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गांधी के अनुयायी देश भर में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ पदयात्राएं निकालेंगे 

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ ने अपनी संपत्ति बचाने की आस अभी नहीं छोड़ी है। संगठन ने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की है, जिसमें प्रशासन द्वारा परिसर जबरिया खाली कराए जाने पर सुनवाई की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली याचिका को यह कह कर खारिज कर दिया था कि याची इस मामले का निस्तारण स्थानीय अदालत से कराएं। इस बीच पुलिसिया कार्रवाई का विरोध कर रहे सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, अरविंद अंजुम, लोक समित के नंदलाल मास्टर, गाजीपुर के ईश्वरचंद और मऊ के गांधीवादी नेता अनोखे लाल, राजेंद्र मिश्र और जितेंद्र मिश्र को हिरासत में लेने के बाद शनिवार को जेल भेज दिया गया।

बनारस के राजघाट में महात्मा गांधी, आचार्य विनोबा भावे और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विरासत पर रेलवे ने बुल्डोजर चलाने की तैयारी पूरी कर ली है। 22 जुलाई 2023 को सैकड़ों पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में सर्व सेवा संघ परिसर में बने 45 से अधिक कमरों को जबरिया खाली करा लिया गया था। इस परिसर पर अब उत्तर रेलवे ने अपना ताला जड़ दिया है। सरकार का दावा है कि 63 साल पहले इस जमीन को किसी भी संस्था को बेचने की नीति नहीं थी। बेचने के समय निविदा प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।

दूसरी ओर, रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वाई पी आनंद ने कहा है कि सर्व सेवा संघ जमीन के विक्रय-पत्र पर नॉर्दर्न रेलवे के डिविजनल इंजीयर का वैध हस्ताक्षर है और वह जमीन नियमानुसार बेची गई है। उनके मुताबिक, “आजादी के बाद रेलवे की जमीनों को बेचने के लिए आक्शन करने की कोई नीति नहीं बनी थी। उस समय बनारस के सबसे वरिष्ठ अधिकारी के पास जमीनों को बेचने के अधिकार होते थे। जमीनों की अदला-बदली करना और बेचना रेलवे की सामान्य प्रक्रिया है, इसमें कोई अचरज की बात नहीं है। रेलवे ने जमीन का सौदा किया, कीमत स्वीकार की और जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद उस पर सर्व सेवा संघ को कब्जा दिलाया। इसलिए यह पूरी प्रक्रिया विधि संगत है। इस मामले में रेलवे अगर हीला-हवाली करता है तो सर्व सेवा संघ अपने साथ हुए छल और धोखाधड़ी को लेकर अदालतों का दरवाजा खटखटा सकता है।”

“बीजेपी चला रही गोड़सेवाद का एजेंडा”

वाराणसी जिला प्रशासन की मदद से रेल प्रशासन ने 22 जुलाई 2023 को सुबह से शाम तक चली कार्रवाई के बाद सर्वोदय प्रकाशन की करीब पांच लाख पुस्तकों और महापुरुषों की तस्वीरों को निकालकर गांधी चबूतरे पर रखवा दिया। सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद सिंह कुशवाहा ने ‘न्यूजक्लिक’ से कहा, “पुलिस के जवानों और रेलवे के अफसरों ने मिलकर सर्व सेवा संघ के तमाम अभिलेखों को कचरे में फेंक दिया। परिसर में रहने वाले लोगों के घरों में बन रहे भोजन, दूध वगैरह को सड़क पर फेंक दिया और औरतों व बच्चों के साथ बदसलूकी भी की गई। देश को आजाद कराने वाले महात्मा गांधी के अनुयायियों के साथ इस तरह की बदसलूकी अब से पहले कभी नहीं हुई थी। पीएम नरेंद्र मोदी विदेशों में जाते हैं तो बापू का नाम लेते नहीं थकते हैं और उनकी पार्टी बीजेपी के लोग देश में गोड़ेसेवाद का एजेंडा चला रहे हैं।”

