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   सेन्ट्रल विस्टा में पधारेंगे गणपति !

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सुसंस्कृति परिहार

कल गणेश स्थापना के शुभ अवसर पर संसद में वर्तमान गणों के प्रतिनिधि पधारेंगे गणों के गणपति या प्रधानपति  भी। उन सभी के स्वागत वंदन हेतु सेंट्रल विस्टा को बातरह  सजाया हुआ है संभव है यहां भजन-पूजन के विधान की भी तैयारी हो। घरों में गणपति दस दिनों के लिए बिराजते हैं किंतु यहां गणों को प्रधानपति की इच्छा से ही बैठने मिलेगा वरना होना राहुल गांधी की तरह बाहर का रास्ता दिखाया जा सकेगा। पुरानी गुलामी की प्रतीक संसद में संविधान के तहत कानून से वापस आ गए हैं किंतु सनातन के प्रतीक सेन्ट्रल विस्टा में अब ऐसा संभावित है कि प्रधानपति की आज्ञा ही शिरोधार्य हो।जो उनकी जय जयकार नहीं करेगा सनातन की उपेक्षा करेगा वह सीधे बाहर कर दिया जाएगा नए बिल भी पास हो जाएं इस बार बिना किसी हंगामें के आखिरकार बहुमत भी बड़ा हथियार है।चुनाव आयुक्त तो मन का ही बनेगा जी।

पता चला है कि प्रधानपति इन दिनों मानसिक बीमारी के शिकार हो गए हैं इसलिए कोई ठिकाना नहीं वे किसी भी तरह का फ़रमान जारी कर दें आज़ाद भारत के अमृतकाल की इस इमारत में बैठकर उनमें और जोश आ सकता है उनकी बीमारी को इंडिया ने और बढ़ा दिया है वे रात में करवटें बदलते रहते हैं और चुनावी मंच सजाने की बात करते हैं जहां जाकर वे मन का गुबार निकाल लेते हैं। पिछले दिनों वन नेशन वन इलेक्शन के शिगूफे ने उनका यह चैन  छीन लिया।साल भर वे चुनावों में ही अपनी ऊर्जा लगाते हुए खुश रहते हैं।वह छीनने की बात हो तो कैसे बीमारी ठीक होगी।

संभावना है ये बात उनके मंत्रीमंडल के साथियों ने ही उन्हें परेशान करने उछाली हो क्योंकि इस बात की भी चर्चा उनके मंत्रीमंडल में हो चुकी है कि उनकी अनाप-शनाप हरकतों से भाजपा पर ग्रहण लग सकता है।दबाव बनाया जा रहा है कि प्रधानपति को समय रहते बदल दिया जाए। उन्होंने कोरोना की कशमकश के बीच महज ढाई वर्ष में इतनी बड़ी इमारत तामीर कराई अब उसी में उन्हें ना बैठने देने का कुचक्र उनके अपने रच रहे हैं। उधर रानी जी की भी मति मारी गई है वे प्रधानपति की चाकरी से परहेज़ करने लगीं हैं।लोग उंगली उठा रहे हैं जिसने उन्हें मानवसंसाधन जैसे विभाग का मिनिस्टर बनाया था अमेठी में छोटी बहन कहा था।वह उन्हें मिस कर रही हैं।

अब जिस ज्योतिषी ने उन्हें  सेंट्रल विस्टा में प्रवेश का मुहुर्त दिया हैं देखना है वह कितने सफल होते हैं।हालात तो यही बता रहे हैं कि अब उनके बुरे दिन आने वाले और इंडिया के गण मिलकर जनता के लिए अच्छे दिन लाने वाले हैं। प्रधानपति या यूं कहें गणपति बप्पा मोरया होने वाले हैं।यह सनातनी सिलसिला है इसे कोई नहीं बच सकता है।शायद इसीलिए वे कह रहे हैं अभी हंसिए–तालियां बजाइए रोना धोना बाद में हो जाएगा।

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