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*नॉर्मल नहीं है कूल्हे में दर्द, दवा के साथ होमरेमेडी भी अपनाएं*

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     डॉ. प्रिया 

कूल्हे और नितंबों में दर्द होना एक सामान्य समस्या है। यह परेशानी कई लोगों को अपना शिकार बना रही है। क्रॉनिक हिप पेन व्यक्ति को शारीरिक तथा मानसिक दोनों रूप से प्रभावित कर सकता है।

     कूल्हे का दर्द कमर, पैर और बटॉक्स से जुड़ी परेशानियों का कारण बनता है और यह आपकी नियमित एक्सरसाइज रूटिंग से लेकर नियमित दिनचर्या के कामकाज को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। वहीं यह व्यक्ति के प्रोडक्टिविटी को भी प्रभावित कर सकता है।

    इतना ही नही क्रॉनिक पेन की स्थिति में व्यक्ति के लिए नियमित रूप से वॉक करना, सीढ़िया चढ़ना और उतरना या फिर कार में बैठना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कूल्हे के दर्द पर समय रहते ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।

    उपचार से पहले क्रॉनिक हिप पेन के कारणों का पता होना बहुत जरूरी है। तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं, हिप पेन का कारण साथ ही जानेंगे इसे किस तरह मैनेज करना है।

   ये हैं हिप पेन के कुछ सामान्य कारण : 

   *1. अर्थराइटिस :*

ओस्टियोअर्थराइटिस हिप पेन का एक सबसे कॉमन कारण है, खासकर ऐसा बढ़ती उम्र के लोगों में देखने को मिलता है।

    अर्थराइटिस की स्थिति में हिप जॉइंट में इन्फ्लेमेशन हो सकता है, कार्टिलेज घिसना शुरू हो जाते हैं, जिसकी वजह से असहनीय दर्द का अनुभव होता है वहीं मोशन कम हो जाता है और कूल्हे में अकड़न महसूस होता है।

   *2. हिप फ्रैक्चर :*

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। वहीं यदि आप उचित डाइट नहीं लेती हैं, और जीवन शैली की गतिविधियों को असंतुलित रखती हैं, तो इस स्थिति में भी हड्डियों पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिसकी वजह से यह कमजोर हो जाती हैं।

     कमजोर हड्डियां आसानी से टूट सकती हैं, आपको चोट लगता है, या आप कहीं गिरती हैं तो इस दौरान हिप फ्रैक्चर का खतरा अधिक होता है। जिसकी वजह से क्रॉनिक टिप पेन का सामना करना पड़ता है।

   *3. टेंडीनाइटिस :*

टेंडर्स टिशु का एक थिक बैंड है, जो हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ता है।

    टेंडीनाइटिस की स्थिति में टेंडर्स में इन्फ्लेमेशन और इरिटेशन हो सकता है। ऐसा तब होता है जब हड्डियों पर अत्यधिक स्ट्रेस पड़ता है।

*क्या हैं हिप पेन से राहत पाने के उपाय?*

यदि आपके कूल्हे में अत्यधिक दर्द रहता है, तो आपको इस विषय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वहीं आप कुछ घरेलू नुस्खे को आजमा कर अपने दर्द पर काबू पा सकती हैं।

    परंतु दर्द दोबारा से शुरू हो सकता है, ऐसे में परमानेंट सॉल्यूशन के लिए चिकित्सीय सलाह आवश्यक है। तो चलिए जानते हैं, ऐसे कुछ खास उपाय जिनकी मदद से आपको क्रॉनिक हिप पेन से इंस्टेंट रिलीफ मिलेगा.

