हर रोज़ की तरह वो सुबह-सुबह जल्दी उठे। ट्रैक सूट डाला और तैयार हो गए मॉर्निंग वॉक के लिए। पिछले 23 साल से रिटायर्ड आईबी अधिकारी आर एन कुलकर्णी की सुबह हमेशा मॉर्निंग वॉक से होती थी। चार नवंबर के दिन भी वो सुबह वॉक के लिए मैसूर यूनिवर्सिटी के मनासा गंगोत्री कैंपस की तरफ निकले, तभी एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। 83 साल के आ एन कुलकर्णी जमीन पर गिर गए। आसापास कुछ लोग वहां इकट्ठा हुए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
रोड एक्सीडेंट नहीं हत्या
वो मॉर्निंग वॉक उनकी ज़िंदगी का आखिरी वॉक बन गया। पहली नज़र में आईबी ऑफिसर की मौत सड़क दुर्धटना लगी, लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो बेहद चौंकाने वाली थ्योरी सामने आई। पुलिस के मुताबिक 83 साल के इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी की मौत रोड एक्सीडेंट नहीं, हत्या थी। यानी मॉर्निंग वॉक के वक्त जानबूझकर उस कार नेआर एन कुलकर्णी को टक्कर मारी। कातिल ये जानता था कि वो रोज़ सुबह वॉक के लिए मैसूर यूनिवर्सिटी के मनसा कैंपस की तरफ आते हैं और इसलिए वहां उन्हें हिट कर दिया गया ताकि किसी को हत्या का शक भी न हो।
क्यों हुआ IB ऑफिसर का कत्ल?
आखिर कौन थे वो हत्यारे जिन्होंने एक पूर्व आईबी अधिकारी को मौत दी। क्या आर एन कुलकर्णी की किसी से दुश्मनी थी। क्या उनके आईबी कनेक्शन की वजह से उनकी हत्या की गई। ये सारे सवाल पुलिस के सामने थे और पुलिस ने महज पांच दिन ने हत्या की इस गुत्थी को सुलझा भी लिया। क्यों हुई हत्या और कौन था हत्यारा ये हम आपको बताएंगे उसके पहले आर एन कुलकर्णी के बारे थोड़ा जा लीजिए। आखिर क्यों पुलिस ये मान रही थी कि उनके काम से जुड़े किसी दुश्मन का इस हत्या के पीछे हाथ हो सकता है।
आतंकवाद पर लिखी थी किताब
आर एन कुलकर्णी ने 35 तक साल इंटेलिजेंस ब्यूरो में बड़े पदों पर काम किया। आईबी में होने की वजह से कई बुरे लोगों से भी उनका सामना हुआ। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने तीन बुक भी लिखी। ये बुक भारत में आतंकवाद को लेकर लिखी गई थीं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही कुलकर्णी की किताबों का विमोचन किया था। तो पुलिस इस दिशा में आगे बढ़ रही थी कि उनके काम से ताल्लुक रखने वाले किसी शख्स ने तो उनका कत्ल नहीं किया। ये भी जांच की जा रही थी कि उनकी आतंकवाद पर लिखी किताब से तो कही उनकी मौत का कोई लेना देना नहीं।
कार में नहीं थी नंबर प्लेट
दरअसल जिस कार ने आर एन कुलकर्णी को हिट किया उस कार में नंबर प्लेट नहीं लगी हुई थी। पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खगाली तो पूरी तस्वीर साफ हुई। सीसीटीवी में साफ दिख रहा था कि एक बिना नंबर प्लेट वाली कार जानबूझकर उन्हें हिट कर गई। पूर्व आईबी ऑफिसर की हत्या की खबर से मैसूर में सनसनी फैल गई। तुरंत तीन पुलिस अधिकारियों की टीम इस जांच में जुट गई। मैसूर के जयलक्ष्मी थाने में ये मामला दर्ज हुआ था।
पड़ोसी निकला कातिल!
चार दिन तक पुलिस की टीम इस केस से जुड़े तमाम पहलुओं पर जांच करती रही और आखिरकार रिटायर्ड आईबी अधिकारी की हत्या की गुत्थी सुलझ ही गई। अब ये खबर सामने आ रही है कि रिटायर्ड आईबी ऑफिसर की हत्या के पीछे उनके एक पड़ोसी का हाथ है। उनके घर के ठीक बगल में रहने वाले शख्स ने ही कार से उन्हें हिट किया। उनके पड़ोसी को ये बात अच्छे से पता थी कि वो रोज सुबह वॉक के लिए जाते हैं और इसलिए पड़ोसी कत्ल का प्लान बनाया, जिसमें वो कामयाब भी हो गया।
निर्माण कार्य को लेकर झगड़ा
खबरों के मुताबिक कुछ समय पहले आर एन कुलकर्णी और उनके पड़ोसी मनु के बीच कुछ समय से झगड़ा चल रहा था। कुछ समय पहले उन्होंने कुछ कंस्ट्रक्शन का काम करवाया था और उसी दौरान दोनों के बीच हुआ झड़प हुई थी। तब से दोनों के बीच आपस में बात भी नहीं होती थी, लेकिन कोई ये नहीं सोच सकता था कि वो उस बात का इस तरह से बदला लेगा। इतने मामूली से विवाद में सोच-समझकर कत्ल करने का ये मामला बेहद हैरान करने वाला है।
आरोपी ने कबूल किया जुर्म
पुलिस ने आर एन कुलकर्णी के पड़ोसी मनु को गिरफ्तार कर लिया है। मनु का कंस्ट्रक्शन का बिजनेस है। मनु ने ही पूर्व आईबी ऑफिसर की हत्या की प्लानिंग की थी। इस प्लानिंग में उसके एक दोस्त अरूण गौड़ ने उसका साथ दिया था। अब दोनो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। मनु ने कबूल कर लिया है कि उसने ही कत्ल किया।