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फीमेल्स वर्ल्ड : जानिए आपकी वेजाइना का माइक्रोबायोम

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     सोनी तिवारी, मेडिकल स्कॉलर

माइक्रोबायोम आपके शरीर में बहुत सारे सूक्ष्मजीवों को कहा जाता है। इनमें आपके पेट में हजारों बैक्टीरिया, साथ ही वायरस, कवक (fungi) शामिल हैं। आपका माइक्रोबायोम आपके पूरे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है, जो संक्रमण से लड़ने की आपकी क्षमता से लेकर कैंसर के खतरे, मोटापे और डायबिटीज तक हर चीज को प्रभावित करता है. माइक्रोबायोम आपके मानसिक और सेक्सुअल स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है।

     हम अपनी गट और स्किन के माइक्रोबायोम के बारे में कई बार सुनते रहते हैं, लेकिन क्या हम अपनी योनि के माइक्रोबायोम के बारे में जानती हैं? योनि का माइक्रोबायोम किसी भी अन्य माइक्रोबायोम जितना ही महत्वपूर्ण है, जो डिस्चार्ज से लेकर गर्भावस्था तक हर चीज को प्रभावित करता है।

*क्यों जरूरी है वेजाइनल माइक्रोबायोम?*

     वेजाइनल माइक्रोबायोम योनि के मार्ग में रहने वाले सूक्ष्मजीवों का एक समूह है। आम भाषा में इन्हें योनि में मौजूद बैक्टीरिया भी कहा जा सकता है।

    इन सूक्ष्मजीवों का संतुलन और विविधता महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और यौन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

   चलिए अब अहम पॉइंट्स से जानते हैं कि वेजाइना में ये माइक्रोबायोम क्यों जरूरी है :

  *1. संक्रमण से लड़ने में मदद :*

      अगर आपके वेजाइना के माइक्रोबायोम संतुलित हैं, तो ये एक प्राकृतिक रक्षा तंत्र के रूप में काम करते हैं।

    ये हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं और बैक्टीरियल वेजिनोसिस और यीस्ट इंफेक्शन सहित संक्रमण के जोखिम को कम करते हैं।

   *2. प्रजनन स्वास्थ्य रक्षक :*

     अच्छे माइक्रोबायोम एक स्वस्थ प्रजनन वातावरण को बनाने में मदद करते हैं।

   माइक्रोबायोम का संतुलन प्रजनन क्षमता, सफल प्रेगनेंसी और समय से पहले जन्म जैसी जटिलताओं की रोकने में मदद करता है।

  *3. प्रतिरक्षा प्रणाली में मददगार :*

योनि एक म्यूकोसल साइट है, जिसका अर्थ है कि यह एक प्रतिरक्षा साइट है।

     उदाहरण के लिए, एक प्रकार का बैक्टीरिया, लैक्टोबैसिली, मैक्रोफेज और डेंड्राइटिक कोशिकाओं जैसे प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को नियंत्रित कर सकता है। जिससे उचित और संतुलित प्रतिरक्षा बनाए रखने में मदद मिलती है।

    एक संतुलित माइक्रोबायोम बीमारी पैदा करने वाले संक्रमण को दूर रखने में मदद करता है।

  *4. हार्मोनल रेगुलेशन के लिए जरूरी :*

     एक महिला अपने पूरे जीवन में, प्यूबर्टी से लेकर मेनोपॉज तक हार्मोन में कई तरह के बदलाव से गुजरती है। ये बदलाव वेजाइनल माइक्रोबायोम की संरचना को प्रभावित करते हैं।

      उदाहरण के लिए, पीरियड के दौरान, योनि का पीएच बढ़ सकता है। इससे ऐसी स्थितियां पैदा होती है, जो विशिष्ट बैक्टीरिया के विकास के लिए अनुकूल होती है। इस संतुलन को बनाए रखने के लिए माइक्रोबायोम का होना जरूरी है।

*ऐसे जानें, आपके वेजाइना का माइक्रोबयोम हेल्दी है या नहीं :*

    वेजाइना माइक्रोबायोम में असंतुलन, जिसे डिस्बिओसिस के रूप में जाना जाता है, बैक्टीरियल वेजिनोसिस जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जो रोग बढ़ाने वाले बेक्टीरिया का कारण हो सकता है।

   यह निर्धारित करने के लिए कि आपकी वेजाइना के माइक्रोबायोम संतुलन में है या नहीं, इसमें कुछ संकेतों और लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है :

  *1.आपका डिस्चार्ज कैसा है?*

स्वस्थ वेजाइनल डिस्चार्ज आमतौर पर हल्का, बिना गंध वाला और मिल्की सा होता है।

    रंग, स्थिरता, या गंध में कोई भी अचानक परिवर्तन योनि के माइक्रोबायोम में असंतुलन का संकेत दे सकता है।

  *2. खुजली या असहजता है या नही?*

     यदि आपको लगातार खुजली, रेडनेस या जलन जैसी किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो यह संकेत है कि आपकी योनि के माइक्रोबायोम में असंतुलन हो रहा है।

   *3. मेंस्ट्रुअल साइकिल :*

    अगर आपके पीरियड हमेशा समय पर आते हैं और उस दौरान होने वाली ब्लीडिंग नॉर्मल है, तो यह अच्छे योनि स्वास्थ्य का परिचायक है।

    असामान्य रक्तस्राव या अनियमितताओं से मुक्त, हार्मोनल और माइक्रोबियल संतुलन का संकेत हो सकता है।

   *4. सेक्स के दौरान और बाद का अनुभव :*

     आप कितनी सहजता से सेक्स कर पाती हैं, यह अक्सर हेल्दी वेजाइनल माइक्रोबायोम से जुड़ा होता है।

    असुविधा, दर्द, या ल्युब्रिकेंट में परिवर्तन संभावित रूप से असंतुलन का संकेत हो सकता है।

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