    *1. हिट और कोल्ड ट्रीटमेंट :*

हिट ओर कोल्ड ट्रीटमेंट हिप पेन से राहत पाने के दो बेहद प्रभावित तरीके हैं। खास कर यदि आपका दर्द अचानक से शुरू हो गया है, तो इस स्थिति में इन्हें आजमा कर आप अपने दर्द को कम कर सकती हैं।

    हिट इन्फ्लेमेशन को कम करता है और दर्द से राहत प्राप्त करने में आपकी मदद करता है। यह ब्लड फ्लो को बढ़ा देता है, जिससे कि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंच पाते हैं और बॉडी मसल्स रिलैक्स हो जाती है।

     कोल्ड पैक आम तौर पर चोट के कारण होने वाले दर्द पर इस्तेमाल किया जाता है। जो चोट लगने के बाद इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है। चोट के फौरन बाद इन्हे अप्लाई करने से टिशु और मांसपेशियों के डैमेज का खतरा कम हो जाता है। साथ ही यह जॉइंट की स्वेलिंग और कार्टिलेज इंजरी के खतरे को भी कम कर देता है।

   *2. जेंटल स्ट्रेचिंग :*

नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करने से मसल्स एक्टिवेट हो जाते हैं, और हड्डियां भी अधिक लेक्सिबल होती हैं। यदि आप हिप पेन से परेशान रहती हैं, तो आपको नियमित रूप से हिप स्ट्रेचिंग करनी चाहिए।

    लंबे समय तक बैठने या फिर शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के बाद, कमर को स्ट्रेच करें। इसके लिए भारी भरकम स्ट्रेचेज करने की आवश्यकता है, छोटी-मोटे स्ट्रेचिंग में भाग लेकर भी आप दर्द को नियंत्रित रख सकती हैं।

   *3. वेट मैनेजमेंट :*

यदि आपको हिप में दर्द रहता है तो इस स्थिति में वेट मैनेज करना बहुत जरूरी है। वेट मैनेजमेंट आपको दर्द से राहत पाने में मदद करेगा। बढ़ता वजन हड्डियों पर अधिक भार डालता है, जिसकी वजह से इन्फ्लेमेशन और बोन फ्रिक्शन बढ़ता है और यह दर्द का कारण बन सकता है।

     ऐसे में नियमित एक्सरसाइज, डाइट मैनेजमेंट आदि पर ध्यान दें। एक संतुलित वेट मैनेज करने से प्रेशर कम होता है और धीमे धीमे दर्द भी कम हो जाता है। खासकर यदि आप अर्थराइटिस से पीड़ित हैं, तो आपको वजन को नियंत्रित रखना चाहिए।

   *4. मसाज थेरेपी :*

हिप मसाज करने से दर्द से राहत प्राप्त करने में मदद मिलती है। आप इसके लिए अपने हाथ उंगलियां और कोहनी का इस्तेमाल कर सकती हैं।

    मसाज ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देता है और मांसपेशियों को एक्टिवेट करता है, जिससे की टेंशन रिलीज करने में मदद मिलती है।

     इसके साथ ही मसाज इन्फ्लेमेशन को भी कम कर देता है। यह हिप मसल्स के स्ट्रेस और दर्द से राहत प्रदान करता है।

   *5. हाइड्रो थेरेपी और फिजियोथैरेपी :*

 यदि आपको हिप जॉइंट्स में बहुत ज्यादा दर्द रहता है और यह ठीक नहीं हो रहा है, तो आपको हाइड्रोथेरेपी या फिजियोथैरेपी में पार्टिसिपेट करना चाहिए। हाइड्रो थेरेपी जॉइंट्स के फ्लूइड मूवमेंट को रेगुलेट करती हैं।

     पूल में वक्त बिताने से हड्डियां जल्दी रिकवर करती हैं, साथ ही साथ ज्वाइंट प्रेशर भी कम होता है। वहीं इससे मांसपेशियों एवं नर्वस पर सूदिंग इफेक्ट देखने को मिलता है।

      पेन मैनेजमेंट के लिए फिजियोथैरेपी एक बेहद प्रभावित तरीका है। इसमें मेडिकल प्रोफेशनल्स आपकी मदद कर सकते हैं। यह एक्सरसाइज हिप जॉइंट के पेन को कम करने में आपकी मदद करती है। फिजियोथैरेपी में स्ट्रेचेज, मूवमेंट, मसाज आदि की मदद से दर्द और इन्फ्लेमेशन से राहत पाया जा सकता है।

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