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मैं लैफ्ट हूं, हां मैं पूरा लैफ्ट हूँ……

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मुनेश त्यागी

     पिछले डेढ़ सौ साल से ज्यादा अरसे से पूरी दुनिया में लैफ्ट यानी वामपंथ की बात हो रही है। इसी लेफ्ट विचारधारा ने दुनिया में सबसे पहले क्रांति की बात की थी। इसी ने पूंजीवादी लूट, शोषण और अन्याय की पोल खोली थी और पूरी दुनिया के सामने पूंजीवादी लुटेरे व्यवस्था को नंगा कर दिया था। इसी लेफ्ट विचारधारा ने बुनियादी राजनीतिक क्रांतिकारी परिवर्तन द्वारा किसानों मजदूरों के राज्य की बात की थी।

     इसी लेफ्ट विचारधारा ने सबसे पहले 1917 में रूसी क्रांति करके, वहां मानव इतिहास में सबसे पहले किसानों मजदूरों के राज्य की स्थापना की थी। यही लेफ्ट की विचारधारा, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, बिस्मिल, अश्फाकउल्लाह खान, चंद्रशेखर आजाद, शिव वर्मा, नेहरू, सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की जवान पर बढ़-चढ़कर बोल रही थी।

    इसी लेफ्ट विचारधारा ने पूरी दुनिया में बुनियादी परिवर्तन किए हैं। दुनिया में लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, मकान जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इसी लेफ्ट विचारधारा की बहुत सारी बातों को भारत के संविधान में समाहित किया गया था। अपनी समस्याओं से परेशान होकर जब भी जनता के लोग,,,, किसान, मजदूर, छात्राएं, नौजवान, महिलाएं अपनी मांगों को लेकर कोई धरना प्रदर्शन करते हैं या सरकार के सामने अपना मांग पत्र पेश करते हैं और अपनी समस्याओं के समाधान की बात करते हैं तो भारत के पूंजिपतियों, सामंतों और सांप्रदायिक ताकतों और उनकी सरकार को ये सब आंदोलनकारी लोग लेफ्ट नजर आने लगते हैं।

     अभी पिछले चुनाव में लेफ्ट विचारधारा को लेकर काफी कुछ कहा गया और इसी लेफ्ट विचारधारा के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने जाने क्या-क्या कहा था। मैं इसी लेफ्ट विचारधारा को लेकर अध्यनरत था। तभी बहुत सारी बातें, जिन्हें लेफ्ट आईडियोलॉजी आगे बढ़ती है और जिन्हें जनता को मोहिया कराने की बात करती है, उन्हीं सब मुद्दों ने एक कविता का रूप ले लिया। इस प्यारी सी कविता रूपी रचना को मैं आपकी सेवा में समर्पित कर रहा हूं,,,,,

मैं लैफ्ट हूँ, हां मैं लैफ्ट हूं,,,,,,,,
क्योंकि मैं गरीब हूँ,
क्योंकि मैं बीमार हूँ,
क्योंकि मैं अनपढ़ हूं
क्योंकि मैं बेरोजगार हूं
मैं लैफ्ट हूँ, हां मैं पूरा लैफ्ट हूं।

क्योंकि मैं वंचित हूँ,
क्योंकि मैं पीडित हूं,
क्योंकि मैं पिछड़ा हूं
क्योंकि मैं अभावग्रस्त हूं
मैं लैफ्ट हूँ, हां पूरा मैं लैफ्ट हूँ।

क्योंकि मैं अन्याय का शिकार हूँ ,
क्योंकि मैं भेदभाव का शिकार हूँ ,
क्योंकि मैं छूआछात का शिकार हूँ,
क्योंकि मैं जातिवाद का शिकार हूँ।
मैं लैफ्ट हूं, हां मैं पूरा लैफ्ट हूँ।

क्योंकि मैं शोषण का शिकार हूँ,
क्योंकि मैं छोटे बड़े का शिकार हूँ,
क्योंकि मैं ऊंच नीच का शिकार हूं
क्योंकि मैं फिरकापरस्ती का शिकार हूं।
मैं लैफ्ट हूँ, हां मैं पूरा लैफ्ट हूँ।

क्योंकि मैं जातिवाद का दुश्मन हूँ
क्योंकि मैं भाषावाद का दुश्मन हूं,
क्योंकि मैं प्रांतीयता का दुश्मन हूं
क्योंकि मैं सांप्रदायवाद का दुश्मन हूं
मैं लैफ्ट हूं, हां मैं पूरा लैफ्ट हूँ।

क्योंकि मैं पूंजीवाद का दुश्मन हूँ,
क्योंकि मैं फासीवाद का दुश्मन हूँ,
क्योंकि मैं साम्राज्यवाद का दुश्मन हूं
क्योंकि मैं भ्रष्टाचारी समाज का दुश्मन हूं।
मैं लैफ्ट हूँ, हां मैं पूरा लैफ्ट हूँ।

क्योंकि मैं न्याय का हामी हूं
क्योंकि मैं समता का हामी हूँ,
क्योंकि मैं समानता का हामी हूँ,
क्योंकि मैं सच्ची आजादी का हामी हूं।
मैं लैफ्ट हूं, हां मैं पूरा लैफ्ट हूँ।

क्योंकि मैं भाईचारे का हामी हूँ,
मैं भारत की जानता का हामी हूं,
क्योंकि मैं सर्व विकास का हामी हूं
क्योंकि मैं सर्व कल्याण का हामी हूं।
मैं लैफ्ट हूँ, हां मैं पूरा लैफ्ट हूँ।

क्योंकि मैं गणतंत्र का हामी हूँ ,
क्योंकि मैं जनवाद की हामी हूँ,
क्योंकि मैं समाजवाद का हामी हूँ,
क्योंकि मैं धर्मनिरपेक्षता का हामी हूं,
मैं लैफ्ट हूं, हां मैं पूरा लेफ्ट हूं।

क्योंकि मैं मजदूर का हामी हूँ,
क्योंकि मैं किसान का हामी हूं,
मैं सारे मेहनतकशों का हामी हूं,
मैं पूरे के पूरे हिंदुस्तान का हामी हूँ,
मैं लैफ्ट हूँ, हां मैं पूरा लैफ्ट हूँ ।

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