पीरियड ब्लड को यूज करने को एम्पावरिंग स्टेप बताया।
आमतौर पर महिलाएं सैनिटरी नैपकिन, जिसे चलती भाषा में पैड कहा जाता है, उसका इस्तेमाल करती हैं। मेन्स्ट्रुअल कप रबर, सिलिकॉन या लैटेक्स से बने होते हैं। फैनल शेप कप को वजाइना एरिया में अंदर की ओर लगाया जाता है।
पीरियड्स में जब ब्लड फ्लो शुरू होता है और इस कप को वजाइना में लगाया जाता है, तो बल्ड इसमें इकट्ठा होता जाता है।
इसे बाद में खाली कर वॉश करना होता है। इसके एक्सपर्ट कप को गर्म पानी में स्टरलाइज करने की सलाह देते हैं।
ब्लड मास्किंग के लिए जो ब्लड चाहिए होता है, उसे इन कप्स में इकट्ठा करना आसान होता है। यही वजह है कि इस ब्यूटी हैक के लिए ज्यादातर महिलाए इसका इस्तेमाल करती हैं।
*खतरे :*
इस ट्रेंड को डॉक्टरों ने काफी रिस्की बताया है। चेतना विकास मिशन से संबद्ध कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर शिवानी के अनुसार, ‘पीरियड ब्लड में डेड स्किन सेल्स और यूट्रिन इनर लाइनिंग होती है।
अगर खून स्टराइल न हो, तो ये आसानी से कई इंफेक्शन को जन्म दे सकता है। ऐसा ही एक इंफेक्शन Endometriosis है।
डॉक्टर ने आगे बताया कि ‘स्टरलाइजेशन के लिए पीआरपी नाम के मेडिकल प्रॉसेस का इस्तेमाल किया जाता है।’ उन्होंने मेन्स्ट्रुअल ब्लड के स्किन पर असर को लेकर और जानकारी देते हुए साझा किया कि ‘इस वायरल तरीके को इस्तेमाल करने पर खून में पाए जाने वाले फंगस और जर्म स्किन एक्ने को भी जन्म दे सकते हैं और साथ ही ओपन पोर्स में घुसने पर इनसे अन्य स्किन डिसीज का खतरा पैदा हो सकता है।’
डॉक्टर शिवानी ने सलाह दी कि ‘बिना सोचे-समझे किसी भी ट्रेंड को फॉलो नहीं करना चाहिए। हर हैक साइंटिफिक टेस्ट से गुजरा हुआ होना चाहिए। दुनिया भर के डर्मेटोलॉजिस्ट मेन्स्ट्रुअल ब्लड इस्तेमाल करने के सख्त खिलाफ हैं।
डॉक्टर ने आगे एक बार फिर से इसके खतरों को हाइलाइट करते हुए कहा ‘ब्लड में अन्य बॉयलॉजिकल एलिमेंट्स के साथ ही म्युकस, प्रोटीन, वाइट ब्लड सेल्स, फाइब्रिन, फाइब्रिनोजीन और क्लॉट्स होते हैं, जो स्किन को संक्रमित कर सकते हैं।