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मोदीसरकार अगर 2024 के बाद भी सत्ता में पुनर्वापसी करती है,तब !

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-निर्मल कुमार शर्मा,

         आज का वर्तमान समय ऐसे संकट से गुजर रहा है कि हम सभी को अपने छोटे-छोटे आपसी वैचारिक मतभेदों को परित्याग कर इस फॉसिस्ट, हिटलर के पदचिन्हों पर चलनेवाले क्रूर भारतीय तानाशाह को जल्दी से जल्दी बेदखल करना निहायत जरूरी है ! 
केन्द्र में यह फॉसिस्ट विचारधर्मी व्यक्ति अभी ढाई साल सत्ता में और समय तक रहेगा ! मतलब 2024 तक ! इतने समयान्तराल में यह इस राष्ट्रराज्य और इस देश का कितना नुकसान कर देगा ! वह भी कल्पनातीत है ! लेकिन अगर यह फॉसिस्ट विचारधारा का पोषक व्यक्ति और दुनिया की सबसे बड़ी सुसंगठित,सशक्त और वैचारिक आतंकवादी संगठन इसकी पितृ संस्था,जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कहते हैं,अगर 2024 के बाद भी सत्ता में पुनर्वापसी करते हैं तो उस समय के खौफनाक मंजर को लिखने में हम बिल्कुल असहाय है ! 
2024 के बाद हमारे -आप के जैसे लोगों की नियति संभवतया फर्जी केसों में फँसाकर जेलों में सड़ाए जा रहे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं,वकीलों,प्रोफेसरों,लेखकों,कवियों आदि यथा वर्नन गोंजाल्विस और गरीबों के केस लड़नेवाले दयालु वकील अरूण फरेरा,गौतम नवलखा,महेश राउत,नताशा नरवाल,हैनी बाबू,सुधीर ढावले,गौतम गिलानी,देवांगना कालिता,सुरेंद्र गाडगिल,कवि बरबरा राव,प्रोफेसर प्रकाश तेलतुबंड़े,ईमानदार आईपीएस अफसर संजीव भट्ट आदि जैसे कर्मठ,सत्यपरक, कर्तव्यपरायण परोपकारी व नेकदिल लोगों को गिरफ्तार करके पिछले दो सालों से उन्हें जेलों में गैरकानून रूप से सड़ाया जा रहा है ! या उससे भी क्रूरतम् कृत्यों मसलन प्रोफेसर कलबुर्गी,कामरेड पानसारे,डॉक्टर नरेन्द्र दाभोलकर और प्रखर पत्रकार गौरी लंकेश की भी नियति हो सकती है ! यह भी याद कर लीजिए कि इस देश के लिए अपना सबसे अमूल्य चीज अपने जीवन की कुर्बनी देनेवाले देश के वीर जवानों की पावन स्मृति को जो इस देश के हर नर-नारी के दिलों में संजोनेवाली इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति 21-1-2022 को मोदी ने सदा के लिए बुझा दिया है !
 यह व्यक्ति और इसकी पितृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इस देश के स्वतंत्रता संग्राम में रत्तीभर भी योगदान नहीं है,इतिहास गवाह है कि ये राष्ट्रहंता और इस देश के दुश्मन और गद्दार विभीषण उलटा ब्रिटिशसाम्राज्यवादियों के पक्ष में बेशर्मी से खड़े थे,वही कायर अब 1971में पाकिस्तान को धूल चटाने वाले भारतीय सेना के वीर जवानों की पावन स्मृति को बेशर्मी से मिटाने का कुकृत्य कर रहे हैं और देश की लौह महिला और वीरांगना इंदिरा गांधी के विराट व्यक्तित्व से आतंकित होकर उनके हर स्मृतिस्थल को विनष्ट करने पर आमादा हैं ! इसलिए मेरा इतना ही निवेदन है कि निष्पृह,निष्पक्ष,मानवीय,सत्य विचारों के राह में कृपा करके अवरोधक कदापि मत बनिए ! शुभकामनाओं सहित।

-निर्मल कुमार शर्मा, ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के समाचार पत्र-पत्रिकाओं में पाखंड,अंधविश्वास,राजनैतिक, सामाजिक,आर्थिक,वैज्ञानिक,पर्यावरण आदि सभी विषयों पर बेखौफ,निष्पृह और स्वतंत्र रूप से लेखन ‘, गाजियाबाद, उप्र,

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