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दुनिया के धनकुबेरों के सिरमौर बने मस्क

अरुण नैथानी

नये साल के कारोबार जगत में लंबी छलांग लगाकर दुनिया में नंबर एक की अमीरी हासिल करने वाले एलन मस्क की जिंदगी रोचक पायदानों से गुजरी है। नये उर्वरा विचारों को हकीकत में बदलने का उनका जुनून उन्हें इस मुकाम तक ले आया है। आज इलेक्टि्रक कार बनाने वाली टेस्ला कंपनी के बूते वे दुनिया के नंबर एक अमीर बने हैं। उनकी कामयाबी करिश्माई है। ऐसे वक्त में जब अमेरिका समेत दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाएं हिचकोले खा रही हैं उनकी कंपनी के शेयर कुलांचे भर रहे हैं। इलेक्टि्रक कार बनाने वाली टेस्ला के शेयर मेें निवेशकों को भविष्य नजर आता है। लेकिन एक साल पहले इसी कंपनी की ऐसी स्थिति नहीं थी। पहले लोगों को लगता था कि कंपनी के शेयरों में उछाल अल्पकालिक है। यहां तक मस्क ने जब अपनी कंपनी एपल को बेचनी चाही तो एपल के सीओ उस बैठक में नहीं पहुंचे थे, जिसमें मस्क इसे बेचने की बात करने वाले थे। लेकिन आज कंपनी की कीमत कोरोना संकट से जूझती दुनिया की चोटी की कार निर्माता कंपनियों की कुल कीमत के बराबर पहुंचती दिख रही है।  माना जाता है कि टेस्ला ने ऑटो इंडस्ट्री को नई दिशा दी है। ऐसा इसलिये भी कि ग्लोबल वार्मिंग संकट से बचाव के लिये सरकारें प्रदूषण रहित इलेक्टि्रक कारों को प्राथमिकता दे रही हैं। यही वजह है कि खरीदार कंपनी के शेयर ज्यादा मुनाफे की आस में खरीद रहे हैं।

बहरहाल, मौजूदा वक्त में दुनिया के धनकुबेरों के सिरमौर बने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की कामयाबी की कहानी युवाओं के लिये प्रेरणापुंज है। पिछले तीन साल से दुनिया के नंबर वन अमीर बने हुए एमेजॉन के सीईओ जेफ बेजोस को पछाड़ कर यह कामयाबी हासिल करने वाले एलन मस्क हमेशा से उर्वरा दिमाग के धनी रहे हैं। वे समय से आगे सोचते हैं। बैटरी से चलने वाली टेस्ला कार के अलावा उन्होंने कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टों को भी चुना है जो मानवता के लिए दुनिया की तस्वीर बदल सकते हैं। कुछ समय पहले माना जाता था कि बैटरी से चलने वाली कार का उपयोग व्यावहारिक नहीं है। आज वह सबकी पसंद है। यही वजह है कि आज एलन मस्क की जायदाद वर्ष 2021 में दो अरब डॉलर से अधिक हो गई है। निस्संदेह यह किसी चमत्कार से कम नहीं है कि बीते साल की शुरुआत में मस्क दुनिया के शीर्ष पचास धनियों की सूची में मुश्किल से ही शामिल हो पाते थे। 

28 जून, 1971 में दक्षिण अफ्रीका में जन्मे एलन बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। छोटी उम्र में कंप्यूटर के शौकीन मस्क ने बारह साल की उम्र में एक वीडियो गेम बनाकर पांच सौ डालर में बेच दिया था। उनके पिता एक पन्ना खदान के मालिक थे, लेकिन उन्होंने मस्क की प्रतिभा को नहीं समझा। माता-पिता के तलाक के बाद वे मां के करीब रहे और जब उन्हें फौज में भर्ती करने का प्रयास किया गया तो वे कनाडा चले गये। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। लेकिन बेहद आत्मकेंद्रित रहे। कम बोलना और ज्यादा करना उनके जीवन का लक्ष्य रहा है। यहां तक कि आत्मकेंद्रित और कम बोलने के कारण उनके माता-पिता को लगा कि कहीं इसे कोई बीमारी तो नहीं है और उसे डॉक्टर को दिखाया गया। कालांतर उनकी मां ने उन्हें समझा कि वे अपने सपने में खोये रहने वाले हैं। वे सुधबुध खोकर अपनी दुनिया में मस्त रहते थे। बाद में मां ने मान लिया कि वे कुछ नया रचने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। कुशाग्र बुद्धि के धनी मस्क ने नौ साल की उम्र में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीख ली थी। अंतरिक्ष विषय उनका पसंदीदा था। दस-दस घंटे पढ़ने वाले मस्क अकसर किताबों में खोये रहते। उन्होंने खूब साइंस फिक्शन पढ़े। कालेज के दिनों में छात्र उन्हें तंग करते और उन पर जानलेवा हमले भी हुए, जिसके चलते उन्होंने जूडो-कराटे आत्मरक्षा के लिये सीखे। वे पीएचडी के लिये स्टेनफॉर्ड यूनिवर्सिटी गये, मगर दो दिन में वापस आ गये। वे तो इंटरनेट क्रांति में अपना भविष्य देख रहे थे। निजी जीवन में भी वे रंगीन रहे। तीन शादियां और तलाक हुए। अब उनके छह बेटे हैं और वे आठ  कंपनियों के मालिक हैं। उनके दिमाग में नित नये आइडिया आते रहते हैं। कहते हैं कि वे हर सेकेंड में सड़सठ लाख रुपये कमाते हैं। बेहद ऊर्जावान मस्क अकसर सुर्खियों में रहते हैं। वे सोशल मीडिया में खासे सक्रिय रहते हैं। एलन आठ कंपनियों के संस्थापक रह चुके हैं, जिनमें टेस्ला के अलावा स्पेस एक्स, हायपरलूप तथा बोरिंग कंपनियां शामिल हैं। ट्रैफिक में फंसने के बाद भूमिगत सुरंगों से यातायात का विचार उनके मन में आया। उनकी कंपनी बोरिंग इस महंगी परियोजना पर काम कर रही है। उनकी योजना मंगलग्रह पर बस्ती बनाने की भी है। वर्ष 2018 में उन्होंने तीव्रगति वाली हाइपरलूप योजना की शुरुआत की। यातायात का यह त्वरित सिस्टम समय बचाने में सहायक हुआ है। टेस्ला कार के डिजाइनर मस्क ने एक ऐसी कार को नीलामी पर खरीद कर अपने सपनों को आकार दिया, जिसे जेम्स बांड अपनी फिल्मों में इस्तेमाल करते थे। उन्होंने इसे एक इलेक्टि्रक कार के रूप में विकसित करके पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। किताब पढ़ने के शौकीन मस्क आज भी बारह घंटे प्रतिदिन किताबों के साथ गुजारते हैं। 

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