*प्रोफेसर राजकुमार जैन*
हिंदुस्तान में आम चुनाव की शुरुआत हो चुकी है। हिंदुस्तान के तकरीबन सभी टेलीविजन चैनलों, अखबारों, इश्तिहारो में नरेंद्र मोदी के भाषणों को, पूरी तैयारी, हिसाब किताब लगाकर, आम जनता की भलाई के लिए मर मिटने, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने, 400 के पार होने पर मुल्क में स्वर्ग का राज स्थापित होने को दिखाया जा रहा है। विरोधी पार्टियों, नेताओं को मुजरिम मुल्क का दुश्मन, भ्रष्टाचारी सिद्ध करने के लिए एंकर और एंकर्निया सज धज कर डिजाइनर पोशाको में तैयार स्क्रिप्ट पर (खास जनता) के बीच सिद्ध कर रहे हैं कि चुनाव में जनता, गरीबों के मसीहा नरेंद्र मोदी के साथ है। नरेंद्र मोदी एक तरफा भाषण दे रहे हैं, अखबार नवीसो के साथ प्रेस कांफ्रेंस करने का तो कोई सवाल ही नहीं है। उनके भाषणों और सरकारों द्वारा की जा रही कार्रवाइयों को देखकर मेरा पक्का यकीन हो गया है कि मोदी जी ने और कुछ पढ़ा हो या नहीं मगर उन्होंने एडोल्फ हिटलर की कुछ बातों को अपने जहन में बैठा, पक्का यकीन कर अमली जामा जरूर पहना रहे हैं।
1925 -26 में जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने जेल में रहते हुए अपनी आत्मकथात्मक किताब ‘मीन काम्फ’ माई स्ट्रगल लिखी थी। उसमें उन्होंने अपनी सियासी सोच का खुलासा किया था।
” असरदार, होशियारी और लगातार प्रचार के जरिए लोगों को स्वर्गलोक (जन्नत) भी नरक (दोजख) की तरह दिखाया जा सकता है, या एक निहायत बर्बाद जिंदगी को स्वर्ग की तरह पेश किया जा सकता है”। “जनता की समझदारी, ग्रहणशीलता बड़ी सीमित है, उनकी अक्ल बहुत छोटी है, लेकिन भूलने की ताकत बहुत बड़ी है। इस हकीकत को ध्यान में रखते हुए चुनावी प्रचार को बहुत कम मुद्दों तक सीमित किया जाना चाहिए और इन नारों को तब तक दोहराया जाना चाहिए जब तक की जनता का आखिरी आदमी यह न समझ ले कि आप उसे अपने नारों से क्यों समझाना चाहते हैं।”
” इंसानियत, बेवकूफी और बुजदिली की अभिव्यक्ति है, कामयाबी ही, सही और गलत का दुनिया मे मानदंड है।”
“मार डालो, बर्बाद कर दो, बर्खास्त कर दो, झूठ बोलो, जीत के बाद कोई नहीं पूछता, सच्चाई मायने नहीं रखती बल्कि जीत मायने रखती है। सफलता ही सही और गलत को तय करती है।”
हिटलर का प्रचार मन्त्री, जोसेफ गोएबल्स का मानना था कि
“एक झूठ को बार-बार दोहराने से वह सच बन जाता है।”
आज मोदी सरकार, हिटलर द्वारा कही गई बातों पर पूरी तरह अमल कर रही है। जम्हूरियत का गला घोंटा जा रहा है। मुल्क में खौफनाक माहौल बना दिया गया है। सरेआम दौलत और डंडे के बल पर मुखालिफ पार्टियां को तोड़कर अपनी सरकारों को बनाया जा रहा है। माहौल ऐसा तैयार किया जा रहा है की 400 से ज्यादा सीटों पर हम जीत रहे हैं, ताकि विरोधी पार्टिया हताश हो जाए। परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आम आवाम, बेकारी, बेरोजगारी, महंगाई, किसानो की मायूसी कुछ और ही बयां कर रही है। ऐसे में हर मुल्क परस्त, हिंदुस्तानी का फर्ज है कि वह फौलादी एकता के साथ, इस मुल्क तोड़क, धन पशुओं की गुलाम सरकार के खिलाफ वोट कर शिकस्त दे।
राजकुमार जैन