डॉ. नेहा
डायबिटीज एक ऐसी लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जो आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ लोगों को प्रभावित करती थी। परंतु आजकल बच्चों में भी डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
यह एक बेहद चिंताजनक विषय हो सकता है, क्योंकि कम उम्र में डायबिटीज होना सेहत संबंधी अन्य परेशानी जैसे की मोटापा, किडनी और लीवर संबंधी समस्याओं सहित कई अन्य परेशानी खड़ी कर सकता है। इसलिए सभी पेरेंट्स को बच्चों में बढ़ाते डायबिटीज के मामलों के प्रति उचित जानकारी होनी चाहिए।
2019 में चाइल्ड डायबिटीज का रेट 100,000 लोगों पर 11.61 थी, जो 1990 में 100,000 लोगों पर 9.31 थी। 2021 में, दुनिया भर में युवाओं में टाइप 2 डायबिटीज के नए मामलों में चीन, भारत और अमेरिका में सबसे अधिक मामले देखे गए.
*बच्चों में क्यों बढ़ रहे हैं डायबिटीज के मामले?*
यह बेहद ही चिंताजनक विषय है और इसके कई कारण हो सकते हैं। मुख्य कारणों में उनकी बदलती जीवन शैली, बच्चों का खानपान, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, मीठे पदार्थों का अधिक सेवन, मोबाइल या टीवी के कारण उनकी शारीरिक गतिविधियों की कमी, वहीं खेलकूद की कमी शामिल है।
इन सामान्य कारणों के अतिरिक्त आजकल बच्चों में तेजी से मोटापा बढ़ रहा है और बढ़ता वजन विशेष रूप से पेट के आसपास की चर्बी की वजह से टाइप टू डायबिटीज का खतरा बढ़ता जाता है। वहीं यदि माता-पिता या परिवार के सदस्य को डायबिटीज है, विशेष रूप से यदि प्रेगनेंसी में मां को डायबिटीज होता है, तो बच्चों में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
कुछ मामलों में प्यूबर्टी के दौरान ग्रोथ हार्मोन का स्तर बढ़ाने की वजह से इंसुलिन सही से कार्य नहीं कर पाता और ब्लड शुगर को रेगुलेट करना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
*1. बैलेंस्ड डाइट :*
सबसे पहले तो बच्चों के खानपान पर ध्यान दें इसके लिए उन्हें घर के बने पौष्टिक और शुद्ध भोजन खाने की आदत डालें। उन्हें बाहर के खानपान से दूर रखें, क्योंकि आजकल बच्चे बाहर के खान-पान से ज्यादा कनेक्ट हो गए हैं। बाहर खाने की उनकी यह जिद इस प्रकार की बीमारियों को बुलावा देती है। हरी सब्जियां, फल, दालें, और साबुत अनाज युक्त अलग-अलग प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करें और अपने बच्चों को सर्व करें।
*2. मीठे व्यंजनों से दूरी :*
आजकल बाजार में तरह-तरह की चॉकलेट, बिस्किट्स, कपकेक्स आदि उपलब्ध हैं। जिनमें भरपूर मात्रा में रिफाइंड शुगर होता है। बच्चों में अधिक मीठा खाने की आदत उन्हें बीमार बना सकती है, इसलिए शुरुआत से ही बच्चों को कम चीनी देने का प्रयास करें। यदि आपके बच्चे को डायबिटीज की शिकायत रहती है, तो आपको उन्हें रिफाइंड शुगर से पूरी तरह दूर रखना है। उनकी मीठे की क्रेविंग्स को कंट्रोल करने के लिए कभी कभार डार्क चॉकलेट या घर का बना कुछ हल्का मीठा दे सकती हैं।
*3. शारीरिक गतिविधियां :*
बच्चों में रोज़ाना कम से कम एक घंटे के लिए खेलने-कूदने की आदत बनाएं। साइकलिंग, स्विमिंग, रनिंग, फुटबॉल, क्रिकेट या फिर वॉलीबॉल खेलने के लिए प्रेरित करें, जिससे उनका शरीर एक्टिव रहे। शारीरिक गतिविधियों से इंसुलिन प्रोडक्शन संतुलित रहता है, जिससे कि डायबिटीज को मैनेज करना आसान हो जाता है।
*4. नियमित जांच :*
समय-समय पर बच्चों के ब्लड शुगर की जांच करवाती रहें। यदि आपके बच्चे को किसी भी प्रकार की कोई समस्या है, या फिर वे पहले से ही डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से नियमित चेकअप करवाना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही इंसुलिन की आवश्यकता पर ध्यान दें।
*5. बच्चों पर नजर :*
यह मुमकिन नहीं है कि आप 24 घंटे अपने बच्चों के आगे पीछे घूम सके, इसलिए उन्हें डायबीटीज के बारे में बताएं और उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है, इसकी उचित जानकारी दें। परंतु फिर भी बच्चे इतने समझदार नहीं होते हैं, इसलिए जितना मुमकिन हो सके उतना बच्चों का ध्यान रखें।
बच्चे क्या खा रहे हैं, क्या नहीं खा रहे, डॉक्टर के अनुसार उन्हें कौन से खाद्य पदार्थों को खिलाना आवश्यक है, क्या वे बाजार का कोई भी खाना ले रहे हैं, घर से बाहर निकलते समय इन सब बातों पर भी बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। ताकि उन्हें भविष्य में होने वाली जटिलताओं से बचाया जा सके।