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रणजीत सरकार के मस्तक पर गौड़ परिवार की राखी

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ब्रजेश जोशी,

चर्चा में …! रणजीत सरकार के मस्तक पर  बंधी हिंद रक्षक और लखन दादा के फोटो वाली राखी …! इसे क्या माना जाए मानवीय भूल या दादा गिरी ? गौड़ परिवार ने कहा हमने चरणों में राखी चढ़ाई मस्तक पर किसने बांधी हमें नहीं पता ! 

कल से शहर भर में सोशल मीडिया पर एक वीडियो चल रहा है जिसमें एक राखी को रणजीत हनुमानजी जिन्हें भक्त श्रद्धा से सरकार बोलते हैं उनके मस्तक पर बंधा दिखाया जा रहा है । सरकार के सिर पर हिन्द रक्षक और स्वर्गीय लखन दादा के फोटो वाली राखी को लेकर भक्तगण खासे नाराज नजर आ रहे हैं । उनका कहना है कि यह राखी रणजीत सरकार के मस्तक पे क्यों बांधी गई ।मंदिर के इतिहास में  ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी संगठन और व्यक्ति के नाम की राखी रणजीत सरकार के मस्तक पर बंधी दिखी ।

मंदिर से जुड़े भक्त जन इसे रणजीत हनुमानजी का अपमान बता रहे हैं तो वहीं गौड़ परिवार के विरोधी और कांग्रेसी इस वीडियो को चला कर यह बताना चाह रहे है कि यह रणजीत दरबार में दादा गिरी का जीता जागता उदाहरण है जो कि रणजीत दरबार में सालों से  चल रही है । भगवान के मस्तक पर इंसान का चित्र यह तो भक्तों की आस्था के साथ सरासर खिलवाड़ है । इस मामले में गौड़ परिवार का कहना है कि हमने तो राखी रणजीत सरकार के चरणों में चढ़ाई थी लेकिन वह मस्तक तक जा पहुंची ! राखी को रणजीत सरकार के मस्तक तक किसने पहुंचाया इसकी पड़ताल जब पवनपुत्र ने की तो यह बात सामने आई कि मंदिर में सेवा देने वाले पुजारी नहीं, एक सेवादार की गलती से यह सब हो गया । कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है कि यह काम किसने किया है और किसके कहने पर किया है ? मंदिर से जुड़े कुछ अन्य लोगों का कहना है कि यह मानवीय भूल है!  लेकिन अधिकांश भक्तों  का तो यह कहना है कि यह जान बूझकर किया गया कृत्य है क्योंकि मंदिर में सेवा देने वालों में भी आपसी खींचतान है । यह जो कुछ भी हुआ उसे मानवीय भूल समझकर स्वीकारा नहीं जा सकता ।

वही मंदिर से जुड़े एक प्रमुख जवाबदार का कहना था कि इन दिनों शहर में राजनीति चरम पर है । कुछ लोग गौड़ परिवार के घूर विरोधी है जो उनका विरोध कर रहे हैं ,कैलाश विजयवर्गीय से मिल रहे हैं यह सब उनका ही किया धरा है ! वो गौड़ परिवार को बदनाम करने वाला काम कर रहे हैं ।चरणों में चढ़ाई राखी यदि  रणजीत सरकार के मस्तक तक जा पहुंची तो यह साफ दर्शाता है कि राजनीति में लोग कितने निचले स्तर तक जा सकते हैं ।वास्तव में रक्षाबंधन पर रणजीत दरबार में जो हुआ उससे मेरी ही  नहीं,सभी भक्तों की भावनाएं आहत हुई है । उम्मीद है मंदिर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और जांच करेगा कि यह हरकत आख़िर किसने की है क्योंकि मंदिर में कैमरे भी लगे हैं और यह आसानी से पता चल सकता है कि गलती किसकी है ।वैसे हमारे यहां एक कहावत भी प्रचलित है समरथ को नहीं दोष गुसाईं । वैसे भी रणजीत दरबार में कई समर्थ लोगों की दादा गिरी तो दिखती ही है , यह तो जो भी नित्य दरबार में जाता है वह आसानी से कह सकता है  ।अंत में यही कहूंगा कि पूछने पर भले ही किसी ने भी पूरी सच्चाई नहीं बताई है ,बहुत कुछ छुपाया है लेकिन रणजीत सरकार की आंखों ने तो वह सब देख ही  लिया है कि राखी कहां चढ़ाई गई थी ,कहां नहीं । दोषी कौन है और निर्दोष कौन ।

जय रामजी की ,जय रणजीत,

ब्रजेश जोशी, श्री पवनपुत्र मासिक पत्रिका इंदौर

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