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*थायरॉइडिकल डिसबैलेंस : बिना दवाओं के  कैसे करें कंट्रोल*

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       डॉ. प्रिया

    जीवनशैली में आने वाले बदलाव थायराइड असंतुलन का कारण साबित होते हैं। इसके चलते हमारे शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याओं के पनपने का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, थायराइड गले में मौजूद एक ऐसी ग्रंथि है, जो हार्मोन प्रोड्यूस करती हैं।

     इससे बॉडी में ब्लड प्रेशर नियमित रहता है और मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है। जब थायरॉइड गलैंड हार्मोंन नहीं बना पाती तब शरीर में कई संकेत नज़र आने लगते हैं। जिससे ज्यादातर महिलाएं हेयर फॉल, बढ़ते वजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से घिरने लगती हैं। इन दिनों महिलाओं की एक बड़ी आबादी थायरॉइड असंतुलन की शिकार है। 

थायराइड हार्मोन शरीर का एक महत्वपूर्ण हार्मोन माना जाता है। ये हमारे मूड, हमारे वेट और यहां तक की एनर्जी लेवल को भी नियंत्रित करने में सहायक होता है।

   थायराइड की समस्या की दो प्रकार से जानकारी मिलती है। एक वो जिनमें थायराइड का लेवल कम होता हैं और दूसरा वो जिसमें इसका स्तर ज्यादा होता है। बॉडी में थायरॉइड लेवल को करना है नियंत्रित तो रखें इन बातों का ख्याल ऐसे में खान पान में उच्च बदलाव लाने की आवश्यकता होती है, जो इस समस्या को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। अगर ग्रंथी में सूजन महसूस हो, तो किसी अच्छे लैब से थायराइड की जांच करवाएं।

यहां हैं वे उपाय जिन्हें अपनाकर आप थायरॉइड असंतुलन को कंट्रोल कर सकती हैं :

    *1. गोइट्रोजेन वाले आहार से बचें :*

     डेली डाइट में समान्य बदलाव लाकर थायरॉइड की समस्या से बचा जा सकता है। खुद को हेल्दी रखने के लिए अपनी मील में हरी सब्जियां, साबुत अनाज और मौसमी फलों को शामिल करना ज़रूरी है। इसके अलावा वे खाद्य पदार्थ जिनमें गोइट्रोजेन की मात्रा अधिक होती है। उन्हें अपनी मील का हिस्सा न बनाएं।

    खासतौर से ब्रोकली, गोभी और टोफू को अवॉइड करें। इसके अलावा स्ट्राबेरी व पीनट्स को भी खाने से बचें। हाइपोथाइरॉएडिज्म से बचाव के लिए अपनी मील में ब्राउन राज़, सूरजमुखी के बीज और दही को एड करें।

*2. विटामिन ए को डाइट में शामिल करें :*

     विटामिन ए की भरपूर मात्रा लेने से शरीर में थायरॉइड मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। स्वीट पोटेटो, गाजर, एप्रीकॉट और पत्तेदार सब्जियों में पाया जाने वाला ये पोषक तत्व शरीर को एक्टिव रखता है।

      इसके अलावा काजू किशमिशि बादाम और दालों को में पाया जाने वाला विटामिन ए शरीर को मसल क्रैंपस की समस्या से भी बचाता है।

*3. विटामिन ई का भी रखें ध्यान :*

     स्किन और बालों के अलावा विटामिन ई हमारी ओवरऑल बॉडी के लिए भी बहुत ज़रूरी है। देसी घी और सूखे मेवों जैसे अखरोट से मिलने वाला ये पोषक तत्व शरीर में थायरॉइड को नियंत्रित करने में सहायता प्रदान करता है।

     दरअसल, विटामिन ई से शरीर में फैट साल्यूएबल एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है। जो हमारे शरीर को कई प्रकार की समस्याओं से बचाने का काम करता है।

*4. स्मोकिंग करती हैं तो छोड़ दें :*

      सिगरेट के धुएं में मौजूद टॉक्सिक पदार्थ आपके थायराइड हार्मोंस को प्रभावित करते हैं।

     थायोसाइनेट नाम का कंपाउड आयोडीन अपटेक को ब्लाक करता है, जो थायराइड हार्मोन के प्रोडक्शन को धीमा कर देता है। इसके अलावा शरीर को कैफीन और अल्कोहल के इनटेक से भी बचाकर रखें।

*5. रेगुलर एक्सरसाइज़ करें :*

      योग और गले की एक्सरसाइज करने से थायराइट नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा इंटेस एक्सरसाइज़ की मदद से शरीर में थायराइड हार्मोन को सर्कुलेट करने में मदद मिलती है।

     अगर आप सुबह उठकर 30 मिनट का व्यायाम करती हैं, तो इससे आपका हार्ट रेट बढ़ने लगता है। इसके अलावा रनिंग, जॉगिंग और डांस व योग को भी अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। इसे रोज़ाना करने से आपका शरीर फिट व तंदरूस्त बना रहेगा।

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