राजघाट पर सर्व सेवा संघ के पास करीब 12.898 एकड़ जमीन थी, जिस पर अब रेल प्रशासन का कब्जा हो गया है। परिसर में लगाए गए टेंट और पोस्टर-बैनर हटा दिए गए हैं। साथ ही वहां रहने वाले लोगों को बाहर कर दिया गया है। यहां कई परिवारों के करीब दो सौ लोग रह रहे थे। सर्व सेवा संघ परिसर अभी भी पुलिस छावनी बना हुआ है। बाहरी लोगों का आवागमन पूरी तरह बंद है। मुख्य द्वार पर रेलवे ने अपना एक बैनर लगाया है जिस पर लिखा है कि बिना अनुमति के परिसर में प्रवेश वर्जित और दंडनीय अपराध है।

बनारस के दक्षिणी इलाके में गंगा तट पर बने नमो घाट के करीब सर्व सेवा संघ परिसर में पिछले 63 सालों से गांधी के विचारों से संबंधित पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा था। यहां साधना स्थल, गांधी स्मारक, जेपी प्रतिमा, वाचनालय, बालवाड़ी, अतिथि गृह, चरखा प्रशिक्षण केंद्र और डाकघर बने हैं। इस परिसर में पहले गांधीवादी जुटा करते थे। देश की तमाम हस्तियां यहां आती रहती थीं। यह जमीन पहले रक्षा मंत्रालय की थी जिसे रेलवे ने बेच दिया था।

सर्व सेवा संघ ऐसे स्थान पर है जहां सभी तरह की सुविधाएं हैं। सरकार ने यहां एक बड़ा प्रोजेक्ट बनाया है। प्रशासन किसी भी हालत में इस जमीन पर कब्जा लेकर सरकार की मंशा के अनुरूप यहां काम शुरू कराना चाहता है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि उत्तर रेलवे जल्द ही गांधी की विरासत पर बुल्डोजर चलवाते हुए काम शुरू करा सकता है।

देश भर में छिड़ेगा आंदोलन

उत्तर प्रदेश सर्वोदय सेवा मंडल के कार्यालय प्रभारी सौरभ सिंह ने एक बयान में कहा है, “केंद्र सरकार गांधीवादी संस्थाओं को मिटाती जा रही है। मोदी सरकार देश से गांधी की सोच और उनके विचार की ताकतों को खत्म करने पर तुली हुई है। वह जनता को डाराकर शक्तिहीन बना रही है। गांधीवादी लोग बीजेपी सरकार के इस कृत्य का आगामी चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देंगे। मौजूदा समय में देश में करीब 62 लाख गांधीवादी कार्यकर्ता हैं, जो करीब दस हजार संस्थाओं में कार्यरत है। देश में करोड़ों लोगों की गांधी में गहरी आस्था है। गांधीवादियों ने अब सड़क पर उतरने का निर्णय लिया है। महात्मा गांधी के अनुयायी देश भर में मोदी सरकार के खिलाफ पदयात्राएं निकालेंगे और गांव-गांव जाकर जनता को बताएंगे कि गोड़सेवाद को बढ़ावा देने के लिए बीजेपी सरकार किस तरह से गांधीवादियों का दमन कर रही है। बनारस में गांधी की विरासत मिटाए जाने का मामला अब दुनिया भर में पहुंचाया जाएगा और लोगों से आंदोलन में समर्थन की अपील की जाएगी।”

गांधी की विरासत को जबरिया कब्जाए जाने की कार्रवाई को जनता दल (यू) ने शर्मनाक कार्रवाई बताया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने सर्वोदयी नेता रामधीरज को लिखे एक पत्र में कहा है, “जनता दल (यू) शर्मनाक और जबरिया कब्जे की कार्रवाई की निंदा करता है। सर्व सेवा संघ महात्मा गांधी के विचारों का केंद्र रहा है। इसकी स्थापना पूर्व राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण, विनोबा भावे और जे.कृष्णमूर्ति ने की थी। अब राष्ट्रीय आंदोलन का समय आ गया है। सर्व सेवा संघ परिसर में अवैधानिक तरीके की गई पुलिसिया कार्रवाई का जनता दल (यू) कड़ी भर्त्सना करता है।” उन्होंने जनता के अपील की है कि सरकार के दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में हिस्सा लें।

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