गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं। आखिरी बार 2017 में जब चुनाव हुए थे तो 99 सीटें भारतीय जनता पार्टी ने जीती थीं और 77 कांग्रेस ने। छह सीटें अन्य के खाते में गई थीं। रिजल्ट के बाद राहुल गांधी ने गुजरात में कांग्रेस के संगठन की ताकत के बारे में कहा था- पार्टी इतनी मजबूत हो गई है कि BJP किसी तरह बचकर निकली है।
फिर, मई 2021 आते-आते कांग्रेस के 12 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इन सीटों पर बायपोल हुए तो इन्हें BJP ने जीत लिया। फिलहाल गुजरात BJP के पास 112 विधायक और कांग्रेस के पास 65 विधायक ही बचे हैं।
इसके पीछे एक बड़ा कारण गुजरात में कांग्रेस के संगठन का कमजोर होना है।फिलहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी, यानी PCC के नाम पर सिर्फ 3 कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हैं। आइए दोनों पार्टियों के संगठन को बारी-बारी से देखते हैं-
BJP की गुजरात कार्यकारिणी में 160 पदाधिकारी, पन्ना प्रमुख तक एक-एक पद भरे हुए
BJP में 40 मुख्य प्रदेश पदाधिकारी हैं। इसमें एक प्रदेश अध्यक्ष, 10 प्रदेश उपाध्यक्ष, 13 प्रदेश महामंत्री, 8 प्रदेश मंत्री, 2 प्रदेश कोषाध्यक्ष, एक प्रदेश मुख्य प्रवक्ता, 2 मीडिया प्रभारी और 3 प्रदेश कन्वीनर शामिल हैं। मुख्य प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा 40 प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
BJP संविधान के अनुसार प्रदेश में प्रमुख पदों के अलावा भारतीय जनता युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, व्यापारी प्रकोष्ठ, अधिवक्ता व्यापारी प्रकोष्ठ, झुग्गी-झोपड़ी व्यापारी प्रकोष्ठ से लेकर पन्ना प्रमुख तक एक-एक पद भरे हुए हैं।
6 महीने पहले तक कांग्रेस के पास 234 पदाधिकारी थे, अब सिर्फ 3 कार्यकारी अध्यक्ष
छह महीने से कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष पद खाली है। पार्टी के प्रदेश संगठन के पूरे ढांचे का मामला छह महीने से लटका हुआ है। स्थानीय नेता हाईकमान के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।
फिलहाल हार्दिक पटेल, करसनदास सोनेरी और डॉ. तुषार चौधरी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। इसके अलावा पिछली प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अमित चावड़ा भी प्रदेश प्रमुख के तौर बने हुए हैं। हालांकि कांग्रेस के संविधान में ऐसा कोई पद नहीं है।
गुजरात कांग्रेस कार्यकारिणी की पिछली टीम में एक प्रदेश अध्यक्ष के अलावा 18 प्रदेश उपाध्यक्ष, 40 महामंत्री, एक कोषाध्यक्ष, 158 मंत्री, 6 मंत्री (प्रोटोकॉल) और 9 प्रवक्ता होते है। कुल मिलाकर 6 महीने पहले तक कांग्रेस के पास 234 पदाधिकारी थी। यह संख्या BJP के 180 प्रमुख पदाधिकारियों की तुलना में ज्यादा थी।