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दुनिया भर में बेइज्जती बनाम राष्ट्रीय अस्मिता

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सुसंस्कृति परिहार
आजकल चौक चौराहों पर चीन द्वारा भारत की बेइज्जती की चर्चाएं हो रही हैं। पाकिस्तान और चीन भारत को कुछ कह दे वह भारतीयों को नागवार गुजरता ही है।क्योंकि सीमावर्ती देश हैं और दोनों भारत पर छुटपुट गड़बड़ियां जब तक करते ही रहते हैं। यह खेल भारत पाक विभाजन के बाद से ही चल रहा है इसलिए भारत में इनकी ज़रा सी टिप्पणी असहनीय हो जाती है।भले भारत सरकार इसे सहजता से ले।हालांकि बेइज्जती का यह मामला नया नहीं है। याद करिए, हाऊ डी मोदी न्यूयॉर्क में किस तरह अंर्तराष्ट्रीय मर्यादाओं की अवज्ञा करते हुए आयोजित किया गया था और ट्म्प को जिताने की वहां बात हुई उससे पूरी दुनियां में भारत की छवि धूमिल हुई थी ।इसी तरह सोवियत रूस के एक कार्यक्रम में जब राष्ट्र गान शुरु होने के बाद हमारे पी एम चल पड़े पूरी तरह बेफ्रिक,लापरवाह ।तब रशियन प्रेसीडेंट ने उन्हें पकड़ कर रुकने बाध्य किया। कितना शर्मनाक समय था वह जब दूसरे राष्ट्रप्रमुख ने इसे भारत का अपमान समझा और मोदीजी को रोका।


ऐसे देश की बेइज्जती वीर की एक और मिसाल पिछले दिनों में सामने आ गई जिससे पूरा देश शर्मसार है।यह बात तब की है जब हमारे माननीय दुनिया के कथित सर्वश्रेष्ठ अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के शिलान्यास करने  उत्तर प्रदेश में  नोएडा के जेवर  पहुंचे। वहां विधानसभा चुनाव होने को हैं तो बड़ी बड़ी घोषणाएं तो होती ही हैं और जो बनने वाला होता है उसका चित्र दिखाकर मतदाताओं को लुभाया जाता है। यहां भी वही हुआ हवाई अड्डे का जो चित्र सामने आया वह इतना भव्य और आकर्षक था कि लोग यकीनन उसे देखते ही रह गए।अभी लाखों लोगों के आवागमन और रोजगार मिलने की चर्चाएं शुरू ही हुई थीं कि अचानक चीन से ज़ेवर हवाई अड्डे पर मानों गाज ही गिरा दी।  चीन के तमाम मीडिया संस्थानों के साथ चीन की सरकारी मीडिया ने जब ये बात दुनिया के सामने रखी कि भारत ने उसके बीजिंग हवाई अड्डे की फोटो अपने विकास के लिए दुरुपयोग किया है तो भारत के साथ तमाम मुल्कों में खलबली मच गई। चीन सहित विदेशों में भी मीडिया ने कोलाज बनाकर भारत के प्रधानमंत्री की भारी बेइज्जती की जा रही है। चीनी मीडिया के शेन शिवेई ने भारत के प्रधानमंत्री को इस फेंक न्यूज़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
जबकि उत्तर प्रदेश आईं टी सेल से तैयार एक छोटा वीडियो सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सहित तकरीबन दस ग्यारह मंत्रियों ने जारी किए। चीन से आई ख़बर के बाद कुछ ने शीध्रता से इसे हटा भी लिया है पर इसके चित्र बराबर प्रचार में उपयोग हुए हैं। बड़े-बड़े विज्ञापन अख़बारों में हैं।चोरी साफ़ तौर पर जाहिर होती है देखना यह है कि इसे किसके सर मढ़ा जाता है।इस तरह की अनेक चोरियों और झूठ की दास्तानें सरकार की दफ़न है कुछ उजागर भी हुई हैं जैसे अभी बुंदेलखंड के ललितपुर बांध हेतु प्रधानमंत्री जी के साथ तेलंगाना बांध की फोटो लगाई गई थी। इसके पूर्व योगीराज के विकास को दर्शाने कोलकाता फ्लाई ओवर के चित्र के साथ विदेश की किसी इंडस्ट्री को प्रर्दशित किया गया।जिसकी पोल पट्टी भी खुल गई थी । इसके बहुत पहले मध्यप्रदेश में सड़कों के विकास को मुख्यमंत्री ने अमेरिका की सड़कों को लगाकर भरपूर प्रचार का लाभ लिया जीत के बाद में ये बात सामने आ गई।
कुल मिलाकर देखा जाए तो आई टी सेल को जो होमवर्क नेताओं ने सौंपा है वह उसे ही अंजाम दे रहे हैं इसलिए इन पर कार्रवाई की जाएगी संभव नहीं लगता लेकिन चीनी मीडिया ने इस बार जिस तरह बात उजागर की है उसका असर दूरतलक जाएगा। इससे भारत सरकार की छवि अकेले पर दाग नहीं लगा है बल्कि भारतीय अस्मिता को गहरा झटका लगा है।ये सब बंद होगा ये भी मुमकिन नहीं लगता है क्योंकि भारत सरकार की जो हालत घर और बाहर खराब हो रही है उस दौर में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में वह निरंतर कुछ भी करने बेताब है।कहा भी गया है मरता क्या नहीं करता।उनकी अपनी अंदरूनी रिपोर्ट भी पांच राज्यों में भाजपा की हार बता रही है।

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